भिलाई नगर 3 सितंबर 2023 :- सेफी ने राष्ट्र हित में एफएसएनएल के विनिवेश के स्थान पर रणनीतिक समायोजन हेतु इस्पात मंत्री से किया निवेदन सेफी चेयरमेन एवं आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने राष्ट्र हित में एफएसएनएल के विनिवेश को स्थगित कर इसे बचाने हेतु रणनीतिक समायोजन करने का आग्रह किया है। इस संदर्भ में नरेन्द्र कुमार बंछोर ने केन्द्रीय विमानन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर एफएसएनएल का प्रतिष्ठित सरकारी इस्पात कंपनियों के साथ संयोजन की मांग की है।
जिससे एफएसएनएल के निजीकरण की जरूरत समाप्त होगी और इसके निरंतर लाभप्रदता को भी बनाए रखा जा सकेगा।
उल्लेखनीय है कि फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड इस्पात मंत्रालय के अधीनस्थ एक सरकारी उपक्रम है जिसका मुख्यालय भिलाई छत्तीसगढ़ में है। यह संस्था मुख्यतः सरकारी स्टील उपक्रमों जैसे सेल, आरआईएनएल एवं एनएमडीसी जैसे उपक्रमों में स्क्रैप प्रसंस्करण का कार्य करती है।
फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड जो कि अपने स्थापना वर्ष सन् 1979 से ही लगातार अपने कर्मचारियों की मेहनत और लगन के बदौलत आज तक कभी भी घाटे में नहीं रही है और विगत् पांच वर्षों में निम्नानुसार लाभ अर्जित कर चुका हैः-
वित्त वर्ष (राशि करोड़ रू. में)
2018-19 2019-20 2020-21 2021-22 2022-23
कुल राजस्व 378.42 409.9 364.97 415.39 414.16
कर-पूर्व लाभ 41.09 46.02 32.06 54.18 51.35वर्तमान में एफ.एस.एन.एल. के विनिवेश की प्रक्रिया को पुनः प्रारंभ किया गया है जिसके अंतर्गत डीपम ;क्प्च्।डद्ध के द्वारा मेसर्स बी.डी.ओ. नामक निजी संस्था को ट्रांजेक्शन सलाहकार के रूप में विनिवेश की पूरी जिम्मेदारी दी गई है। मेसर्स बी.डी.ओ. के द्वारा दिनांक 31.03.2022 को एफ.एस.एन.एल. के विनिवेश हेतु ई.ओ.आई. का प्रकाशन किया गया। इससे पूर्व “जे.पी. शुक्ला समिति“ के अनुशंसा रिपोर्ट दिनांक 14.05.2008 में फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड को सेल की सब्सिडरी कंपनी बनाए जाने की अनुशंसा की गई
या फिर सेल, आर.आई.एन.एल. एवं एम.एस.टी.सी. लिमिटेड का संयुक्त उद्यम बनाया जाए जिसमें सेल प्रमुख शेयरधारक हो। तदोपरांत अंतर मंत्रालय समूह (आई. एम. जी.) के द्वारा दिए गए अनुशंसा के आधार पर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा एफ.एस.एन.एल. के विनिवेश ना करने का निर्णय 22/23 जुलाई 2017 को लिया गया तथा इसका विलय सेल या एम.एस.टी.सी. लिमिटेड के साथ किये जाने के संदर्भ में कार्यवाही की गई।
एफएसएनएल से सेल को होगा फायदा
सेफी चेयरमेन श्री नरेन्द्र कुमार बंछोर ने अपने पत्र में इस रणनीतिक समायोजन से सेल को होने वाले लाभ का जिक्र किया है। उन्होंने एफएसएनएल के योगदान को रेखांकित करते हुए बताया कि:- विगत चार दशकों से एफएसएनएल सेल को निर्विवाद एवं निर्बाध रूप से अपनी बहुमूल्य सेवाऐं दे रहा है। इतने वर्षों में एफएसएनएल इस्पात संयंत्रों का आंतरिक हिस्सा बन गया है।
एफएसएनएल के द्वारा सेल में स्लैग एवं स्क्रैप प्रोसेसिंग के द्वारा आयरन एवं स्टील स्कैप की रिकवरी की जाती है। जिसे सेल द्वारा अपने सयंत्रो में विभिन्न लौह उत्पाद बनाने में उपयोग किया जाता है।
एफएसएनएल द्वारा स्लैग एवं स्क्रैप रिकवारी से स्टील प्लांट को बहुमूल्य कच्चे माल की बचत होती है, साथ ही साथ 74ः उर्जा की बचत, 40ः पानी की बचत, जल प्रदूषण में 76ः की कमी, 85ः वायु प्रदूषण में कमी और 97ः खनन कचरे में कमी होती है।
ऽ एफएसएनएल द्वारा सेल इस्पात संयत्रों में स्लैग एवं स्क्रैप प्रसंस्करण का कार्य करने से बहुमूल्य धातु स्क्रैप की रक्षा होती है।
एफएसएनएल के विनिवेश से सरकार को होगा नुकसान
एफएसएनएल के विनिवेश से होने वाले नुकसान को भी श्री बंछोर ने अपने पत्र में विस्तृत चर्चा की है जो इस प्रकार हैः-
एफएसएनएल, एमएसटीसी लिमिटेड की सहायक कंपनी है। वर्तमान में एफएसएनएल का 100ः शेयर एमएसटीसी लिमिटेड के पास है।
एफएसएनएल द्वारा प्रतिवर्ष सरकार औसतन रू. 25.00-35.00 करोड़ रू. लाभांश के तौर पर दिया जा रहा है जबकि भारत सरकार के द्वारा मात्र रू. 32.00 करोड़ का निवेश किया गया था ।
एफएसएनएल कम लागत में अधिक लाभ देने वाली संस्था है ।
एफएसएनएल के निजीकरण के पश्चात स्क्रैप माफिया एवं बिचौलियों के लिए सरकारी इस्पात सयंत्रो में घुसपैठ के अवसर उपलब्ध हो जायेंगे जिससे राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान होना तय है और न सिर्फ सरकार को क्षति होगी अपितु इससे सरकारी इस्पात संयंत्रों को भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान होगा।
एफएसएनएल में मौजूदा स्थिति में कार्यरत कर्मचारियों के अलावा कोई भी ठोस/स्थायी संपत्ति नहीं है।
सेफी द्वारा 04.04.2021 को इस्पात क्षेत्र के सभी सार्वजनिक उपक्रमों के रणनीतिक समायोजन हेतु संकल्प पारित किया गया था। सेफी आपसे आग्रह करती है कि राष्ट्र हित में इस छोटी किंतु अत्यंत प्रभावी सार्वजनिक उपक्रम एफ.एस.एन.एल. को समुचित रूप से संरक्षित करने हेतु इसका विलय सेल में किया जाए अथवा सेल, आर.आई.एन.एल. के संयुक्त उद्यम में इस कंपनी का संचालन किया जाए। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात कंपनियों में एफ.एस.एन.एल. के द्वारा निष्पादित किये जा रहे प्रक्रियाओं में निरंतरता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी।
सरकार द्वारा एफ एस एन एल को बेचने के लिए मार्च 2022 में ईओआई प्रकाशित की गयी थी परन्तु लगभग 17 महीने बीत जाने के बाद भी इसमें भाग लेने वाले खरीददारो के नाम सार्वजानिक नहीं किया गया है, जो की इस पूरी प्रक्रिया को संदेह के घेरें में लाता है वर्तमान में एफएसएनएल को बेचने के के उद्देश्य से सरकार द्वारा नामांकन के आधार पर दिए जाने वाले कार्य को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है। इससे एफएसएनएल को खरीदने वाली कंपनी को कई सौ करोड़ रूपये का लाभ मिलना निश्चित है एफएसएनएल में कार्यरत श्रमसंख्या लगातार कम हो रही है इसके विपरीत वर्ष 2019 से एफएसएनएल में भर्ती प्रक्रिया रोक दी गयी है। एफएसएनएल द्वारा सीमित संसाधनो में कार्य किया जा रहा है। अभी एफएसएनएल में कोई पूर्णकालिक प्रबंध निदेशक नहीं है। पिछले तीन वर्षाे से एफएसएनएल द्वारा अर्जित लाभ का 100 प्रतिशत राशि एमएसटीसी लिमिटेड को डिविडेंड के तौर पर दिया जा रहा जिसके कारण से एफएसएनएल में नया प्रोजेक्ट/कार्य विस्तार नहीं हो पा रहा है। इससे यह प्रतीत होता है कि एफएसएनएल नियमों को ताक पर रखकर बेचने की कोशिश हो रही ताकि खरीदने वाली कंपनी को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ दिया जा सकें।
पूर्व में कर्मचारियों द्वारा जन प्रतिनिधियों के माध्यम से पूर्व में कई बार सरकार को पत्र लिखकर इसका विनिवेश न करने का अनुरोध किया गया था। एफएसएनएल कम लागत में अधिक लाभ देने वाली एक महत्वपूर्ण लाभप्रद संस्था है और ऐसे लाभप्रद उपक्रम का निजीकरण न्यायोचित नहीं होगा और ना ही इसके निजीकरण से सरकार को बहुत अधिक राशी प्राप्त होगी। एफएसएनएल का पूर्ण निजीकरण के अतिरिक्त अन्य विकल्प भी है जो न सिर्फ सरकार और सरकारी स्टील उपक्रमो के हित में होगा अपितु सरकार के लिए भी अधिक लाभप्रद होगा।
विदित हो कि इससे पूर्व दिनांक 22.07.2023 को इस संवेदनशील मुद्दे को सेफी चेयरमेन नरेन्द्र कुमार बंछोर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने दुर्ग के सांसद श्री विजय बघेल से उनके निवास पर जाकर एफएसएनएल के विनिवेश को रूकवाने हेतु आग्रह कर ज्ञापन सौंपा था। उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया था।