दुर्ग 05 दिसम्बर 2022/ 02 माह पूर्व आवेदक के पति का निधन हो गया है। जिसके पश्चात् आवेदक आसंगठित कर्मकार मृत्यु सहायता योजना के अंतर्गत मिलने वाली 01 लाख रूपए सहायता राशि के लिए प्रतिक्षारत है। क्लेम की राशि श्रम विभाग से लेने के लिए आज वो जनदर्शन में अपना आवेदन लेकर पहुंची थी। जिसमें उसने बताया कि उसके पति के श्रमिक कार्ड से संबंधित सभी दस्तावेज उसके द्वारा क्लेम की राशि के लिए श्रम विभाग में जमा कर दिए गए हैं परंतु श्रम कार्ड के साथ जो मोबाइल नंबर लिंक था वर्तमान में वो बंद हो चुका है।
जिसके चलते श्रम विभाग ने अभी तक योजना के अंतर्गत प्राप्त होने वाली सहायता राशि प्रदान नहीं की है। इसलिए आवेदक का निवेदन है कि उसकी आर्थिक हालत को देखते हुए व सकारात्मक पहल करते हुए प्रशासन उसे योजना की राशि दिलवाने में मदद करे। प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए आवेदन को लेबर ऑफिसर के पास प्रेषित किया और इसमें त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। ई-शक्ति नाबार्ड में कार्य करने वाले सदस्य भी परिश्रमिक न मिलने पर कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचे थे। आवेदकगण का कथन था कि वो सभी 02 साल से ई-शक्ति नाबार्ड के माध्यम से इलेक्ट्रॉन डिजिटल इंडिया के सपने को आगे बढ़ाने के लिए लगे हुए थे। परंतु दिसंबर 2020 से अगस्त 2022 तक ई-शक्ति फेस-03 में कार्य करने के पश्चात् भी उन्हें पूर्ण परिश्रमिक प्राप्त नहीं हुआ है।
पूर्व में कार्य के लिए किया गया भुगतान अनियमित था। जिसके चलते इससे जुड़े सदस्यों के जीवन-निर्वाह पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है। इससे जुड़े सभी सदस्य आर्थिक दृष्टिकोण से कमजोर हैं। आवेदन का संज्ञान लेते हुए इसे लीड बैंक मैनेजर की ओर अग्रेषित कर दिया गया और शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके अलावा कोविड-19 महामारी में सी.आर.पी. के पद पर वैक्सीनेशन के लिए कार्य करने वाले सदस्य भी जनदर्शन पहुंचे थे। जिनके कथानानुसार दिनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत उन्हें उनके वैक्सीनेशन कार्य नगर निगम भिलाई के अंतर्गत तय कार्य के आधार पर मानदेय दिया जाता था। जिसमें सदस्यों का कहना है कि अप्रेल 2021 से मार्च 2022 तक वैक्सीनेशन कार्य के लिए निगम द्वारा मानदेय का नियमित भुगतान किया गया।
परंतु अप्रेल 2022 से सितंबर 2022 में किए गए वैक्सीनेशन कार्य का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। जिसके लिए समस्त सी.आर.पी की टीम के द्वारा रष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सी.पी.एम. और लेखा अधिकारी से संपर्क भी किया गया। परंतु वर्तमान स्थिति तक इसका कोई सार्थक परिणाम नहीं मिल पाया है। आवेदन पर वस्तु स्थिति पर विचार करते हुए संबंधित अधिकारी को पत्र प्रेषित किया गया।
जनदर्शन में 70 आवेदन प्राप्त हुए।