बैंक प्रबंधन की लापरवाही से एटीएम बूथ की सुरक्षा भगवान भरोसे – एचएस मिश्रा…..00 बिना किसी पूर्व सूचना के ज्यादातर बूथ में तैनात सुरक्षा कर्मी किए गए बेदखल….00 एग्रीमेंट में दर्ज प्रावधान के अनुसार सुविधाएं नहीं दे रही केयर टेकर एजेंसियां

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भिलाई नगर 5 नवंबर 2023 :- एचएमएस यूनियन से संबद्ध छत्तीसगढ़ सिक्युरिटी गार्ड केयर टेकर कर्मचारी संगठन के महासचिव एच.एस.मिश्रा ने राष्ट्रीयकृत बैंकों के एटीएम बूथों पर लगातार हो रही तोडफ़ोड़ को बैंक प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा करार दिया है। उन्होंने कहा कि बिना किसी पूर्व सूचना के ज्यादातर सुरक्षा कर्मियों को बेदखल कर दिए जाने से एटीएम बूथों की सुरक्षा भगवान भरोसे होकर रह गई है। जिन चुनिंदा एटीएम बूथ पर सुरक्षा कर्मी तैनात हैं, उन्हें एग्रीमेंट में दर्ज प्रावधान के अनुसार वेतन भुगतान सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में केयर टेकर एजेंसियां आनाकानी कर रही है।

प्रदेश के वरिष्ठ श्रमिक नेता एवं छत्तीसगढ़ सिक्युरिटी गार्ड केयर टेकर कर्मचारी संगठन के महासचिव एच.एस. मिश्रा ने बताया कि कुछ साल पहले तक सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा अपने एटीएम बूथ पर सुरक्षा कर्मी तैनात किया जाता था। लेकिन अब सुरक्षा कर्मी नहीं रखे जाने से एटीएम बूथों पर चोरी के इरादे से आए दिन तोडफ़ोड़ की घटनाएं हो रही है। भिलाई के छावनी थाना क्षेत्र में गौरव पथ पर ओम शांति चौक और दुर्ग के मोहन नगर थाना क्षेत्र में एटीएम बूथ पर तोडफ़ोड़ का ताजा मामला सामने है। इससे पहले हुडको कालोनी के तीन एटीएम बूथ पर चोरी के बाद असामाजिक तत्वों ने आग लगा दिया था। एटीएम बूथ पर तैनात ज्यादातर सुरक्षा कर्मियों को पांच छह साल पहले बिना किसी पूर्व सूचना के नौकरी से निकाल दिया गया था। ऐसे सुरक्षा कर्मियों को आज तक अंतिम भुगतान नहीं मिल पाया है। उनके स्थान पर किसी दूसरे सुरक्षा कर्मियों की तैनाती नहीं किए जाने से एटीएम बूथों पर तोडफ़ोड़ की घटनाएं लगातार बढ़ रही है।

श्री मिश्रा ने बताया कि कुछ एटीएम बूथ पर द्वितीय पाली और रात्रि पाली में सुरक्षा कर्मी तैनात रहते हैं। लेकिन ऐसे बूथ की संख्या काफी कम है। प्रथम और सामान्य पाली में सुरक्षा कर्मी नहीं रहने से रुपए निकालने वालों को असुरक्षित महसूस होता है। वहीं उनमें अनहोनी घटना होने का भी भय बना रहता है। एटीएम बूथों पर कैमरे जरुर लगाए गए हैं। लेकिन जब तक इसके सहारे पुलिस अपराधियों तक पहुंचती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। उन्होंने कहा कि आज छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियों की बाढ़ सी आ गई है। लगभग 90 प्रतिशत सुरक्षा एजेंसियों के पास ईएसआई, भविष्य निधि, लेबर लाइसेंस,ट्रेड लाइसेंस, पसारा लाइसेंस नहीं है। फिर भी ऐसी एजेंसियां धड़ल्ले से काम कर रही है।

श्री मिश्रा ने कहा कि इस तरह की एजेंसियों द्वारा सुरक्षा कर्मियों से 12 घंटे की ड्यूटी और रविवार को भी अवकाश नहीं देकर महीने के पूरे 30 अथवा 31 दिन काम लिया जा रहा है। बदले में सुरक्षा कर्मियों को 6 हजार, 7 हजार या फिर अधिकतम 8 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जा रहा है। एजेंसियों द्वारा सुरक्षा कर्मी को वेतन पर्ची, बैंक पेमेंट, एम्प्लाइज कार्ड, आई कार्ड, सालाना बोनस, न्यूनतम वेतन, ओवर टाइम की राशि, सुरक्षा उपकरण सहित छुट्टी एवं अन्य सुविधाएं नहीं दी जाती है। एजेंसियां सरकार के नियम व कानून का पालन नहीं कर रही है। जो बड़े बैंक हैं, उनके केयर टेकर एजेंसी द्वारा काम से निकाले गए सुरक्षा कर्मियों को अंतिम भुगतान व ग्रेच्युटी की राशि नहीं दी जाती है। जो सुरक्षा कर्मियों के साथ अन्याय और शोषण का उदाहरण है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीयकृत बैंकों के चैनल मैनेजर होते हैं जिनका काम केयर टेकर एजेंसियों के क्रियाकलाप पर नजर रखना होता है। लेकिन जिस तरीके से केयर टेकर एजेंसियां मनमानी करते हुए सुरक्षा कर्मियों का शोषण कर रही है उससे उनकी बैंक के चैनल मैनेजर द्वारा कार्यवाही नही किया जाना सोचने का विषय है। दीवाली जैसे त्यौहार पर भी सुरक्षा कर्मियों को आज तक बोनस नहीं दिया गया है। एटीएम बूथों की कभी सफाई नहीं की जाती, जिससे गंदगी अटी पड़ी है। जबकि एग्रीमेंट में साफ सफ ाई का जिम्मा एजेंसी को ही दिया गया है। इस मामले में यूनियन द्वारा बैंकों के चेयरमैन को पत्र लिखकर सुरक्षा कर्मियों के साथ हो रही शोषण की ओर ध्यानाकर्षण कराते हुए कार्यवाही की मांग रखी जाएगी और एक एक करके सभी शोषण करने वाले एजेंसियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर सुरक्षा गार्डों को उनका पूरा हक पिछला समस्त देयकों के साथ विधिअनुसार भुगतान कराया जायेगा।


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