मुख्यमंत्री ने तेरहवीं शताब्दी के प्राचीन शिव व हनुमान मंदिर के किए दर्शन, कवर्धा के फणिनागवंशी राजाओं द्वारा नागर शैली में निर्मित हैं मंदिर…छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में हैं धर्म और आस्था के प्राचीन चिन्ह…

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मुख्यमंत्री ने तेरहवीं शताब्दी के प्राचीन शिव व हनुमान मंदिर के किए दर्शन, कवर्धा के फणिनागवंशी राजाओं द्वारा नागर शैली में निर्मित हैं मंदिरछत्तीसगढ़ के गांव-गांव में हैं धर्म और आस्था के प्राचीन चिन्ह

बेमेतरा 06 मई 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सुशासन तिहार के अंतर्गत आज अपने आकस्मिक निरीक्षण के दूसरे दिन बेमेतरा जिले के ग्राम-सहसपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्राम सहसपुर में 13वीं- 14वीं शताब्दी में निर्मित भगवान शिव व हनुमान के प्राचीन मंदिर के दर्शन किए और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के औचक निरीक्षण का दूसरा दिन

मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरा बेमेतरा जिले के ग्राम सहसपुर में

गांव के पुराने बरगद की घनी छांव में लगी मुख्यमंत्री की चौपाल

अचानक मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर ग्रामीणों को हुआ सुखद आश्चर्य, सदाबहार फूल की माला और चंदन-आरती के साथ किया मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत

मुख्यमंत्री ने गांव में 13वीं- 14वीं शताब्दी में कवर्धा के फणीवंशीय राजाओं द्वारा निर्मित शिव मंदिर के किये दर्शन

बरगद के नीचे खाट पर बैठकर लोगों से संवाद कर रहे हैं मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री से ग्रामीण साझा कर रहे अपनी बात
सहसपुर ग्राम पंचायत में मुख्यमंत्री की घोषणाएं

हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए नए भवन को मिली स्वीकृति

13 वीं-14 वीं शताब्दी में फणी नागवंशी राजाओं द्वारा निर्मित शिव मंदिर व हनुमान मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण की घोषणा

33 केव्ही विद्युत सब स्टेशन की घोषणा
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर ग्राम सहसपुर के मंदिर को किया पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने की घोषणा

कहा- महाशिवरात्रि के मेले में मैं स्वयं आऊंगा

सहसपुर में है प्राचीन शिव व हनुमान मंदिर

उल्लेखनीय है कि ग्राम-सहसपुर में यह प्राचीन मंदिर कवर्धा के फणिनागवंशी राजाओं द्वारा नागर शैली में निर्मित किया गया था। गांव के सुरम्य वातावरण में स्थित यह मंदिर इस बात का जीवंत सबूत है की छत्तीसगढ़ की धरती में धर्म और आस्था के बीज बहुत पुराने हैं। ये मंदिर छत्तीसगढ़ की समृद्ध वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। सोलह स्तम्भों पर टिका शिव मंदिर और आठ स्तम्भों का हनुमान मंदिर बहुत सुंदर प्रतीत होता है। आज भी इन मंदिरों का पुराना वैभव यथावत है। ये अपने कालखंड की एक निशानी के तौर पर मौजूद हैं और हमारी समृद्ध कला संस्कृति का भी परिचय देते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने आज अपने आकस्मिक दौरे से छत्तीसगढ़ के गांवों की आस्था के इस ऐतिहासिक पहलू को छुआ है।


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