सेल-बीएसपी द्वारा “गिफ्ट मिल्क स्कीम” के तहत वनांचल के 3000 बच्चों को पौष्टिक दुग्ध का वितरण….

Milk-distribution-under-the-gift-milk-scheme-3.jpeg

भिलाई नगर 11 अगस्त 2023 :- सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र पिछले 04 महीनों से गिफ्ट मिल्क स्कीम का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है| सेल नीति के अनुसार निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के अंतर्गत संयंत्र ने चार जिलों, नारायणपुर, कांकेर, बालोद और मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी के गावों के शासकीय विद्यालयों में दूरस्थ वनांचल के गरीब आदिवासी परिवारों के 3000 बच्चों को रोजाना 200 मिली पौष्टिक फ्लेवर्ड मिल्क नि:शुल्क वितरित किया जा रहा है| इस योजना को लागू करने हेतु एनएफएन (NDDB FOUNDATION FOR NUTRITION) को सेल-बीएसपी द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान किया जा है|

इस गिफ्ट-मिल्क को सभी लाभार्थी बच्चों को दैनिक रूप से विद्यालयों में मध्याह्न भोजन के साथ ही प्रदान किया जा रहा है, जिसकी आपूर्ति छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन के ‘देवभोग मिल्क’ द्वारा की जा रही है| ज्ञात हो कि पूर्व सेल चेयरमेन, श्रीमती सोमा मंडल ने 18 अप्रेल 2023 को अपने भिलाई दौरे के समय निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में स्कूली बच्चों के लिए ‘गिफ्ट मिल्क स्कीम’ का शुभारंभ किया था।

संयंत्र ने इस परियोजना का शुभारंभ रावघाट खान परियोजना के अंतर्गत सुदूर वनांचल क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों के बच्चों में व्याप्त कुपोषण की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से मार्च में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ समझौता कर किया है| एनएफएन के पूरे भारत में डेयरी सहकारी संघों के नेटवर्क की सहायता से आपूर्ति, प्रबंधन और निगरानी का कार्य सम्पादित किया जा रहा है| इससे दूरस्थ वनांचल के गरीब ग्रामीण कुपोषित बच्चों को लाभ मिलेगा|

सेल-बीएसपी द्वारा पर परियोजना की प्रगति का निरीक्षण प्रत्येक तीन माह में किया जाएगा| इस परियोजना के लाभार्थी स्कूलों के सम्बन्ध में निर्णय एवं आवश्यक जानकारी/ विवरण प्राप्त करने हेतु जिला शिक्षा अधिकारियों की अनुशंसा से किया जा रहा है|

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के संयुक्त सहयोग से चलाई जा रही गिफ्ट मिल्क वितरण योजना बीएसपी के खदान क्षेत्रों में शिक्षा और पोषण को बढ़ावा देने की दिशा में एक सशक्त कदम है। जो उचित पोषण सुनिश्चित करेगा और स्कूली शिक्षा में छात्रों की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगा।

ज्ञात हो कि इस परियोजना के लाभार्थी विद्यालयों में महामाया माइंस के समीपस्थ 12, दुल्की माइंस के समीपस्थ 15, नारायणपुर जिले के 27, अंतागढ़ (कांकेर) क्षेत्र में कुल 31 विद्यालय शामिल हैं| परियोजना के तहत वितरित किये जा रहे दूध के फ्लेवर में प्रतिदिन परिवर्तन किया जाता है| जिसमें केसर, बादाम, पिस्ता, स्ट्रॉबेरी आदि फ्लेवर शामिल हैं| इस दूध की गुणवत्ता, फ्लेवर और स्वाद को बच्चे न केवल पसंद कर रहे हैं बल्कि इससे कक्षा में उनकी उपस्थिति भी बढ़ रही है| सम्बंधित विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों ने भी भिलाई इस्पात सयंत्र की इस पहल की सराहना की है| इस सम्बन्ध में निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) विभाग ने स्वयं अवलोकन कर जानकारी साझा की है|

कुपोषण वर्षों से एक गंभीर समस्या बना हुआ है, जिससे बड़ी संख्या में बच्चे मंद-विकास और अल्पभार की समस्या से जूझ रहें हैं। ऐसे में पौष्टिक दूध का सेवन कुपोषण से पीड़ित बच्चों के विकास पर सकारात्मक प्रभाव डालता है|


scroll to top