भिलाई नगर 9 मार्च 2023। आपरेशन से बच्चे को जन्म देने वाली एक 26 वर्षीय महिला को जब मित्तल अस्पताल लाया गया तो वह शॉक की स्थिति में थी. नब्ज लगभग गुम थी और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. रक्तचाप भी रिकार्ड करने योग्य नहीं थी. रक्त में क्रिएटिनिन लेवल 15 तक बढ़ा हुआ था. मरीज ने यूरिन पास नहीं किया था. मरीज की स्थिति को देखते हुए तत्काल ट्रीटमेंट शुरू किया गया. दो सप्ताह के इलाज के बाद मरीज सकुशल घर लौट गई.
नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ विजय वच्छानी बताया कि क्रिएटिनिन का इतना हाई लेवल किडनी फेल का संकेत देता है. महिला ने सिजेरियन से एक शिशु को जन्म दिया था. इसके बाद संभवतः वह संक्रमित हो गई जिसका पता लगने में विलम्ब हो गया. महिला की स्थिति बिगड़ती चली गई और जब तक उन्हें अस्पताल लेकर आया गया, हालत काफी नाजुक हो चुकी थी.
मरीज का क्रिएटिनिन लेवल 15 था. महिलाओं में 0.5 से लेकर 1.0 मिलीग्राम क्रिएटिनिन को ही आदर्श माना जाता है. दो सप्ताह से भी अधिक समय की जद्दोजहद के बाद मरीज का क्रिएटिनिन लेवल घटकर सेफ जोन में आ गया. जब मरीज को अस्पताल से छुट्टी दी गई तो उसका क्रेएटिनिन लेवल 0.9 मिलीग्राम था.
डॉ वच्छानी ने बताया कि क्रिएटिनिन का इतना बढ़ना किडनी की खराबी का संकेत है. इस स्थिति में मेडिकल उपचार की तुरंत आपातकालीन चिकित्सा की जरूरत पड़ती है. अगर स्थिति को नियंत्रित ना किया गया, तो मरीज कोमा में जा सकता है. उसके मस्तिष्क में सूजन हो सकती है, यहां तक की उसकी मौत भी हो सकती है.