दुर्ग के TTE की मनमानी- रुपए लेकर जनरल टिकट वालों को कराते हैं AC कोच में सफर

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00 सारनाथ एक्सप्रेस के दुर्ग वापसी के दौरान कटनी स्टेशन से शुरू होता है खेला
00 डर और भय के साये में सफर करने मजबूर हो रहे वाजिब टिकटधारी

भिलाईनगर। अगर आप उत्तर भारत से रायपुर – दुर्ग की ओर रेल सफर कर रहे हैं तो जनरल टिकट होने पर भी आपको एसी कोच में सफर करने की सुविधा मिल सकती है। ऐसा नहीं कि रेलवे ने इस तरह का कोई नया नियम लागू किया है बल्कि आपको यह सुविधा ट्रेन में मौजूद दुर्ग के टीटीई आसानी से उपलब्ध करा देंगे।

बशर्ते इसके लिए आपको अपनी जेबें ढीली करनी पड़ेगी। टीईटी के मांगे अनुसार रुपए देने पर जनरल टिकट रहने पर भी आपको एसी टू या थ्री टियर कोच में सफर करने की छूट मिल जाएगी।

यह बात सौ फीसदी सच है। इसका सबूत 10 जून को छपरा से दुर्ग के लिए छूटी सारनाथ एक्सप्रेस में देखने को मिला है। कटनी से पहले तक इस ट्रेन का परिचालन सिस्टम के साथ हुआ। लेकिन कटनी में दुर्ग के टीटीई इस ट्रेन में चढ़े और नियम कायदे तार-तार होता चला गया। जिनके पास जनरल टिकट थे वे एसी टू और थ्री में प्रवेश करने के बाद बर्थ के नीचे वाली खाली जगहों में न्यूज पेपर और अपने पास रखे बैडशीट अथवा चादर बिछाकर सो गए।

वाजिब टिकटधारी यात्रियों की मानें तो दुर्ग के रनिंग स्टाफ वाले टीटीईयों ने मुंहमांगी रकम लेकर जनरल टिकट वालों को एसी कोच में सफर करने का मौका दिया। ऐसे यात्रियों के चलते वाजिब टिकटधारी यात्रियों को डर और भय के साए में पूरी रात जागकर यात्रा करनी पड़ी।

बताया जाता है कि इस तरह खेल कटनी स्टेशन से शुरू होता है और सिर्फ सारनाथ एक्सप्रेस ही नहीं बल्कि उत्तर भारत से आने वाली अन्य ट्रेनों में भी इस तरह की भर्राशाही बदस्तूर जारी है। इसके लिए दुर्ग के टीटीई को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। असल में दुर्ग से उत्तर भारत की ओर जाने वाली ट्रेनों में दुर्ग का रनिंग स्टाफ जिसमें टीटीई भी शामिल रहते हैं, कटनी तक जाते हैं।

वहीं ट्रेनों की दुर्ग वापसी के दौरान यही टीटीई कटनी से वापस आते हैं। इस दौरान जनरल टिकट वालों को उनकी मांग के अनुसार स्लीपर और एसी कोच में सफर करने रुपए लेकर जगह उपलब्ध कराया जाता है। अव्यवस्था का हवाला देकर एसी कोच के अटेंडेंट अगर विरोध करते हैं तो टीटीई के द्वारा उन्हें धमकी – चमकी के साथ खामोश कर दिया जाता है।


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