रायपुर 03 अप्रैल 2024:- छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी राज्य के प्रोफेशनल्स(डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट इत्यादि) की एक प्रतिष्ठित संस्था है.छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी देश एवं प्रदेश में होने वाली घटनाओं का समाज पर होने वाले प्रभाव का अध्ययन कर संबंधित संस्थान/विभाग को उससे संबंधित सुझाव भी देती है।
छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी को विगत दिनों मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों से संबंधित एक काफी गंभीर समस्या ध्यान में आई. इसे लेकर आज छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के संयोजक डॉ कुलदीप सोलंकी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा.
उल्लेखनीय है कि मेडिकल कॉलेज के छात्रों के पाठ्यक्रम में अचानक एक अंसतुलित एवं अव्यवहारिक परिर्वतन कर दिया गया है. एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) एमबीबीएस छात्रों के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किया है। इसमें 2 क्लिनिकल विषयों यानी ophthalmology और ENT को MBBS फाइनल भाग 1 (चरण 3) से MBBS FINAL भाग 2 (चरण 4) में स्थानांतरित करना शामिल है।
एक अच्छे डॉक्टर की ट्रेनिंग में एवं भविष्य के मेडिको को आकार देने के लिए ये विषय बहुत महत्वपूर्ण हैं।
पाठ्यक्रम में बदलाव से मेडिकल छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ने की संभावना है क्योंकि इससे एमबीबीएस फाइनल भाग 2 (चरण IV) में 11 विषय जमा हो जाएंगे और अंतिम भाग 1 (चरण III) में केवल 2 विषय ही बचेंगे।इस निर्णय से छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश के मेडिकल छात्रों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है.
इसलिए छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने छात्र हित मे राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपकर स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद को पाठ्यक्रम में प्रस्तावित परिवर्तनों को वापस लेने और चरण 3 में चार विषयों और चरण 4 में नौ विषयों की पिछली प्रणाली को निरंतर रखने हेतु प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
राज्यपाल ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए नेशनल मेडिकल कौंसिल से उक्त संबंध में जानकारी मांगे जाने का विश्वास दिलाया. साथ ही राज्यपाल ने प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान में यह विषय लाने उन्हें पत्र प्रेषित करने का भी आश्वासन दिया.