भिलाई नगर/ रायपुर 16 जुलाई 2024:-छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की 2019 ‘और 2022 भर्ती में गड़बड़ी व भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने रविवार को छुट्टी के बावजूद नवा रायपुर स्थित पीएससी दफ्तर की तलाशी ली और दस्तावेज जब्त किए गए। फिर सोमवार को एजेंसी ने तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी,के रायपुर और भिलाई और सचिव के घरों में छापेमारी की। सोनवानी को जैसे ही सीबीआई के आने की सूचना मिली वे सोमवार सुबह अपने गांव सर्वदा से निकल गए। तब से उनका पता नहीं है। सीबीआई टीम पीएससी दफ्तर से सोमवार रात 8 बजे बाहर निकली। जहां से ओएमआर शीट, कम्प्यूटर और अन्य दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। परीक्षा में चयन हुए अभ्यर्थियों की डिजिटल जानकारी भी ले गए हैं।
छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले मामले में सीबीआई आज एक्शन में आई आज उन्होंने पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव परीक्षा नियंत्रक के बंगलो पर छापे की कार्यवाही को अंजाम दिया सुबह 6:00 बजे से जारी कार्यवाही संध्या 6:00 बजे तक जारी रहा इस दौरान सीबीआई के अधिकारियों ने अनेक आपत्तिजनक दस्तावेज इस कार्यवाही के दौरान बरामद किया है सीबीआई का छापा भिलाई के टाउनशिप के मकान में भी जारी रहा बताया जाता है कि सेक्टर 10 सड़क 44 क्वार्टर नंबर 9c जो पीएससी के पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव का बंगला है इस मकान में भी छापा की कार्यवाही को अंजाम दिया गया।
सीजीपीएससी घोटाला मामले में CBI की एक टीम ने भिलाई में भी छापा मारा है। CGPSC के पूर्व सचिव जीवन किशोर धुरव के सेक्टर 10 स्थित घर में सीबीआई की टीम पहुंची हुई है। मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई के आधा दर्जन अधिकारी धुरव के घर दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।CGPSC के दफ्तर पहुंची टीम मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई की एक टीम छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के कार्यालय भी पहुंची
और वहां भी जांच कर रही है। राज्य सरकार के अनुरोध पर सीबीआई की टीम 2020-2022 की परीक्षा की जांच कर रही है। टीम ने की जांच की पुष्टि CGPSC 2021 की परीक्षा में अनियमितता होने की शिकायत के बाद बीजेपी सरकार ने इसकी जांच का जिम्मा सीबीआई (CBI) को दिया था। बीते एक महीने से केस में गोपनीय जांच कर रहे अफसरों ने सोमवार 15 जुलाई को जांच करने की आधिकारिक पुष्टि की है।
CGPSC परीक्षा में अनियमितता मामले में CBI ने रेड मारी है। CBI के अधिकारी CGPSC के पूर्व अध्यक्ष टामन सोनवानी और पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव के घर पहुंचे हैं। 6 से ज्यादा अफसर कई दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।
यह आरोप है कि तत्कालीन अध्यक्ष के बेटे का चयन कथित तौर पर डिप्टी कलेक्टर, उनके बड़े भाई के बेटे का चयन डिप्टी एसपी एवं उनकी बहन की बेटी का चयन लेबर ऑफिसर, उनके बेटे की पत्नी का चयन डिप्टी कलेक्टर तथा उनके भाई की बहू का चयन जिला आबकारी अधिकारी के पद पर हुआ। आगे यह आरोप है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सचिव ने अपने बेटे का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर कराया।
यह भी आरोप है कि अन्य के अतिरिक्त, छत्तीसगढ़ सरकार के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के पुत्रों, पुत्रियों, रिश्तेदारों के साथ-साथ राजनीतिक नेताओं एवं पदाधिकारियों को डिप्टी कलेक्टर व डीएसपी आदि के रूप में चयनित किया गया।
सीबीआई द्वारा, रायपुर व भिलाई में स्थित सीजीपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष व सचिव के आवासीय परिसरों तथा सीजीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक के आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली जा रही है। इस मामले में जाँच जारी है।
सूचना लीक ना हो, इसके लिए अधिकारी CG पासिंग गाड़ी में पहुंचे हैं। 2021 की परीक्षा में अनियमितता होने की शिकायत के बाद बीजेपी सरकार ने इसकी जांच का जिम्मा CBI को दिया है। बीते एक महीने से केस में गोपनीय जांच कर रहे अफसरों ने सोमवार 15 जुलाई को जांच करने की आधिकारिक पुष्टि की है।
सीबीआई की एक टीम छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के कार्यालय भी पहुंची और वहां भी जांच कर रही है। सीबीआई के सूत्र के अनुसार राज्य सरकार के अनुरोध पर हमारी टीम ने 2020-2022 की परीक्षा की जांच कर रही है।
पद का दुरुपयोग और रिश्तेदारों को भर्ती कराने का आरोप 2020-2022 भर्ती के दौरान डिप्टी कलेक्टर, डिप्टी एसपी और वरिष्ठ पदों के चयन में पक्षपात के आरोप लगे हैं। CGPSC समेत बाकी आरोपियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू/ एसीबी पुलिस स्टेशन, रायपुर में अपराध संख्या 05/2024 और बालोद जिले में स्थित अर्जुन्दा पुलिस स्टेशन में अपराध संख्या 28/2024 के तहत केस दर्ज है।
2020-2022 में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में पदस्थ अफसरों पर आरोप है, कि उन्होंने अपने बेटे, बेटी, रिश्तेदारों, अपने परिचितों को भर्ती करके अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया। खुद के अलावा सरकारी अफसरों, कारोबारियों और राजनेताओं के बच्चों का भी सिलेक्शन नियमों के खिलाफ हुआ है। इन सब मामलों में साक्ष्य जुटाने के लिए सीबीआई के अफसर सोमवार को रायपुर और भिलाई में अलग-अलग जांच कर रहे है।
पूर्व चेयरमैन समेत इनके खिलाफ नामजद FIR
FIR में आयोग के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य अफसरों और नेताओं का नाम है। 15 फरवरी को बालोद के एक अभ्यर्थी ने अर्जुदा थाने में लिखित में शिकायत दी थी। अभ्यर्थी 2021 में PSC की परीक्षा शामिल हुआ था।
अभ्यर्थी ने अपनी शिकायत में बताया था कि, वह प्रिलिम्स और मेंस पास होने के बाद इंटरव्यू तक पहुंचा। उसका इंटरव्यू भी अच्छा गया, लेकिन चयन नहीं हुआ। जबकि कुछ लोग इंटरव्यू से तुरंत निकल गए। इसके बाद भी उनका चयन हो गया।