रायपुर 19 दिसंबर 2023 :- छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव मैं विवाद…प्रदेश के कई सराफा व्यवसायों ने लगाया गंभीर आरोप चुनाव की पूरी प्रक्रिया को लेकर।आरोप यह भी लग रहे हैं की प्रदेश स्तरीय सराफा एसोसिएशन के चुनाव मैं रायपुर के सराफा व्यापारी अपना पूर्ण वर्चस्व के लिये चुनाव संबंधी नियमों और संविधान को रख रहे ताक पर और अपनी मनमानी कर रहे हैं जिसके अन्य जिलों के सराफा व्यापारी इस चुनाव मैं भाग ना ले सकें।
अन्य दीगर जिलों के सराफा व्यापारियों का आरोप है की रायपुर स्थित बड़े और प्रभावशील सराफ़ा व्यापारी इसके चलते भारी फ़र्ज़ी काम कर रहे है।
इतना ही नहीं इस पूरे गौरखधंधे को अन्य जिलों के सराफा व्यापारी अब “गैंग्स ऑफ़ राइसराफ़ापुर” का नाम भी दे दिया है।
आरोप के मुताबिक़ रायपुर के सराफा व्यापारी प्रदेश एसोसिएशन के नाम पर अपनी दुकानदारी चला रहे हैं।
जानकारी के अनुसार १० दिन हो गये हैं छत्तीसगढ़ प्रदेश सराफा एसोसिएशन के चुनाव की तारीख़ की घोषणा हुए मगर अन्य जिलों के सराफा व्यापारीयों को एक सोची समझी साज़िश के तहत न संविधान की प्रति उपलब्ध करायी जा रही है और ना वोटर लिस्ट और ना हिसाब किताब का ब्योरा।
रायपुर के कुछ बहुत ही बड़े और अति प्रतिष्ठित सराफ़ा व्यापारी इतनी मनमानी चला रहे है की कोई भी वांछित जानकारी किसी भी अन्य जिले के सराफा व्यापारियों को उपलब्ध नहीं करा रहे हैं जिसके चलते प्रदेश सराफा एसोसिएशन भारी वित्तीय अनियमितता की आशंका व्यक्त की जा रही है।
जानकारी के अनुसार अन्य जिलों के इक्छुक सराफा व्यापारियों के यह बोलकर टाला जा रहा है की चुनाव तारीख़ के दिन जो ७ जनवरी है उस वक़्त ही दिया जायेगा रायपुर मैं चुनाव स्थल पर।
यह भी बोला गया है प्रदेश सराफा एसोसिएशन मैं क़ाबिज़ वर्तमान पदाधिकारियों द्वारा की चुनाव तभी कराये जाएँगे अगर सर्व सहमति नहीं बनी तो।
ऐसे मैं अन्य दीगर जिले जैसे दुर्ग, बिलास्पुर, रायगढ़, कोरबा, धमतरी, सुरगुजा और बस्तर संभाग के चुनाव अभ्यर्थियों का कहना है की यह एक साज़िश है जिससे चुनावों मैं उनकी भागीदारी ना हो सके और रायपुर के सराफा व्यवसाईयों का दबदबा क़ायम रहे आगे भी और वो लोग अपनी मनमानी करते रहे जिसके चलते उनके निजी स्वार्थ और वित्तीय अनियमितताओं पर कोई उँगली ना उठा सके।
सबसे बड़ी बात अनुपलब्ध जानकारी के चलते अन्य जिलों के सराफा व्यापारी जो चुनाव लड़ने के इक्छुक हैं उनको कोई तैयारी करने का मौक़ा नहीं मिलेगा और आख़िरी वक़्त मैं मिला भी तो निश्चित रूप से हार जाएंगे रायपुर के सराफा व्यवसाइयों के संगठित गैंग के सामने।
इसके चलते प्रदेश के अन्य दीगर जिलों के सराफ़ा व्यवसायों ने इस मामले एकजुट होकर अब उच्च न्यायालय जाने का मन बना रहे हैं जिससे इस पूरे चुनाव प्रक्रिया मैं हो रही धाँधली और मनमानी पर एक क़ानूनी अंकुश लग सके और चुनाव को निष्पक्ष और समावेशीत तरीक़े से कराया जा सके।