भिलाईनगर 2 मार्च 2024 :-सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन हमेशा अपने कर्मचारियों के कार्य-कौशल, ईमानदार और उल्लेखनीय प्रयासों के लिए उन्हें सम्मानित करता रहा है। संयंत्र की सफलता, यहाँ के कर्मचारियों द्वारा किये गए कड़ी मेहनत, उल्लेखनीय प्रयास, असाधारण दृष्टिकोण और उनके समर्पण का ही प्रतिफल है। संयंत्र तो एक ढांचा मात्र है, जिसे जीवित बनाती है इसकी आत्मा यानी, यहाँ के कर्मचारियों की लगन। ये कर्मचारी विभिन्न समूहों में, अलग-अलग शिफ्ट में दिनरात मेहनत करके संयंत्र के विभिन्न कारखानों के लिए आवश्यक रॉ मटेरियल की आपूर्ति करते हुए, उत्पादन की निरंतरता को बनाये रखते हैं। ये प्रयास, चाहे कार्यस्थल पर उनके सराहनीय कार्यों का प्रदर्शन हो या सुरक्षा प्रोटोकॉल का सचेत अनुपालन हो, भिलाई इस्पात संयंत्र में ईमानदार प्रयासों की हमेशा सराहना की जाती है।
संयंत्र के कर्मचारियों को इसके लिए पुरस्कारों से सम्मानित करने का मुख्य उद्देश्य, सुरक्षा के मानक मापदंडों का पालन करते हुए संगठनात्मक उद्देश्यों को पूर्ति करके कार्यस्थल पर उनके द्वारा प्रदर्शित ईमानदार प्रयासों और कड़ी मेहनत को स्वीकार करना और उन्हें सम्मान देना है। ऐसी ही एक पहल में, कर्मचारियों को किसी विशेष कार्य या शिफ्ट के दौरान उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उनके विभाग प्रमुख द्वारा प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाता है। जिसमें भिलाई इस्पात संयंत्र के 2 अधिकारी सहित 1 कार्मिक ने अपने विभागों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ये प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया।
मुख्य महाप्रबंधक (यूआरएम) श्री अनीश सेनगुप्ता ने, सहायक महाप्रबंधक (यूआरएम) श्री आनंद कुमार टाके, वरिष्ठ प्रबंधक (यूआरएम) श्री अरविन्द कुमार साहा और सीनियर ऑपरेटिव (ब्लूमिंग/बिलेट मिल) श्री दीपक खडतकर को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। श्री सेनगुप्ता ने संबंधित अधिकारियों की सराहना करते हुए, प्रशस्ति पत्रों में यह उल्लेख किया कि, “मैं आपके द्वारा किए गए अच्छे काम की सराहना करता हूं। मुझे आशा है, कि आप भविष्य में भी अपने ईमानदार प्रयास जारी रखेंगे और दूसरों के बीच उत्कृष्टता की संस्कृति का प्रसार करेंगे।”
उल्लेखनीय है कि श्री आनंद कुमार टाके को यह सम्मान, 05 फरवरी 2024 को बी शिफ्ट में, 167 रेल की रोलिंग के उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु प्रदान किया गया। पूरी शिफ्ट के दौरान सेक्शन के साथ-साथ क्षति मुक्त सतह को बनाए रखना कठिन था। वहीँ 05 फरवरी 2024 को ही ए-शिफ्ट में श्री अरविन्द कुमार साहा ने 153 रेल पटरियों का विजुअल इंस्पेक्शन कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस पूरी शिफ्ट के दौरान LINE-1 और LINE-4 की OS समस्या को हल करना आसान नहीं था, लेकिन अरविन्द कुमार ने इस चुनौती को स्वीकारते हुए, थर्ड पार्टी के निरीक्षकों के साथ निरंतर संपर्क बनाये रखा और इस उपलब्धि को संभव बनाया। साथ ही 05 फरवरी 2024 को बी शिफ्ट में, श्री दीपक खडतकर ने 167 रेलों को फर्नेस से रोलिंग के लिए डिस्चार्ज का कार्य पूर्ण करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। पूरे शिफ्ट के दौरान इस सप्लाई को बरकरार रखना काफी मुश्किल था। इनके अथक प्रयासों ने, सीमित जन-शक्ति के माध्यम से भी ना सिर्फ प्रभावी संचालन का प्रबंधन संभव करके दिखाया, बल्कि अपनी योजनाओं और उसके निर्धारित चरणों के अनुरूप योजना का क्रियान्वयन भी किया। जिससे, संयंत्र प्रबंधन द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किया और अब तक का सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड बनाने की दिशा में प्रशंसनीय योगदान एवं उल्लेखनीय कार्य किया है।अ
श्री आनंद कुमार टाके ने कहा, कि ये प्रशस्ति पत्र बीएसपी प्रबंधन द्वारा, हमेशा से हमारे प्रयासों के लिए दिया जा रहा है। प्रयासों की सराहना करने से निश्चित रूप से सभी कर्मचारियों का उत्साह बढ़ता है और हम सभी अपने निर्धारित लक्ष्य से परे सेल और बीएसपी के लिए कुछ बेहतर हासिल करने के लिए प्रेरित होते हैं। हमारी पूरी टीम ने अपनी उत्पादन क्षमता की दर बढ़ाई, जैसे श्री दीपक खडतकर जो फर्नेस के इंचार्ज है उन्होंने बताया की फर्नेस का एवरेज डिस्चार्ज रेट 20-21 है, जबकि टीम ने योजनाबद्ध तरीके से, हर घंटे में सेकंड और मिनट की बचत करते हुए, 22-23 डिस्चार्ज रेट से 167 रेल की रोलिंग को सम्भव बनाया। आनंद कुमार ने कहा, की योजना के अनुरूप कार्य करने से, प्रति शिफ्ट व प्रति दिन के एवरेज उत्पादन में वृद्धि हुई और रोलिंग में एक निर्धारित बेंचमार्क प्राप्त किया जा सका। यह हमारे लिए स्थिर उपलब्धि नहीं है, किन्तु यूआरएम की टीम ने इससे यह साबित किया है, कि योजनाबद्ध तरीकों और प्रयासों से वार्षिक व्यावसायिक योजना (एनुअल बिज़नस प्लान) को हासिल किया जा सकता है।
श्री अरविन्द कुमार साहा ने कहा, कि उत्पादन के नियोजित स्तर को प्राप्त करने हेतु, हमें प्रो एक्टिव एक्शन लेना होता है और इसकी निरंतरता बनाये रखने के लिए एक व्यवस्था प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता होती है। क्योकि प्रबंधन प्रणाली के बिना किसी भी कार्य में स्थिरता प्राप्त करना बहुत ही कठिन है। व्यवस्था प्रणाली के विकास से ही एक निर्धारित प्रक्रिया को किसी सीमा तक नियंत्रित करने के लिए उसकी प्रतिक्रिया (फीडबैक) सम्भव हो पाता है। तभी स्थिरता के साथ हम किसी उत्पाद का निरंतर निर्माण कर पाएंगे और उस प्रक्रिया को प्रभावशाली तरीके से एक संस्कृति के रूप में स्थापित कर पाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया औए इस एप्रिशियेशन लैटर से हम सभी में आत्मविश्वास उत्पन्न होता है, कि मैंने ये टारगेट अचीव कर लिया जो आगे आने वाली चुनौतियों के लिए हमें तैयार करते हैं। उन्होंने कहा टीम वर्क और उच्च प्रबंधन द्वारा समय-समय पर सही मार्गदर्शन मिलता रहा है, जिसने हमें प्रेरित किया जो हमारे प्रेरणास्त्रोत के रूप में हमेशा साथ रहकर हमारा मार्गदर्शन करते रहे हैं।