रायपुर 8 फरवरी 2024:- छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार की अपना पहला बजट 9 फरवरी को पेश करने वाली है. वित्तमंत्री ओपी चौधरी बजट पेश करेंगे, इस बजट में राज्य सरकार कई बड़े ऐलान कर सकती है. इससे पहले वित्तमंत्री ने साल 2023-24 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण विधानसभा के पटल पर रखा है. पिछली बार का छत्तीसगढ़ सरकार का बजट 1 लाख 21 हजार 500 करोड़ रुपए था. माना जा रहा है कि इस बार का बजट इससे भी बड़ा हो सकता है.।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी कल वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेंगे। बजट का आकार 1.25 से 1.30 लाख करोड़ होने का अनुमान है। चूंकि दो महीने बाद लोकसभा का चुनाव होना है ऐसे में बजट में मोदी की गारंटी वाली योजनाओं पर फोकस किया जाएगा। हालांकि अपने 3 बड़े वादों के लिए सरकार पहले ही बजट जारी कर चुकी है। इसमें दो वर्ष का बकाया बोनस, 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी और महतारी वंदन योजना शामिल है।
वित्त मंत्री ने पेश किया 2023-24 का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट
वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ के लिए साल 2023-24 का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट विधानसभा में प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने जीडीपी विकास दर देश की तुलना में छत्तीसगढ़ में कम बताया. वित्तमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में जीडीपी का दर 6.16 जबकि देश का दर 7.32 रहा है, इससे स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ की विकास गति धीमी रही है. पिछले वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया जाता है.
GDP को बढ़ाना हमारा लक्ष्य
वित्त मंत्री चौधरी ने आगे कहा कि बजट के पहले साल 2023- 24 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण विधानसभा के पटल पर रखा गया. हमारी सरकार कल बजट प्रस्तुत करेगी . सर्वेक्षण के महत्त्व पूर्व आंकड़े हैं. प्रदेश की जीडीपी 2022- 23 में 3 लाख 2 हजार 118 करोड़ रही थी वह 2023- 24 में 3 लाख 21 हजार 945 करोड रुपए हो गई है. GDP की विकास दर स्थिर भाव पर 6.16 प्रतिशत रही है. देशभर की जीडीपी की तुलना वृद्धि दर 7.32 प्रतिशत रही है, इसलिए जीडीपी को बढ़ाना हमारा पहला लक्ष्य है.
शिक्षा-स्वास्थ्य पर फोकस
बजट से पहले वित्तमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास के लिए बजट पेश किया जाएगा, जो आने वाले समय में प्रदेश के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा. इस बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा फोकस किया जाएगा. इसके अलावा राज्य के विकास के लिए कई अहम फैसले होंगे. क्योंकि छत्तीसगढ़ का समूचा विकास करना ही हमारी पहली प्राथमिकता है. बता दें कि छत्तीसगढ़ की साय सरकार अपना पहला बजट पेश करने जा रही है.
वित्तीय व्यवस्था के जानकारों के अनुसार वित्त मंत्री चौधरी के सामने राज्य सरकार पर बढ़ते कर्ज के बोझ के बीच चुनावी वादों को पूरा करना और राज्य को विकास की पटरी पर दौड़ने की बड़ी चुनौती है। बता दें कि राज्य सरकार पर कर्ज का बोझ 95 हजार करोड़ तक पहुंच चुका है। इधर भाजपा को अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए बड़े बजट की जरुरत है। इधर, लोकसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने अभी तक पूर्ववर्ती सरकार की ज्यादार योजना को जारी रखा है। इस पर भी अच्छा खासा बजट जा रहा है। इसमें बिजली बिल हाफ और बेरोजगारी भत्ता मुख्य है।
बजट से पहले कैबिनेट की बैठक
वित्त मंत्री चौधरी कल दोपहर 12 बजे सदन में बजट पेश करेंगे। इससे पहले राज्य कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें बजट को मंजूरी दी जाएगी। कल विधानसभा की कार्यवाही अपने निर्धारित समय 11 बजे शुरू होगी। एक घंटे के प्रश्नकाल के बाद सदन में बजट पेश किए जाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
प्रदेश के अब तक के वित्त मंत्री
छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद रामचंद्र सिंहदेव पहले वित्त मंत्री थे। 2003 में भाजपा सत्ता में आई तो अमर अग्रवाल वित्त मंत्री बनाए गए, लेकिन 2006 में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने वित्त विभाग की कमान संभाल ली। 2018 तक डॉ. रमन ने ही बजट पेश किया। 2018 में कांग्रेस सत्ता में आई तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्त विभाग अपने ही पास रखा। अब नई सरकार में ओपी चौधरी वित्त मंत्री बनाए गए हैं।