भिलाई नगर 7 अगस्त 2023 :- प्रदेश के पूर्व केबिनेट मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने आज बात भिलाई की कार्यक्रम के तहत फेसबुक लाइव के माध्यम से लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023, छत्तीसगढ़ में चुनावी वर्ष होने के कारण सीएसपीडीसीएल की वर्ष 23-24 के लिए घोषित बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गयी। मुख्यमंत्रीजी द्वारा बिजली दरों को न बढ़ाये जाने का बढ़-चढ़कर श्रेय लिया गया किन्तु क्या वास्तव में सीएसपीडीसीएल की वर्ष 23-24 की बिजली दर में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई? इसका जवाब है नहीं। सीएसपीडीसीएल द्वारा दिनाँक 31.07.2023 को जारी अधिसूचना के अनुसार जुलाई 2023 में प्रदाय की जाने वाली बिजली 15.25% महँगी हुई अतः मुख्यमंत्रीजी द्वारा दिया गया बयान झूठा साबित हुआ। घरेलु, व्यावसायिक, कृषि एवं उद्योगों के इस बिजली दर में 15.25% वृद्धि में से 14.23% वृद्धि की उगाही जुलाई माह से तथा बचा हुआ 1.02% की उगाही आने वाले वर्ष में।
बिजली की दर शुरु में नहीं बढाने और फिर पिछले दरवाजे से यही दर 15.25% बढा दिए जाने की कहानी कुछ इस प्रकार है। किसी वर्ष बिजली दर बढ़ेगी या नहीं, इस बात पर निर्भर करता है कि सीएसपीडीसीएल को उस वर्ष कितना फायदा या घाटा होना है। जिस वर्ष जितने प्रतिशत सीएसपीडीसीएल का घाटा, उस वर्ष उतने ही प्रतिशत बिजली दर में बढ़ोतरी। अब यदि कांग्रेस सरकार चाहती है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी न की जाए तो सरकार को सीएसपीडीसीएल के घाटे की भरपाई करना होता है। वर्तमान वर्ष 23-24 में भी सीएसपीडीसीएल के घाटे का अनुमान लगाया गया है तथा यह घाटा 2528 करोड़ रूपये है।
अब यदि मुख्यमंत्री जी चाहते थे कि बिजली की दर न बढे तो उन्हें सीएसपीडीसीएल के घाटे की भरपाई कर देना था जो कि नहीं किया गया। तथापि बिजली की दर अप्रैल में नहीं बढ़ाई आखिर यह जादू कैसे हुआ? यह जादू नहीं बल्कि जनता को झांसा देने हेतु खेला गया खेल था। 2528 करोड़ के घाटे की भरपाई किये बिना अप्रैल में बिजली दर नहीं बढ़ाने की घोषणा कर दी गई। इसलिए अप्रैल में की गई घोषणा की हवा मात्र तीन महीने बाद ही निकल गई और जुलाई 2023 में बिजली की दर 15.25% महँगी हो गई। अगर मुख्यमंत्री वास्तव में चाहते थे कि बिजली बिल न बढ़े तो उन्हें भी बीजेपी सरकार की तरह सीएसपीडीसीएल के घाटे की भरपाई कर देना था।
घाटे भरपाई किये बिना की गई घोषणा की हवा देर-सबेर तो निकलनी थी। यहाँ यह उल्लेख करना उचित होगा कि बीजेपी सरकार द्वारा समय-समय पर बिजली की दर की बढ़ोतरी को रोकने के लिए सीएसपीडीसीएल के घाटे की भरपाई हेतु वर्ष 14-15, वर्ष 15-16 एवं वर्ष 16-17 में क्रमशः 465 करोड़, 450 करोड़ एवं 350 करोड़ रूपये जारी किये गए। चूँकि वर्तमान घाटे की भरपाई कांग्रेस सरकार द्वारा नहीं की गया इसलिए 15.25% की वृद्धि हुई। बीजेपी सरकार और कांग्रेस सरकार में मूल अंतर कथनी और करनी का है। BJP कहती टैरिफ नहीं बढ़ा तो साथ ही साथ टैरिफ न बढ़ने के लिए घाटे की भरपाई करती जबकि कांग्रेस बिना घाटे की भरपाई के ही बिजली दर नहीं बढ़ाने का श्रेय लेने की कोशिश करती है इसलिए अप्रैल में किये गए दावे का जुलाई आते-आते हवा निकल गई तथा बिजली 15.25% महँगी हो गई।
यहाँ मैं बीएसपी टाउनशिप की विद्युत् सप्लाई को सीएसपीडीसीएल को हैंडओवर किये जाने के प्रयासों के बारे में कुछ कहना चाहूंगा वह यह कि कुछ लोगो द्वारा हाफ बिजली बिल का सपना दिखाकर 15.25% की दर से बढ़ने वाली लगभग दुगनी रेट की बिजली की एंट्री बीएसपी टाउनशिप में कराने का षड़यंत्र किया जा रहा है। सरकार को तो वैसे भी बीएसपी टाउनशिप में हाफ बिजली बिल योजना लागू करना पड़ता वर्ना बीएसपी टाउनशिप की जनता के साथ छल और विश्वासघात का फल भुगतना पड़ता।
जो ये कहते थे कि हाफ बिजली बिल योजना का लाभ केवल सीएसपीडीसीएल को हैंडओवर के बाद ही मिलेगा वो अब सीएसपीडीसीएल को हैंडओवर के बिना हाफ बिजली बिल लागू करवाने की वकालत कर रहे हैं। । ऐसे लोग केवल अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए जनता को गुमराह करते हैं।
मेरे द्वारा पिछले डेढ़ साल से यही समझाए जाने की कोशिश की गयी कि बीएसपी टाउनशिप की सप्लाई सीएसपीडीसीएल को दिए जाने से टाउनशिप की बिजली का रेट डेढ़ से दुगुना हो जाएगा तथा यह कि हाफ बिजली योजना लागू करना केवल और केवल मुख्यमंत्रीजी के हाथ में है सीएसपीडीसीएल को सिस्टम हैंडओवर की बात तो एक बहाना है।
अब जब मुख्यमंत्रीजी हाफ बिजली बिल का लाभ टाउनशिप को देने जा रहे तो यह साबित होता है कि मुख्यमंत्रीजी पहले बीएसपी टाउनशिप की जनता से छल करते हुए योजना लागू न करने के लिए तरह-तरह के बहाने गढ़ रहे थे। ऐसा ही बयान मुख्यमंत्रीजी द्वारा भी विधानसभा एवं अन्य स्थानों पर दिया चूका था कि सीएसपीडीसीएल को बीएसपी टाउनशिप की सप्लाई का काम मिल जाने पर हाफ बिजली बिल योजना का लाभ मिलने लगेगा और आज बिना सिस्टम हैंडओवर हुए,
वे स्वयं भी घोषणा करते फिर रहे कि हाफ बिजली बिल योजना बीएसपी टाउनशिप में भी लागू होगी। इसका साफ अर्थ यह है कि मुख्यमंत्रीजी की सीएसपीडीसीएल को सिस्टम हैंडओवर की शर्त झूठी और गुमराह करने वाली थी। जिसके कारण पिछले 5 साल से हाफ बिजली बिल योजना के लाभ से टाउनशिप निवासी वंचित हैं।
अब मैं हाफ बिजली बिल योजना पीछे के खेल पर प्रकाश डालना चाहूँगा। हाफ बिजली बिल योजना के लागू होने के सामानांतर, सरकार द्वारा स्टील प्लांट को दी जा रही सब्सिडी को 31 जुलाई 2021 से समाप्त कर दिया गया तो क्या स्टील प्लांट को मिलने वाली सब्सिडी अब बंद हो गई? जवाब है नहीं, क्योंकि अगले ही दिन अर्थात 01 अगस्त 2021 से स्टील प्लांट को टैरिफ के माध्यम से बिजली दर में 25% की छूट मिलने लगी।
टैरिफ के माध्यम दी गयी छूट का मतलब है अब स्टील प्लांट की सब्सिडी का पैसा सरकार की जगह घरेलु उपभोक्ता सहित अन्य उपभोक्ता अपने बिल की भरेंगे। कांग्रेस सरकार द्वारा जनता की जेब से पैसा निकालने की एक और योजना लागू कर दी गयी है, वह योजना है, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में बढ़ोतरी। इसप्रकार बिजली बिल हाफ योजना हेतु पैसे उगाही जनता के जेब से की जा रही।