रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार समाज के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का संचालन कर रही हैं। प्रदेश में कई श्रमिक हितैषी योजनाएं भी संचालित है और उसके बेहतर क्रियान्वयन से श्रमिक परिवार लाभान्वित हो रहे है। ऐसी ही मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना है, जो मजदूर परिवार के बेटियों की शिक्षा, रोजगार तथा शादी में सहायता के उद्देश्य से शुरू की गई है।
धमतरी जिले की रहने वाली लोकेश्वरी यादव ने मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना का लाभ लेकर बीकॉम. में अपनी बेटी का दाखिला कराया। श्रम विभाग के माध्यम से मिले इन पैसों से लोकेश्वरी की बेटी साक्षी अब बिना किसी चिंता के अपनी पढ़ाई पूरी कर रही है।
लोकेश्वरी पेशे से मजदूर है और अपनी पति के मृत्यु के बाद उसके सामने कई समस्याएं खड़ी हुईं। यदि लोकेश्वरी परिस्थिति का डटकर सामना नहीं करती तो बेटियों को पढ़ाने का उसका सपना मानो अधूरा ही रह जाता। लेकिन लोकेश्वरी ने हार नहीं मानी और मां के साथ-साथ एक पिता की जिम्मेदारी निभाने का संकल्प लिया। मजदूरी के दौरान लोकेश्वरी को मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण योजना के बारे में जानकारी मिली और उसने आवेदन किया। योजना का लाभ मिलने से अधूरे सपने को पूरा करने की ओर उसके कदम बढे़ और अपनी बिटिया को बी.कॉम में प्रवेश दिलाया।
लोकेश्वरी अपने पुराने दिनों को याद करते हुए बताती हैं कि उन्होंने अपनी बड़ी बेटी के नर्सिंग की पढ़ाई के लिए जमीन का हिस्सा बेचा। लेकिन अब उसे ऐसा करने की जरूरत नहीं पड़ी और राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों के हितों के लिए चलाई जा रही योजनाओं से उसे बड़ा सहारा मिला। लोकेश्वरी को नियमित रूप से विधवा पेंशन भी मिल रहा है।
मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना
इस योजना की मदद से छत्तीसगढ़ के गरीब परिवार की बेटियों को शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा विवाह में काफी मदद मिल रही है। प्रदेश के ऐसे श्रमिक जिनके आय का कोई और जरिया नहीं है, उन्हें भी इस योजना से सहारा मिला है।
आवश्यक दस्तावेज-
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक श्रमिक को छत्तीसगढ़ का स्थाई निवासी और छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत होना अनिवार्य है। इस योजना का लाभ एक परिवार की केवल दो बेटियों को ही मिलेगा। योजना के माध्यम से राज्य के गरीब परिवार की बेटियों को बीस-बीस हजार रूपए की आर्थिक मदद दी जाती है, ताकि इस पैसे का इस्तेमाल बेटियों की पढ़ाई, रोजगार या शादी में किया जा सकें।