आखिरकार रेलवे को करनी पड़ी सफाई की‌ वैकल्पिक व्यवस्था
00 नगर निगम को जिम्मेदारी सौंपने की प्रक्रिया कागजों में उलझी
00 निजी ठेका एजेंसी ने 40 दिन के लिए आज से संभाला सफाई कार्य

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भिलाई नगर 8 फरवरी 2023 / आखिरकार रेलवे प्रशासन को अपने इलाके में साफ सफाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी है। नगर निगम को सफाई की जिम्मेदारी सौंपने की प्रक्रिया अब तलक कागजों में उलझी हुई है। इससे पहले ही रेलवे के द्वारा अपने सफाई कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग से हटाकर इंजीनियरिंग विभाग में संबद्ध कर दिए जाने से भिलाई – चरोदा रेलवे कालोनी में साफ सफाई ठप्प हो गई थी। अब निजी ठेका एजेंसी ने 40 दिन के लिए आज से सफाई व्यवस्था संभाल लिया है।


भिलाई-3 और चरोदा रेलवे कालोनी में महीनों बाद आज सफाई हुई। बजबजाती नालियों से गंदगी निकालने के साथ ही सड़क व आवासों के आसपास झाड़ू लगाकर साफ किया गया। यह काम एलर्ट सर्विसेज ब्रो नामक ठेका एजेंसी ने किया है। नगर निगम के माध्यम से रेलवे क्षेत्र में सफाई कार्य का प्रस्ताव लंबित होने से वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रेलवे ने इस ठेका एजेंसी को 40 दिन के लिए सफाई की जिम्मेदारी दी है। लंबे अंतराल के बाद साफ सफाई होने से रेलवे आवासों में रहने वाले लोगों में राहत देखने को मिली।


गौरतलब रहे कि साल भर पहले से रेलवे क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को नगर निगम भिलाई – चरोदा के हवाले किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए दोनों पक्षों में कईं दौर की बैठक हो चुकी है। लेकिन अभी तक यह प्रक्रिया कागजों में ही उलझी हुई है। जबकि रेलवे प्रशासन ने बेतुका निर्णय लेते हुए बीते 4 नवंबर 2022 को अपने सफाई कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग से हटाकर इंजीनियरिंग विभाग में संबद्ध कर दिया। सफाई कर्मचारियों को हटाने से पहले रेलवे द्वारा सफाई के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था बनाने की जरूरत नहीं समझी गई। फलस्वरूप भिलाई-3 और चरोदा रेलवे कालोनी में गंदगी लगातार बढ़ने लगी। रेलवे आवासों में रहने वालों का गुस्सा स्थानीय पार्षदों पर निकलने लगा।


यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि बीते 24 नवंबर 2022 को नगर निगम में महापौर निर्मल कोसरे की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में रेलवे के वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी उदय कुमार भारती, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी केरकेट्टा, मंडल समन्वयक डी विजय कुमार और सीएचआई एस सरकार विशेष रूप से उपस्थित थे। इस बैठक में दावा किया गया था कि जो भी उलझन थी, उसे दूर कर लिया गया है और शीघ्र ही रेलवे क्षेत्र में नगर निगम साफ सफाई के साथ डोर टू डोर कचरा संकलन करेगी। लेकिन लगभग ढाई महीने बीतने के बावजूद नगर निगम से रेलवे क्षेत्र की सफाई सुनिश्चित नहीं हो सकी है। आखिरकार सफाई नहीं होने से रेल परिवारों के आक्रोश को देखते हुए रेलवे प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था बनानी पड़ी।



00 पार्षदों ने माना डीआरएम का आभार
रेलवे क्षेत्र में आज से साफ सफाई शुरू होने पर निगम में रेलवे कालोनी का प्रतिनिधित्व करने वाले पार्षदों ने डीआरएम रायपुर संजीव कुमार का आभार जताया है। पार्षद चन्द्र प्रकाश पाण्डेय ने बताया कि साल भर पहले से रेलवे क्षेत्र की सफाई व्यवस्था नगर निगम को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है। प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही रेलवे ने अपने सफाई कर्मचारियों को दूसरे विभाग में संबद्ध कर दिया। जिससे सफाई कार्य ठप्प हो गया था। इससे पार्षदों पर नाराजगी फूट रही थी। चरोदा रेलवे अस्पताल आए डीआरएम को पूरी वस्तुस्थिति से अवगत कराते वैकल्पिक व्यवस्था बनाने की मांग की गई थी। फलस्वरूप आज से चरोदा में ठेकेदार के 35 और रेलवे के 4 तथा भिलाई-3 में ठेकेदार के 9 व रेलवे के 3 कर्मचारियों से सफाई शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ठेका एजेंसी को 40 दिन के लिए काम सौंपा गया है उससे पहले नगर निगम को सफाई व्यवस्था सौंपने के प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाया जाना चाहिए।


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