नई दिल्ली 7 अगस्त 2023 :- ईडी को फिर लगा है तगड़ा झटका शराब कथित नकली होलोग्राम मामले में ग्रेटर नोएडा के कासना थाने में दर्ज FIR पर सुप्रीम कोर्ट ने केस से जुड़े सभी लोगों को बड़ी राहत दी है याचिकाकर्ताओं के पक्ष में बड़ा फैसला आया है सुप्रीम कोर्ट डबल बेंच ने इस FIR में दर्ज सभी लोगों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है इस तरह सुप्रीम कोर्ट से ED को एक बार फिर तगड़ा झटका मिला है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नो कर्सिव स्टेप्स (No coercive steps ) यानी किसी भी प्रकार की गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कौल और जस्टिस सुधांशु धुलिया की डबल बेंच ने याचिकाकर्ताओं के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद राहत भरा फैसला सुनाया है.
बता दें कि इस मामले में छत्तीसगढ़ के स्पेशल सेक्रेटरी एक्साइज, एक्साइज कमिश्नर समेत 5 लोगों के खिलाफ नोएडा के थाना कासना में केस दर्ज किया गया था, जिस पर सुनवाई करते हुए यह कोर्ट ने यह अहम निर्णय लिया है.
ED के अधिवक्ता सौरभ पांडे के मुताबिक, नोएडा में दर्ज हुए FIR मामले में सुप्रीम कोर्ट से नो कर्सिव स्टेप के निर्देश दिए गए हैं। आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा। लेकिन जांच जारी रहेगी। आरोपियों को जांच में पूरा सहयोग करना होगा। पूछताछ में शामिल होना होगा। नो कर्सिव स्टेप का निर्देश 21 अगस्त तक लागू रहेगा। दरअसल प्रदेश में चल रहे शराब घोटाला मामले में नकली होलोग्राम का इस्तेमाल करने की शिकायत प्रवर्तन निदेशालय ने नोएडा के कासना थाना में दर्ज करवाई थी।
दरअसल प्रदेश में चल रहे शराब घोटाला मामले में नकली होलोग्राम का इस्तेमाल करने की शिकायत प्रवर्तन निदेशालय ने नोएडा के कासना थाना में दर्ज करवाई थी।
इस मामले में नोएडा पुलिस प्रदेश के आरोपियों को गिरफ्तार करने की तैयारी में थी। लेकिन सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
एक सप्ताह पहले ED की शिकायत पर नोएडा के कासना थाना पुलिस ने आबकारी विभाग के अधिकारी रह चुके अरुण पति त्रिपाठी, आईएएस निरंजन दास, होलोग्राम कारोबारी विधु गुप्ता, अनवर ढेबर और एक वरिष्ठ आईएएस ऑफिसर के खिलाफ धारा 420, 468, 471, 473,484, 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया था।
ED ने सबसे पहले मई के शुरुआती सप्ताह में अनवर ढेबर को अरेस्ट किया और कहा- साल 2019 से 2022 तक 2000 करोड़ का अवैध धन शराब के काम से पैदा किया। इसे दुबई में अपने साथी विकास अग्रवाल के जरिए खपाया। ED की ओर से ऑन रिकॉर्ड बड़ी बात कही गई वो ये कि अनवर ने अपने साथ जुड़े लोगों को परसेंटेज के मुताबिक पैसे बांटे और बाकी की बड़ी रकम अपने पॉलिटिकल मास्टर्स (राजनीतिक संरक्षकों) को दी है। इसके बाद इस केस में आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी, कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन, नितेश पुरोहित, अरविंद सिंह को भी पकड़ गया था। इस केस में फिलहाल अनवर ढेबर को मेडिकल ग्राउंड्स पर जमानत पर छोड़ा गया है।