बिलासपुर 22 नवंबर 2024:- गांजे की हेराफेरी के मामले में जेल – भेजे गए जीआरपी एंटी क्राइम यूनिट – के चारों आरक्षक मन्नू प्रजापति,सौरभ नागवंशी, संतोष राठौर और लक्ष्मण गइन बर्खास्त कर दिए गए हैं। रेल एसपी द्वारा जारी आदेश में – पद का दुरुपयोग करते हुए जब्त – गांजा बेचने का जिक्र है। पूरे आदेश में उनके द्वारा किए गए पुराने खरीदी बिक्री व अन्य राज्यों के तार जुड़े होने आदि का जिक्र नहीं है।
जीआरपी के चारों आरक्षक एसपी के एंटी क्राइम यूनिट के सदस्य थे। उनके द्वारा ट्रेनों में गांजा, नशीली दवा आदि के कई मामलों में हेराफेरी के आरोप हैं। जांच में नाते- रिश्तेदारों के नाम पर 45 बैंक खाते खुलवाने व उनमें 15 करोड़ रुपए के लेनदेन की बात सामने आ रही है।
मामले में शिकायत के बाद डीजीपी की एटीएस टीम ने उन्हें 250 ट्रेनों में रैकी के बाद पकड़ा था। दरअसल 23 अक्टूबर को बिलासपुर जीआरपी में 10-10 किलोग्राम गांजा के दो प्रकरण दर्ज हुए थे। पकड़े गए दो आरोपियों से एटीएस ने पूछताछ की, तो चारों आरक्षक के नाम सामने आया था।
पुलिस मुख्यालय के आदेश पर बिलासपुर साइबर सेल की टीम ने 27 अक्टूबर की देर रात सिरगिट्टी से उन्हें पकड़ा। पूछताछ के बाद 28 अक्टूबर को देर शाम न्यायालय में पेश कर मन्नु प्रजापति और सौरभ नागवंशी को जेल भेज दिया गया था। वहीं संतोष राठौर व लक्ष्मण गइन से दो दिन पूछताछ के बाद उन्हें 29 अक्टूबर को जेल भेजा गया था। जीआरपी से केस बिलासपुर पुलिस को सौंपा गया था।
रेल एसपी के आदेश में सिर्फ इतनी बात
रेल एसपी द्वारा जारी बर्खास्तगी आदेश में डीएसपी रायपुर द्वारा जांच करना बताया गया है। जांच में जीआरपी बिलासपुर में पदस्थ आरक्षक क्रमांक 146 सौरभ नागवंशी, 202 मन्नु प्रजापति, 462 संतोष राठौर और 468 लक्ष्मण गइन से जब्त गांजा योगेश सोंधिया व श्यामधर के माध्यम से बेचने की बात कही गई। साथ ही बिक्री की रकम बैंक खाते में ऑनलाइन प्राप्त करते हुए पद का दुरुपयोग करना पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही गई है।