नई दिल्ली 29 जून 2023:- , छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा दांव चला है. टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाया गया है. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. टीएस सिंहदेव कांग्रेस के वफादार नेता और कुशल प्रशासक हैं. राज्य को उपमुख्यमंत्री के तौर पर उनकी सेवाओं से बहुत लाभ मिलेगा।
उन्होंने बताया कि टीएस सिंहदेव कांग्रेस के वफादार नेता और कुशल प्रशासक हैं. राज्य को उपमुख्यमंत्री के तौर पर उनकी सेवाओं से बहुत लाभ मिलेगा. हमें यकीन है कि छत्तीसगढ़ के लोग खड़गे जी और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को भारी बहुमत से दोबारा चुनेंगे.
बुधवार को दिल्ली में दिनभर चली कांग्रेस की बैठक के बाद बड़ा फैसला लिया गया है। इस फैसले के बाद से सिंहदेव के समर्थकों में जश्न का माहौल है। अंबिकापुर में कार्यकर्ता मिठाई बांट रहे हैं। आपको बतादें कि टीएस सिंहदेव पद को लेकर बीच में नाराज भी चल रहे थे। साथ ही उन्हें लेकर छत्तीसगढ़ में हमेशा ढाई-ढाई साल वाले फॉम्युर्ले की चर्चा होते रहती है। वहीं, पार्टी नेतृत्व सीएम भूपेश बघेल के साथ लगातार उनके रिश्ते सामान्य करने की कोशिश में जुटी रही है। विवाद थमने के बाद टीएस सिंहदेव हाल के दिनों में सीएम भूपेश बघेल के साथ देखे जा रहे थे। वह लगातार सीएम के साथ दिख रहे थे। कांग्रेस के इस फैसले को आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। साल 2018 के चुनाव
में कांग्रेस की जीत के बाज बंपर जीत के बाद टीएस सिंहदेव से मुख्यमंत्री पद की रेस में भूपेश बघेल आगे
निकल गए और इस समय ढाई-ढाई साल के फामूर्ले की भी बात कही जा रही थी। लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी कोई परिवर्तन नहीं दिखा जबकि टीएस सिंहदेव इस उम्मीद में थे कि उनको मुख्यमंत्री का पद दिया जाएगा।
पिछले साल छोड़ा था पंचायत मंत्रालय
टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। ऐसा दावा किया जाता है कि सरकार गठन के वक्त ये तय हुआ था कि पहले ढाई साल बघेल और फिर ढाई साल सिंहदेव सीएम होंगे। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं।
इससे नाराज सिंह देव ने 16 अगस्त 2022 को पंचायत एवं ग्रामीण मंत्रालय छोड़ दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चार पन्नों का लंबा पत्र लिखकर मंत्रालय छोड़ा था।
मंत्रालय छोड़ने का कारण उन्होंने इसका प्रदेश के आवासविहीन लोगों को आवास नहीं मिलना और जनघोषणा पत्र में किए गए वादों का पूरा नहीं होना बताया था। हालांकि, वे स्वास्थ्य और वाणिज्यिकर मंत्री बने रहे।
टीएस सिंहदेव कांग्रेस सरकार के आधार स्तंभों में से एक हैं। 17 दिसम्बर 2018 को उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ मंत्री पद की शपथ लिए थे।
अब जानिए कौन हैं सिंहदेव
सिंहदेव का जन्म 31 अक्टूबर 1952 को इलाहाबाद में सरगुजा के शाही परिवार में हुआ था।
पिता एमएस सिंहदेव, एक आईएएस अधिकारी, तत्कालीन मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।
मां देवेन्द्र कुमारी मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुकी हैं।
हाईस्कूल की पढ़ाई सिंधिया स्कूल, ग्वालियर से की।
दिल्ली के हिंदू कॉलेज से इतिहास में स्नातक की उपाधि ली ।
भोपाल के हमीदिया कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
सिंहदेव का राजनीतिक करियर
सिंहदेव का राजनीतिक करियर अंबिकापुर नगर परिषद से शुरू हुआ, वे 1983-88 और 1995-99 में यहां के अध्यक्ष रहे।
- 2008 में सरगुजा से विधायक चुने गए, फिर 2013 और 2018 में भी जीतकर विधायक बने ।
- 2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस विधायक दल के नेता बने थे।
2018 में स्वास्थ्य, वाणिज्यकर और पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री बने