दुर्ग 08 जनवरी 2024:- पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाई रसमडा सातबहनिया मंदिर में मृतक को टांगिया और त्रिशूल से मार कर मौत के घाट उतारा गया मृतक की पहचान छुपाने चादर कमर डालकर जला दिया गया शव को पुलिस के लगातार प्रयास से मिली सफलता दर्जनों सीसीटीवी कैमरा और लगाए गए मुखबिरी से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने आरोपी को धर दबोचा हत्या के आरोपियों और कोई नहीं मंदिर का केयरटेकर ही निकला जिसने वारदात करना कबूल कर लिया इस बात की जानकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर अभिषेक झा ने आज पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहीं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा ने बताया कि 30/07/2023 को सतबहनिया मंदिर रसमड़ा के मंच में मृतक अज्ञात पुरूष उम्र करीबन 30-40 वर्ष को घटना 30/07/2023 के 15/30 बजे के पूर्व किसी अज्ञात आरोपी द्वारा त्रिशुल से मारकर हत्या कर उसके शरीर को जला दिये जाने की सूचना पर मर्ग कमांक 96/2023 धारा 174 द.प्र.स. कायम कर पुलिस चौकी अंजोरा थाना पुलगांव जिला दुर्ग में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध दिनांक 02/08/2023 को अपराध कमांक 297/2023 धारा 302,201 का मामला पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही थी
कि उक्त अंधे कत्ल की गुत्थी जल्द से जल्द सुलझाने पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग रामगोपाल गर्ग के मार्गदर्शन में अति. पुलिस अधीक्षक (शहर) अभिषेक झा, नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग मणीशंकर चंद्रा के निर्देशन में थाना प्रभारी मोहननगर विजय यादव, चौकी प्रभारी अंजोरा रामनारायण सिंह ध्रुव के नेतृत्व में थाना प्रभारी मोहन नगर व चौकी प्रभारी अंजोरा अपने टीम के साथ लगातार उक्त मामले के खुलासे कि लिये प्रयासरत थे कि घटना दिनांक से सतबहनिया मंदिर में रह रहे रामचरण चंद्राकर फरार था जिसकी पतातलास की जा रही थी
जिनकी पता तलास हेतु मुखबीर लगाई गई थी विवेचना दौरान 08/01/2024 को मुखबीर सूचना प्राप्त हुई कि रामचरण चंद्राकर अपने घर शक्तिगनर दुर्ग आया हुआ है कि सूचना पर तत्काल घेराबंदी कर रामचरण चंद्राकर को अपने घर से रेल्वे स्टेशन आते समय ग्रीन चौक के पास पकड़ा गया जिन्होने सतबहनिया मंदिर में अज्ञात पुरूष उम्र करीबन 30-40 वर्ष की हत्या करना बताया जिससे आरोपी का समक्ष गवाहान मेमोरंडम कथन लिया गया
जिन्होने अपने कथन में बताये कि 27/07/2023 को लोकल ट्रेन से साल्हेकसा महाराष्ट्र में उतरकर पटरी पटरी डिब्बा बीनते हुये दरेंकसा तरफ जा रहा था वहीं बीच रेल्वे ट्रेक में एक व्यक्ति मिला जिनसे आपस में बातचीत किया और अपना नाम राजू बताया पता नहीं बताया और मुझे जहां तुम रहते हो मुझे भी ले चलो मैं भी बेघर हूं बोलने लगा तब मैं उस उसे अपने साथ रसमड़ा सतबहनिया मंदिर लाया कुछ घंटे रूकने के बाद शाम को वह मंदिर से चला गया दूसरे दिन फिर मिला और रात्रि में मेरे साथ सतबहनिया मंदिर रसमड़ा में रूका सुबह 04-05 बजे उठकर चला गया।
30/07/2023 को मंदिर की लिपाई करने गोबर बीनने गया था करीबन दोपहर 12-01 बजे वापस सतबहनिया मंदिर आया तो राजू एक मोटर सायकल हीरो होंडा स्प्लेंडर से आकर मंदिर में बैठा था वह मंदिर में बैठकर मछली वगैरह खाया था तथा शराब पिया हुआ था व अपने साथ बोरी में रिंग जैसा सामान लेकर आया था जिसे पूछने पर वह बताया कि यह सामान रेल्वे का है तब मेरे द्वारा उसे बोला गया कि रेल्वे का सामान यहां क्यों लाये हो में मंदिर में अकेले रहता हूं मुझे पुलिस वाले पकड़ लेंगे तुम ऐसा सामान मत लाया करो तब वह मुझे मां बहन की गाली देने लगा तब हम दोनों मारपीट होने लगे उस समय हम दोनों के अलावा कोई नहीं था
मारपीट के दौरान राजू माता रानी के मंदिर के अंदर लगे त्रिशुल को तोड़ दिया तथा मंदिर परिसर में स्थापित शिवलिंग में लपटे नाग प्रतिरूप को तोड़ने लगा तथा वहां लगे त्रिशुल को भी तोड़ने का प्रयास किया जिससे मैं मना किया वह नहीं माना और मंदिर में तोड़फोड़ करना जारी रखा जिसे मैं मंदिर में रखे टंगिया को लेकर उसे जान से मारने के लिये दौड़ाया तब वह मंच में चढ़ने लगा उसी समय मैं टंगिया से उसके गर्दन में मारा जिससे टंगिया उसके चेहरे की ओर पड़ा जिससे राजू मंच में गिर गया उसके बाद मैं टंगिया से उसके सीने पर वार किया उसके बाद राजू द्वारा तोड़ें गये मंदिर के त्रिशुल से उसके पेट व सिर में वार किया जिससे वह मर गया
तब मैं काफी डर गया और उसकी पहचान छिपाने के लिये अपने ओढ़ने बिछाने के लिये रखे कंबल तथा पहनने वाले कपड़ों व मंदिर में पेटी में रखे मातारानी के कपड़े वहां रखे अखबार पेपर को हड़बड़ी में राजू के शव पर सिर की ओर डाल कर माचिस मारकर राजू को जिस टंगिया से मारा था उसे मंदिर के पास झाड़ी में छिपाकर वहां से भाग कर रसमड़ा रेल्वे ट्रेक आया वहां पर एक कोयले से भरी ट्रेन खड़ी थी जिसमें चढ़कर मुढ़ीपार स्टेशन चला गया वहां से लोकल ट्रेन से रायपुर रेल्वे स्टेशन गया
जहां राजू के साथ मारपीट के दौरान मेरे बांये पैर में लगे चोट के ईलाज हेतु मेकाहारा अस्पताल के बाहर मेडिकल से दवाई लेकर पट्टी किया बाद रायपुर के चौड़ी गया जहां से मजदूरी काम मिलने पर काम करता तथा रात्रि को स्टेशनों में सोता था और छुपछुपकर रहता था। आरोपी सदर आज दिनांक को अपने घर शक्तिनगर दुर्ग आया था मेरे घर में ताला लगा मिला तो मैं वहां से रायपुर जाने पैदल रेल्वे स्टेशन दुर्ग की ओर जा रहा था ग्रीन चौक के पास पहुंचा था आरोपी को पकड़ा गया तथा आरोपी द्वारा हत्या में प्रयुक्त टंगिया को सतहनिया मंदिर के पास झाड़ियों में छुपाकर रखा गया था जिसे बरामद किया गया है। अरोपी का कृत्य धारा सदर का अपराध घटित करना पाये जाने से आरोपी को 08/01/2024 के 14/45 बजे गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा जा रहा है।