Facebook live breaking: चुनावी वर्ष के चलते नहीं की गई विद्युत दर में बढ़ोतरी : प्रेम प्रकाश पांडेय… घाटे की भरपाई अगले साल करने से पड़ेगी आम जनता को दोहरी मार… 00 खाया पिया कुछ नहीं गिलास तोडा बारह आना की तरह है बिजली बिल की कहानी….

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भिलाई नगर 07 April 2023। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा सीएसपीडीसीएल के संबंध में जारी आदेश में कुल 2528 करोड़ रूपए के घाटे की भरपाई न करते हुए, यह घोषणा की गई है कि विद्युत दर में बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। यदि कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है तो इस 2528 करोड़ रूपए के घाटे की भरपाई कैसे होगी जबकि इस घाटे की भरपाई के लिए लगभग 13 प्रतिशत वृद्धि की जानी थी। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने आज फेसबुक लाइव के माध्यम से सीएसपीडीसीएल द्वारा जारी विद्युत दरों के संबंध में अपनी बात रखी।

उन्होंने कहा कि यदि वर्तमान वर्ष में इस घाटे की भरपाई का प्रावधान नहीं किया गया है तो अवश्य ही इस घाटे की भरपाई अगले वर्ष ब्याज के साथ की जायेगी अर्थात अगले वर्ष विद्युत दर में दो वर्षों की वृद्धि एक साथ अर्थात 26 प्रतिशत की वृद्धि करनी होगी। वजह साफ है कि वर्तमान वर्ष चुनावी वर्ष होने के कारण विद्युत दर में कोई वृद्धि नहीं की गई है।

हां, यदि इस घाटे की भरपाई कांग्रेस सरकार द्वारा इसी वर्ष कर दिया गया होता तो जनता को घाटे की भरपाई न इस वर्ष, नहीं अगले वर्ष करना पड़ा, जबकि भाजपा सरकार द्वारा समय- समय पर अपने कोष से इस प्रकार की भरपाई कई बार की गई है। श्री पाण्डे ने कहा कि आधे बिजली की दर में छूट देकर वाहवाही लूटने वाली सरकार द्वारा 2528 करोड़ रूपये के घाटे को जस का तस छोड़ दिया गया और इसे लगभग 12 प्रतिशत की ब्याज दर से अगले वर्ष जनता से ही वसूला जायेगा।

यह घाटे की रकम लगभग उतनी ही है जितना कि कांग्रेस सरकार द्वारा बिजली बिल आधा की सब्सिडी के नाम पर अभी कर दिया गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि जितना पैसा अभी तक सब्सिडी के रूप में दिया उतना ही पैसा अगले साल टैरिफ में वृद्धि के रूप में वापस आने वाला है। वो कहते है न कि “खाया-पिया कुछ नहीं गिलास तोड़ा बारह आना” बस ऐसी ही है कुछ बिजली में छूट की कहानी।

श्री पाण्डेय ने कहा कि इसके अतिरिक्त यह भी कि औद्योगिक घरानों को पावर फैक्टर में 25 प्रतिशत की अनाप-सनाप छूट के नाम पर अन्य उपभोक्ताओं के उपर इस छूट के हजारों करोड़ रूपए के भार थोपा जा रहा है। जबकि भाजपा सरकार के समय इस प्रकार के छूट के भार का वहन सरकार द्वारा अपने कोष से किया जाता रहा है। इस प्रकार बिजली बिल के आधे का लाभ केवल दिखावा मात्र है।

बिजली बिल छूट के लाभ को जनता के दूसरे जेब से निकाल लिया जा रहा है तथा बिजली बिल के आधे का लाभ बीएसपी टाउनशिप के नागरिकों को दूसरे दर्जे का नागरिक मानकर छूट से वंचित रखा जा रहा है। जबकि सब्सिडी के नाम पर बांटे गए 3300 करोड़ रूपए में से कुछ हिस्सा बीएसपी टाउनशिप के नागरिकों के उपर भी टैक्स के रूप में थोपा गया है अर्थात बिजली बिल हाफ का फायदा तो टाउनशिप की जनता को नहीं मिल रहा पर छूट की कीमत टैक्स के रूप में पड़ रही है।

श्री पाण्डेय ने कहा कि पूर् में मैंने बीएसपी टाउनशिप की जनता को बिजली बिल में आधे का लाभ दिलाने के लिए माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें न्यायालय से यह निवेदन किया गया है कि बीएसपी टाउनशिप की जनता को भी बिजली बिल आधे का लाभ दिनांक 1 मार्च 2019 से दिया जाये। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रतिवादी को नोटिस जारी किया गया है। यदि सीएसपीडीसीएल की टैरिफ का अध्ययन करें तो यह एक रात की बात होगी कि बीएसपी टाउनशिप की विद्युत आपूर्ति बीएसपी टीईईडी द्वारा की जा रही है जिससे कि बिजली बिल का भार टाउनशिप के नागरिकों पर सीएसपीडीसीएल के मुकाबले काफी कम है।

लेकिन भिलाई के वर्तमान विधायक द्वारा मुख्यमंत्री से बिजली बिल में छूट का लाभ दिलवाने की बजाय, बीएसपी टाउनशिप की विद्युत आपूर्ति का काम सुनियोजित षड्यंत्र के अंतर्गत सीएसपीडीसीएल को देने की कवायद चलाई जा रही है। इसलिए सीएसपीडीसीएल को आपूर्ति काम दिये जाने पर छूट का लाभ मिलने के बाद भी बिजली बिल आज के बिल के बराबर ही आयेगा। परंतु उक्त केटेगरी का टैरिफ बी बढ़ जायेगा जिसमें छूट नहीं मिलना है। इसलिए मेरा प्रयास है कि बीएसपी की विद्युत सप्लाई रहते हुए ही भिलाई की जनता को बिजली बिल में छूट का लाभ मिले।


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