दंतेवाड़ा 12 अप्रैल 2023/ 12 अप्रैल छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारियों के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है। बीते वर्ष इसी दिन गांधीवादी तरीके को अपनाकर 45 डिग्री तापमान में ये कर्मचारी सरकार के वादे के अनुरूप अपनी जायज मांग हेतु बस्तर की आराध्य देवी माता दंतेश्वरी के चरणों से आशीर्वाद लेकर दंतेवाड़ा से रायपुर तक 400 कि. मि. की दाढी यात्रा याने पदयात्रा की शुरुआत किए थे । कड़े और 76 दिन के लंबे संघर्ष के बाद भी मांगे पूरी नहीं होने के चलते कर्मचारियों में सरकार प्रति आक्रोश व्याप्त है
, इनका कहना है सरकार छोटे छोटे कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशील है। इन्हीं सब कारणों से दांडी यात्रा के प्रथम वर्षगाठ को संघर्ष दिवस के रूप में मानने का निर्णय लेते हुए संध्या 7 बजे माता दंतेश्वरी की महाआरती कर आशीर्वाद ले एक बार पुनः संघर्ष का आगाज करेंगे।
छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय मीडिया प्रभारी सूरज सिंह ठाकुर ने बताया कि दांडी यात्रा में पैरो में छाले और दिलों में नियमितिकरण की आस लिए महिला अपने छोटे बच्चो , दिव्यांग व हजारों की संख्या में कर्मचारी रायपुर तक का पदयात्रा किए । तब भी सरकार संवेदनशीलता दिखाने की बजाए इन कर्मचारियों के हड़ताल को दमनकारी नीतियों से कुचलने, तोड़ने और इनकी आवाज को दबाने का प्रयास की।
जब इससे भी बात नहीं बनी तो 72 दिन बाद सरकार के कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने हड़ताली मंच पर जाकर 3 माह में मांगों को पूरा करने का सरकार की तरफ से आश्वासन एवम हड़ताल अवधि के वेतन भुगतान वादाकर हड़ताल खत्म करवाया था। तकरीबन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी मांगों पर सरकार का रुख स्पष्ट नहीं है। इन्हीं सब कारणों से 12 अप्रैल संघर्ष दिवस मानते हुए छत्तीसगढ़ के मनरेगा कर्मचारी आंदोलन की शुरुआत करेंगे।
इस बार का संघर्ष आर या पार की तर्ज पर होगी। पूरे देश ने छत्तीसगढ़ के मनरेगा कर्मचारियों की हिम्मत और हौसला देखा है सरकार के वादे के बाद जहां पर हम संघर्ष विराम किए थे शुरुआत उन्हीं बिंदुओं से होगी। सरकार को समझना होगा दांडी यात्रा हमारी शुरुआत थी इस बार इससे भी बड़ा संघर्ष के लिए हम तैयार हैं।
माता दंतेश्वरी की महाआरती से संघर्ष का आगाज
शाम 5.30 बजे सभी मनरेगाकर्मी दंतेश्वरी मंदिर में एकत्रित होंगे। शाम 06 बजे मां दंतेश्वरी की भव्य आरती। 6.15 बजे से मन्दिर प्रांगण में रंगोली एवम दीप प्रज्वलन।