कथा को श्रद्धा से पढ़ने या सुनने से हृदय में वास करते है ईश्वर- आचार्य संदीप….माथे पर चंदन और शिखा सनातनी की पहचान,- सुमधुर भजनों में झूमें भक्त…..भागवत कथा को श्रद्धा से पढ़ने या सुनने से हृदय में वास करते है ईश्वर- आचार्य संदीप..

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कथा को श्रद्धा से पढ़ने या सुनने से हृदय में वास करते है ईश्वर- आचार्य संदीप….माथे पर चंदन और शिखा सनातनी की पहचान,- सुमधुर भजनों में झूमें भक्त…..भागवत कथा को श्रद्धा से पढ़ने या सुनने से हृदय में वास करते है ईश्वर- आचार्य संदीप

भिलाई नगर 10 जनवरी 2025:- जो मनुष्य श्रद्धा से भागवत कथा को पढ़ते या सुनते है तो वे कथा का श्रवण करते समय अपनी भक्ति से ईश्वर को अपने हृदय में अविचल रुप से स्थापित कर लेते है। ईश्वर का ज्ञान और उनमें भक्ति को प्राप्त करने के दो परम साधन कथा को सुनना व पढ़ना ही माना गया है। जिसके लिए मनुष्य कामना करें और यह दोनो साधन भागवत कथा से पूरी तरह मिल जाते है। प्रभु के प्रति अटूट भक्ति के संदर्भ में यह बातें आचार्य संदीप तिवारी ने भागवत सप्ताह के द्वितीय दिवस बताई। कथा के दूसरे दिन यजमान अमित व सपना श्रीवास्तव और गायनोलॉजिस्ट डॉ मानसी गुलाटी व ,,,,प्रीतपाल बेलचंदन ने कथा सुनकर आरती में भाग लिया।

सम्प्रति सेवा समिति भिलाई के तत्वावधान में श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह का आयोजन 1 से 5 बजे तक श्रीरामभद्र सेवा मंडल सेक्टर 2 में सर्वजन कल्याणार्थ के उद्देश्य से किया गया है। शुक्रवार को आचार्य पं संदीप तिवारी द्वारा कथा के द्वितीय दिवस मंगलाचरण, सुकदेव अवतार, राजा परिक्षित जन्म, श्रृष्टी विस्तार, हिरण्याक्ष वध, वाराह अवतार, कर्दम ऋषि का देहुति का विवाह व उनकी नो कन्याओं के साथ एक पुत्र कपिल अवतार के साथ वराह अवतार आदि प्रसंगों का विस्तार पूर्वक व्याख्या किया गया।

बताया सृष्टि का विस्तार,,,,

कथावाचक ने कथा के दूसरे दिन मनुष्यों में दया भाव व उदारता के संदर्भ में कथा की व्याख्या करते हुए बताया कि भागवत रुपी ज्ञान की गंगा मनुष्य के लिए अत्यंत परोपकारी है। यह कथा ज्ञान भक्ति का विशाल समुद्र है। मनुष्यों में परस्पर प्रेम और प्राणिमात्र के प्रति दया का भाव स्थापित करने के लिए इससे बड़ा कोई साधन नही है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे प्रभु ने सृष्टि का विस्तार किया।

भजनों में झूम उठे भक्त,,,,

कथा के दौरान सुमधुर भजनों से पूरा वातावरण भक्ति में सराबोर दिखाई दिया। भागवत कथा सप्ताह में चित्रकूट से आए भजन कलाकारों दव्ारा सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी जा रही है। कथा व भजनों को सुुनने सैंकड़ों की संख्या में भक्त कथा पंडाल में प्रतिदिन पहुंच रहे है।

आज होगी इनकी व्याख्या

भागवत सप्ताह के तीसरे दिन कपिल देवहूति संवाद, सती चरित्र, शिव पार्वती विवाह, जड़ भरत कथा, ध्रुव चरित्र, अजामिल उपाख्यान, गजेन्द्र मोक्ष एवं वामन अवतार कथा के प्रसंगों का विस्तार से व्याख्या आचार्य संदीप तिवारी द्वारा किया जाएगा। उन्होंने शनिवार को द्वादशी तिथि अनुसार अयोध्या में प्रभु राम के जन्मदिवस के एक वर्ष पूर्ण होने की खुशी में आज सभी को पांच दीप घर से लाकर से महाआरती में शामिल होने को कहा है।


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