पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ लाल उमेद सिंह द्वारा बैंको के रायपुर लीगल हेड अधिकारियों की आहुत की गई बैठक….

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पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा बैंको के रायपुर लीगल हेड अधिकारियों की आहुत की गई बैठक

रायपुर 6 अक्टूबर 2025 :- पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज रायपुर  अमरेश मिश्रा के मार्गदर्शन में आज  06 क्टूबर को पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  डॉ. लाल उमेद सिंह द्वारा सिविल लाईन रायपुर स्थित सी-04 भवन के सभाकक्ष में रायपुर के लीड बैंक मैनेजर एवं विभिन्न बैंकों के लीगल हेड अधिकारियों की बैठक ली गई।

बैठक में नगर पुलिस अधीक्षक आजाद चौक  ईशु अग्रवाल  उप पुलिस अधीक्षक क्राईम  संजय सिंह, नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली  केशरी नंदन नायक, नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाईन  रमाकांत साहू, उप पुलिस अधीक्षक  नरेश पटेल, उप पुलिस अधीक्षक  निशिथ अग्रवाल, लीड बैंक मैनेजर श्री मोफिज मोहम्मद सहित रायपुर के विभिन्न बैंकों के लीगल हेड अधिकारी उपस्थित रहें।

बैठक में निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई –

ऑनलाईन ठगी का शिकार होकर बैंक में उपस्थित होने वाले प्रार्थी को दूसरे जगह न भेजकर टोल फ्री नंबर 1930 मे कॉल करने के प्रेरित करें या साइबर क्राईम रिपोर्ट पोर्टल पर जाकर रिपोर्ट करने कहे, दुसरे बैंक में न भेजे। साइबर क्राईम रिपोर्टिंग पोर्टल का टोल फ्री नंबर 1930 का बैंक में चस्पा करें।

बैंक में यदि कोई खाता खुलवाने आता है। उसके भौतिक सत्यापन जैस मोबाईल कॉल कर/मैसेज के माध्यम से रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर कर सत्यापन करें।

कार्पाेरेट खाता खोलते समय सत्यापन करें व 15 दिवस बाद पुनः दिये गये पते पर जाकर सत्यापन करें।

बैंक में सीसीटीव्ही कैमरा होने के संबंध में स्पष्ट लिखकर चस्पा करें। बैंक के प्रवेश एवं पिछले हिस्से में सी.सी.टी.व्ही. कैमरा लगाने निर्देश दिये गये।

संदेही ट्रान्जेक्शन के संबंध में बैंक क्या करती हैं, के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई।

डिमाण्ड ड्राफ्ट का वेरिफाई करने के उपरांत ही रकम ट्रान्सफर करने कहा गया।

बैंक खाता खोलते समय गांरेटर का उपयोग करने निर्देश दिया गया।

चौथी स्तर के बाद डिस्ट्रीब्युट एमाउण्ट को वेरिफाई कर रकम को होल्ड कर बैंक खाता को चालू रखने कहा गया।

लीगल डिपार्टमेंट हेतु एक बैंक अधिकारी नियुक्त करने के साथ ही लीगल डिपार्टमेंट में एक मोबाईल नंबर जारी करने ताकि अधिकारी का स्थानातंरित होने पर परेशानी न हो के संबंध में निर्देश दिया गया।

बैंक में बार-बार खाता खोलने वाले व्यक्ति विशेष को चिन्हाकिंत कर जानकारी पुलिस को प्रेषित करने कहा गया।

पुलिस द्वारा जानकारी मांगे जाने पर तत्काल जानकारी भेजना सुनिश्चित करें ताकि प्रकरण की अग्रिम कार्यवाही में बाधा उत्पन्न न हों। बैंक अधिकारियों को पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर नवीन कार्य योजना तैयार कर ठगी सहित अन्य प्रकरणों में कार्य करते हुए जानकारियों का त्वरित आदान – प्रदान कर अपराधों को रोकने, पुलिस और बैंक मिलकर कैसे किसी अपराधी को पकड़ सकती है, कैसे किसी भी पीड़ित का पैसा त्वरित वापस कराया जा सकता है, इसे और बेहतर कैसे किया जा सकता है, के संबंध में चर्चा किया गया।


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