भिलाई नगर 22 दिसंबर 2024:- भारतीय स्टेट बैंक की रिसाली ब्रांच के कर्मचारियों की सूझबूझ से एक विधवा महिला 45 लाख की ठगी की शिकार होने से बच गई। ठगों ने विडियो कॉल के जरिए महिला को उसके बेटे के साथ डिजीटल अरेस्ट कर मनगढ़ंत मामले में गिरफ्तारी की धमकी दिया। घबराहट में महिला अपने 35 लाख की एफडी तुड़वाने बैंक पहुंची। यहां पर महिला को चिंतित भाव में किसी से विडियो कॉल पर बातचीत करते देख बैंक कर्मचारियों को दाल में काला होने का शक हुआ। बैंक कर्मचारियों की सतर्कता से ना सिर्फ महिला डिजिटल अरेस्ट से बची, बल्कि उसके 45 लाख रुपए भी बच गए।


यह घटना 19 दिसंबर की है। रिसाली क्षेत्र की एक विधवा महिला और उसका 22 साल का बेटा अपने घर में थे। सुबह करीब 6 बजे पहले कॉलर ने महिला और उसके बेटे को वीडियो कॉल किया। खुद को साइबर क्राइम अधिकारी बताया। महिला को कहा गया कि, वह सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो वीडियो डाल रही हैं। कॉलर ने दावा किया 28 सितंबर को 1.46 बजे वो मुंबई में क्या कर रही थीं और कहां गई थीं। इसके बाद कहा कि मुंबई क्राइम ब्रांच में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ है।




महिला को कहा गया कि वो मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त हैं। उनके आईसीआईसीआई बैंक में बड़ा अमाउंट आया है। उन्होंने वीडियो कॉल में ही आईसीआईसीआई बैंक के हेड-क्वार्टर में बैठी अधिकारी पूजा महात्रे और दीपेंद्र चतुर्वेदी को कॉन्फ्रेंस में लेने की बात कहते हुए बात करवाई।महिला से किसी समाधान पवार से भी बात करवाई।

उसने खुद को इकोनॉमिक इन्वेस्टिगेशन अधिकारी बताया और कहा कि उनके घर आधे घंटे में मुंबई पुलिस गिरफ्तार करने पहुंच रही है। महिला डर गई तो मामले को सेटल करने के लिए बड़े अधिकारी से महिला की बात करवाई। उसने महिला से रुपए उनके खाते में डालने की बात कही। उसे जेल जाने से बचाने के लिए लाखों रुपए में सौदा किया।
इस पूरे वाक्ये से घबराकर महिला सीधे भारतीय स्टेट बैंक रिसाली ब्रांच में गई। यहां पर उसने अपने 35 लाख रुपए के एफडी को तुड़वाने दस्तावेजी औपचारिकता पूरी करने लगी।
उसकी चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई थी और किसी से विडियो कॉल पर बात भी कर रही थी। इससे बैंक मैनेजर विनीत नायर को शक हुआ। श्री नायर के मुताबिक बताया कि ये घटना 19 दिसंबर की है। उनके बैंक की एक ग्राहक बैंक में अपनी 35 लाख की एफडी को तुड़वाने आई थीं। बड़ा अमाउंट ट्रांसफर होने के कारण हमें डाउट हुआ। महिला काफी परेशान थी और लगातार किसी से वीडियो कॉल में टच पर थी। महिला ने अपने सेविंग और एफडी के पैसे मिलाकर कुल 45 लाख रुपए दूसरे बैंक में ट्रांसफर करने के लिए आरटीजीएस फॉर्म भरा।

बैंक के अधिकारियों ने देखा कि महिला एक साथ इतना बड़ा अमाउंट किसी शिदामोन एंड बाइयामोन के करंट अकाउंट में भेज रही है। यह अकाउंट आईसीआईसीआई बैंक का था, जो कि असम के सिलचर यूकेडी रोड का था। ऐसे में बैंक की ग्राहक सेवा अधिकारी विनीता साहू ने महिला से पूछताछ की।

बैंक के अधिकारियों ने महिला को अलग-अलग बहाने से करीब 2-3 घंटे तक रोककर रखा। इसके बाद बैंक की सहायक प्रबंधक चंदा यादव और ब्रांच मैनेजर विनीत नायर ने महिला की काउंसिलिंग की। उन्हें समझाया और विश्वास में लेकर बताया कि उनके साथ फ्रॉड हो रहा है। तब जाकर महिला समझी और रुपए नहीं भेजे। इसके बाद बैंक के अधिकारियों ने फिर से महिला के पैसों की एफडी की और उन्हें घर भेजा। महिला ने बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों का धन्यवाद दिया कि उसे इतनी बड़ी ठगी का शिकार होने से उन्होंने बचा लिया।

