सावधानी आवश्यक: आयकर, जीएसटी व वैट अनुपालनों के लिए 31 मार्च 2025 अंतिम तिथि, भुगतान व अनुपालन में लापरवाही से बचें— सीए पियूष जैन, पूर्व चेयरमेन – भिलाई शाखा, ICAI


भिलाई नगर 27 मार्च 2025:- जैसे-जैसे वित्तीय वर्ष 2024–25 समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे करदाताओं और व्यापारियों के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वे अपने सभी वित्तीय एवं कर संबंधी अनुपालनों की समय रहते समीक्षा करें। एक भी चूक उन्हें भारी कर भार, ब्याज, दंड एवं कानूनी विवादों की ओर ले जा सकती है। विशेषकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME), व्यापारिक प्रतिष्ठानों और करदाताओं के लिए मार्च का महीना सबसे अहम होता है।


इस लेख के माध्यम से मैं करदाताओं का ध्यान उन प्रमुख अनुपालनों की ओर आकर्षित करना चाहता हूं, जिनका निपटान 31 मार्च 2025 से पूर्व करना अत्यंत आवश्यक है।

MSME भुगतान समय पर न करने पर आयकर में खर्च अस्वीकृत (धारा 43B (h))
पिछले वर्ष के वित्त विधेयक के अनुसार, यदि कोई करदाता Udyam रजिस्टर्ड सूक्ष्म या लघु उद्यम से माल या सेवा खरीदता है, तो उसे निर्धारित समयावधि में भुगतान करना आवश्यक है। यदि क्रेता और विक्रेता के बीच कोई लिखित अनुबंध नहीं है, तो भुगतान 15 दिनों में, और यदि लिखित अनुबंध है तो 45 दिनों में करना होता है।
यदि यह भुगतान उपरोक्त अवधि में नहीं होता है, तो यह आयकर अधिनियम की धारा 43B(h) के अनुसार स्वीकार्य खर्च नहीं माना जाएगा और आपकी कर योग्य आय में जोड़ दिया जाएगा। इसका सीधा असर आपकी आयकर देनदारी पर पड़ेगा।

यह ध्यान देने योग्य है कि यह प्रावधान केवल सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों से की गई खरीद पर लागू होता है, जबकि व्यापारियों, ट्रेडर्स या अन्य विक्रेताओं से की गई खरीद पर यह लागू नहीं होता।
इसलिए व्यापारियों, कंपनियों और प्रोफेशनल फर्मों से अपील है कि यदि उन्होंने किसी MSME विक्रेता से माल या सेवा ली है और भुगतान अभी बकाया है, तो वह भुगतान 31 मार्च 2025 से पहले हर हाल में कर दिया जाए।
जीएसटी ब्याज और दंड माफी योजना (धारा 128A) – 31 मार्च तक कर भुगतान आवश्यक
केंद्र सरकार ने जीएसटी के शुरुआती वर्षों में करदाताओं को हुई व्यावहारिक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए धारा 128A के अंतर्गत एक विशेष राहत योजना लागू की है। इसके अनुसार, यदि किसी करदाता के खिलाफ वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 या 2019-20 के लिए Section 73 के अंतर्गत डिमांड नोटिस जारी हुआ है, तो वह करदाता यदि 31 मार्च 2025 तक पूरा टैक्स चुका देता है, तो उस पर लगाया गया ब्याज और पेनल्टी माफ कर दिया जाएगा।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए यह दो शर्तें जरूरी हैं:
- 31 मार्च 2025 तक मूल कर राशि का पूर्ण भुगतान करना होगा, और
- 30 जून 2025 तक संबंधित प्रपत्र दाखिल करना होगा।
यह एक ऐतिहासिक अवसर है जहां करदाता बिना अतिरिक्त बोझ के पुराने विवादों को सुलझा सकते हैं। योजना केवल Section 73 (non-fraud cases) के लिए लागू है और इसका लाभ उठाकर लाखों रुपये के दंड व ब्याज की देनदारी से बचा जा सकता है।
अग्रिम कर की अंतिम किस्त 31 मार्च तक अदा करें
आयकर अधिनियम के अंतर्गत यदि किसी करदाता की कुल कर देनदारी ₹10,000 से अधिक है, तो उसे वित्तीय वर्ष में अग्रिम कर देना अनिवार्य है। इसकी अंतिम किस्त का भुगतान 31 मार्च 2025 तक करना होता है। यदि निर्धारित तिथि तक अग्रिम कर नहीं दिया गया, तो धारा 234B और 234C के अंतर्गत ब्याज लगेगा, जिससे आपकी कुल देनदारी में बढ़ोत्तरी होगी।

इसलिए मैं सभी प्रोफेशनल्स, कंपनियों, पार्टनरशिप फर्मों और व्यवसायियों को सलाह दूंगा कि वे वर्षांत लाभ की गणना कर लें और अग्रिम कर भुगतान समय पर कर दें।
छत्तीसगढ़ में वैट/सीएसटी बकाया मामलों हेतु ओटीएस योजना – अंतिम तिथि 31 मार्च 2025
छत्तीसगढ़ वाणिज्य कर विभाग ने एकमुश्त समझौता (OTS) योजना की घोषणा की है, जिसके अंतर्गत करदाता लंबित वैट, सीएसटी बकाया एवं अपील योग्य मामलों का समाधान कर सकते हैं। इस योजना में केवल मूल कर का भुगतान करना होता है, जबकि ब्याज व दंड को सरकार द्वारा माफ कर दिया जाता है।
यह योजना 31 मार्च 2025 तक वैध है। इससे उन व्यवसायियों को राहत मिलेगी जो वर्ष 2005 से 2017 के बीच VAT कानून के अंतर्गत पंजीकृत थे और अब उनके विरुद्ध कोई बकाया या मुकदमा लंबित है।
OTS योजना में आवेदन कर व्यापारी व व्यवसायी अपने पुराने मामलों से ससम्मान बाहर निकल सकते हैं।

अन्य महत्वपूर्ण वर्षांत अनुपालना
इसके अतिरिक्त निम्नलिखित अनुपालनों को भी 31 मार्च तक पूरा करना आवश्यक है:
टीडीएस एवं टीसीएस की समय पर कटौती एवं जमा
GST रिटर्न (GSTR-1, 3B) की समय पर फाइलिंग
स्टॉक वैल्यूएशन, बैलेंस शीट समापन, प्रोविज़न, बैड डेब्ट आदि की बुक एंट्री
ITC मिलान GSTR-2B के अनुसार
ROC, PF, ESIC एवं अन्य विधिक अनुपालना की समीक्षा

निष्कर्ष
हर वर्ष मार्च का महीना केवल बैलेंस शीट बंद करने के लिए नहीं, बल्कि कर व विधिक जिम्मेदारियों के पूर्ण और समुचित निष्पादन के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। इस वर्ष लागू की गई योजनाएं MSME, जीएसटी व राज्य कर के क्षेत्र में एक बार का अवसर प्रदान कर रही हैं। मेरा MSME व्यवसायियों, प्रोफेशनल्स और उद्योग प्रतिनिधियों से निवेदन है कि समय रहते सभी जरूरी कार्यवाही पूरी करें और अनावश्यक कर बोझ व दंड से बचें।




