सीएसवीटीयू के डिप्टी रजिस्ट्रार की तालाब में डूबकर मौत
00 जानलेवा बना कमल का फूल तोड़ने तालाब में उतरना
00 दुर्ग जिले में उतई थाना क्षेत्र के पतोरा गांव में हुई घटना

भिलाई नगर 05 सितंबर 2025:- छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय ( सीएसवीटीयू ) भिलाई के डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. भास्कर चन्द्राकर ( 36 वर्ष ) की तालाब में डूबकर मौत हो गई है। यह हादसा गुरुवार की शाम को दुर्ग जिले में उतई थाना क्षेत्र के पतोरा गांव में हुआ। डॉ. चन्द्राकर तालाब में कमल का फूल तोड़ने उतरे थे। इस दौरान वे कमल फूल के तने में उलझकर डूब गए। किसी तरह बाहर निकालकर उन्हें सेक्टर 9 अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद मौत हो जाने की पुष्टि कर दी।

सीएसवीटीयू में डिप्टी रजिस्ट्रार के पद पर पदस्थ डॉ. भास्कर चन्द्राकर ड्यूटी खत्म होने के बाद सीएसवीटीयू के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) के साथ उतई इलाके में एक प्लॉट का निरीक्षण करने गए थे। जहां मकान निर्माण कार्य चल रहा था। वहां से वापसी के दौरान पतोरा गांव के सड़क किनारे स्थित तालाब में खिले कमल के फूल देखकर उन्होंने अपनी कार रोकी और फूल तोड़ने तालाब में उतर गए। साथ में मौजूद सीएफओ ने उन्हें तालाब में उतरने से रोका। लेकिन उन्होंने सीएफओ से कहा कि उन्हें तैरना आता है। इसलिए वे आसानी से फूल तोड़कर लौट आएंगे। लेकिन तालाब में उतरने के बाद उनका पैर कमल के तनों और जड़ों में उलझ गया। जिससे वे बाहर नहीं निकल सके और तालाब में डूबने लगे। जानकारी मिलते ही दो ग्रामीण युवकों ने तालाब में कूदकर किसी तरह डॉ. चन्द्राकर को बाहर निकाला। इसके बाद उन्हें नजदीक के एक निजी अस्पताल में लेकर गए। वहां के चिकित्सकों ने उन्हें सेक्टर 9 अस्पताल लेकर जाने की सलाह दी।

सेक्टर 9 अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने जांच के बाद उनकी मौत हो जाने की पुष्टि कर दी।
मृतक डॉ. भास्कर चंद्राकर मूल रूप से रायपुर के रहने वाले थे। उनकी स्थायी पदस्थापना शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज जगदलपुर में थी। वर्तमान में वे पिछले चार साल से प्रतिनियुक्ति पर सीएसवीटीयू भिलाई में डिप्टी रजिस्ट्रार पद पर कार्यरत थे। सीएसवीटीयू के कुलसचिव डॉ. अंकित अरोरा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि डॉ. भास्कर चन्द्राकर ड्यूटी के बाद सीएफओ के साथ निर्माण कार्य देखने गए थे।
इस दौरान दुर्भाग्य से तालाब में कमल का फूल तोड़ने के दौरान उनकी डूबकर मौत हो गई। उनकी अचानक हुई मौत से विश्वविद्यालय और शिक्षा जगत में शोक की लहर छा गई है।





