छत्तीसगढ़ सद्भाव का गढ़ है: डी.एन. शर्मा…जनवादी लेखकों की सद्भाव-यात्रा का  फोल्डर विमोचित..

IMG-20250710-WA1886.jpg

छत्तीसगढ़ सद्भाव का गढ़ है: शर्मा…जनवादी लेखकों की सद्भाव-यात्रा का  फोल्डर विमोचित

भिलाई नगर 10 जुलाई 2025:-  अगासदिया परिसर, आमदी नगर भिलाई में  सद्भाव यात्रा पर केन्द्रित फोल्डर का विमोचन मुख्य अतिथि प्रो. डी.एन. शर्मा एवं इन्टेक की भिलाई चैप्टर प्रभारी शिक्षाविद डॉ. हंसा शुक्ला ने किया। फोल्डर का सम्पादन साहित्यकार डॉ. परदेशीराम वर्मा ने किया। कमलेश चंद्राकर, मुनीलाल निषाद, बद्रीप्रसाद पारकर, अशोक आकाश, अब्दुल कलाम तथा मुहम्मद जाकिर हुसैन के सहयोग से यह फोल्डर तैयार हुआ।


विमोचन के अवसर पर डॉ. परदेशीराम वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के गांवों, कस्बों में हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल हमें सामाजिक जीवन में मिलती है। साथ ही मंदिर, मस्जिद बनाने में आपसी समझदारी सहयोग भी देखने योग्य है। पहले पड़ाव की कहानियां फोल्डर चित्रों के माध्यम से दर्ज है। इस दौरान सद्भावना के यात्रियों ने अपने वक्तव्य में अनुभव साझा किए।


डी.पी. देशमुख ने कहा कि प्रख्यात कलाकार अबू तारिक ने सदैव साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए काम किया। देशमुख ने बताया कि हिन्दू मुस्लिम एकता के जीवंत प्रतीक अमीन बख्श थे। रामायण पर पूरे छत्तीसगढ़ में वे व्याख्यान देते थे। वे जीवन भर रामायण पार्टियों को सहयोग करते रहे। पन्द्रह वर्ष तक रामायण पार्टी के अध्यक्ष रहे।


गुंडरदेही के चंडी मंदिर के ऊपर प्रतीकात्मक रूप से मुस्लिम धर्म का चिन्ह रखा गया है। छत्तीसगढ़ अनोखा प्रेम सद्भाव का प्रांत है। कमलेश चंद्राकर ने प्रेरक काव्य पाठ करते हुए कहा कि कबीर का गहरा असर छत्तीसगढ़ में है। गुरू बाबा घासीदास का गहरा असर है। बद्री प्रसाद पारकर ने कहा कि हम चरोदा में एक मुस्लिम पूर्व सरपंच बाबू खान द्वारा जन सहयोग से मंदिर निर्माण को देखकर प्रेरित हुए। उसी तरह हथबंद में हिन्दुओं के सहयोग से बने मस्जिद में गए। आपसी सहयोग की कहानी जानकर हमारा सर झुक गया।


गुण्डरदेही तथा कंडरका में हमने हिन्दू मुस्लिम मिलकर रहने और मोहर्र्म सहित सभी त्यौहार मिलकर मनाने की कहानी सुनी। मुख्य अतिथि प्रोफेसर डी.एन. शर्मा ने कहा कि जनवादी लेखकों का दल बहुत महत्वपूर्ण काम कर रहा है। हम सबको छत्तीसगढ़ में एकता, भाइचारे की जो तासीर है उसके बारे में लिखना बोलना चाहिए। यह काम  जनवादी लेखक संघ कर रहा है। हमारा दायित्व है कि अपनी सांस्कृतिक विरासत को हम बचाएं। सबको बताएं। छत्तीसगढ़ की धरती में रामायण मंडली और मंचों में मुस्लिमों की जो भूमिकाएं है वह प्रेरक हैं। वंदनीय है। छत्तीसगढ़ सद्भाव का गढ़ है।
इन्टेक की भिलाई चैप्टर की प्रमुख प्राचार्य एवं साहित्यकार डॉ. हंसा शुक्ला ने ऐसे प्रेरक कार्यक्रम एवं गतिविधि को मानवता के हित में महत्वपूर्ण बताया। हम अपना कल क्या था यह जाने, वर्तमान के द्वन्द्वों को समझें, भविष्य के प्रति अपना कर्तव्य निभाएं, यह प्रेरणा लेखकों से मिलती है। अब्दुल कलाम ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सद्भाव यात्रा में ंजाकर हमने छत्तीसगढ़ की बहुत सारी विशेशताओं को जाना। आशा है वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.परदेशीराम वर्मा के इस अभियान में और भी हम यात्राएं कर सकेंगे। कार्यक्रम में शिक्षाविद श्रीमती स्मिता वर्मा, नीतीश, डामन साहू सहित कलाकार एवं सामाजिक क्षेत्र के कार्यकर्ता उपस्थित थे।


scroll to top