पंचमी पर देवी मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब…..
00 सोलह श्रृंगार कर स्कंद माता स्वरूप में हुई देवी आराधना….
00 घंटी और शंख की गूंज से भक्तिमय हुआ शहर का माहौल….

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भिलाई नगर 26 मार्च 2023: चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होते ही लोगों में उत्साह व उमंग के साथ ही वातावरण में धार्मिकता का बोध होने लगा है। नवरात्र के पंचमी पर रविवार को देवी मां की विशेष श्रृंगार के साथ स्कंद माता स्वरूप की पूजा अर्चना की गई। पंचमी के विशेष महत्व के चलते शहर के सभी देवी मंदिरों में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। घंटी व शंख की गूंज से भिलाई – दुर्ग सहित आसपास के क्षेत्र में भक्तिमय वातावरण बना रहा।


चैत्र नवरात्रि पर सभी मंदिरों और घर-घर में मां दुर्गा की नवरुपों की उपासना किया जा रहा है। शाम होते ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ लग रही है। मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। जगह जगह जगत जननी मां दुर्गा की जयकारा से पूरा वातावरण दुर्गोमय बना हुआ है। पूरे क्षेत्र में भक्ति का माहौल बना हुआ है। मां के दर्शन करने लोग मंदिरों में पहुंच रहे और मनोकामना पूर्ति की मन्नते मांग रहे हैं।

मंदिरों में भक्तों का ताता लग रही है। आज पंचमी तिथि पर मंदिरों में सुबह से ही देवी दर्शन और पूजन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस्पात नगरी के प्रमुख मंदिर सेक्टर 6 बम्लेश्वरी मंदिर, महाराणा प्रताप भवन परिसर सेक्टर 7 जगदम्बा मंदिर, सेक्टर 1 शारदा मंदिर, सुपेला के शीतला मंदिर,पावर हाउस चौक के राज राजेश्वरी मंदिर, केम्प 2 के बैकुंठ धाम के दुर्गा मंदिर सहित अन्य मंदिरों में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित कराए हैं। वहीं समीपस्थ गांवों में भी आस्था की ज्योति जल रही हैं। भिलाई -3 के शीतला और महामाया मंदिर में भी आज पंचमी पर देवी प्रतिमा का विशेष श्रृंगार कर पूजा अर्चना करने श्रृद्धालु सुबह से पहुंचते रहे।



00 पारम्परिक जसगीतों से हो रही सेवा
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से पारम्परिक जसगीतों से माता की सेवा हो रही है। श्रद्धालु देवी माता की आराधना में डूबे हुए हैं। शहर सहित आस-पास गांवों के मंदिरों में जसगीतों का धून गंज रहा है। नवरात्र के अवसर पर देवी मंदिरों में कथा, प्रवचन, देवी भागवत चल रही है।

वहीं रात में ढोल, नगाड़े, झाज मंजीरे के साथ श्रद्धालु एकत्रित होकर जसगीतों के साथ मां की सेवा करते हैं। इससे शहर से लेकर गांव में देवीमय माहौल बना हुआ है। पुरुषों से लेकर महिलाएं व बच्चे भी भजन कीर्तन का आंनद लेते हैं। माता के मंदिरों में भक्त सुख समृद्धि बनाए रखने की कामना करते हुए आराधना में लीन हैं।


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