पालिका अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से मीना तो कांग्रेस से रामप्यारी के बीच सीधा मुकाबला…. इस बार बस्ती से बाहर के मतदाता निभाएंगे निर्णायक भूमिका…..बस्ती के नौ वार्ड से कांग्रेस को पिछले दो चुनावों में मिली थी बढ़त…..

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पालिका अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से मीना तो कांग्रेस से रामप्यारी के बीच सीधा मुकाबला
00 इस बार बस्ती से बाहर के मतदाता निभाएंगे निर्णायक भूमिका
00 बस्ती के नौ वार्ड से कांग्रेस को पिछले दो चुनावों में मिली थी बढ़त


कुम्हारी  29 जनवरी 2025:- कुम्हारी नगर पालिका चुनाव में अध्यक्ष पद के भाजपा और कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों ने आज नामांकन दाखिल कर दिया है। इस बार अध्यक्ष पद के लिए भाजपा की मीना वर्मा और कांग्रेस की रामप्यारी थनेश पटेल के बीच सीधा मुकाबला है। कुल 24 वार्डों वाले इस नगर पालिका में कुम्हारी बस्ती के नौ वार्ड पिछले दो चुनावों में कांग्रेस के लिए मजबूत गढ़ साबित हुए हैं। इस बार दोनों ही पार्टी के प्रत्याशी चयन को देखते हुए बस्ती से बाहर के मतदाताओं की भूमिका निर्णायक रहने का अनुमान राजनीति के जानकार लगा रहे हैं।


कुम्हारी नगर पालिका में पिछले दो चुनावों से कांग्रेस की स्थानीय सरकार बनती रही है। इसमें सबसे बड़ा योगदान कुम्हारी बस्ती का रहा है। पिछले दोनों चुनाव में कांग्रेस पार्टी को कुम्हारी बस्ती से एकतरफा बढ़त मिलने का नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा। लिहाजा इस नुकसान की भरपाई के लिए भाजपा ने बस्ती क्षेत्र से मीना वर्मा को प्रत्याशी घोषित कर कांग्रेस को उसी के घर में घेरने की रणनीति का इजहार कर दिया है। वहीं कांग्रेस ने वरिष्ठ पार्षद थनेश पटेल की पत्नी रामप्यारी थनेश पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है।


गौरतलब रहे कि नगर पालिका के पिछले चुनाव में पार्षदों के बहुमत से अध्यक्ष का चुनाव किया गया था। उस चुनाव में बस्ती के पूरे नौ वार्ड में कांग्रेस ने परचम लहराया था। जनाधार का सम्मान करते हुए कांग्रेस पार्टी ने बस्ती से राजेश्वर सोनकर को पालिका अध्यक्ष बनाया। जबकि उसके पहले हुए चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए प्रत्यक्ष मतदान प्रक्रिया हुई थी। जिसमें भाजपा ने बस्ती से बाहर कुगदा से बबला फलेंद्र चंद्राकर को अपना प्रत्याशी बनाया था। जबकि कांग्रेस ने बस्ती क्षेत्र से स्वप्निल उपाध्याय पर दांव खेला था। लिहाजा बस्ती के नौ वार्ड से कांग्रेस को एकतरफा बढ़त मिलने से स्वप्निल उपाध्याय चुनाव जीत कर पालिका अध्यक्ष बने। वहीं शहर व अन्य ग्रामीण वार्ड के मतों का बिखराव भाजपा के लिए नुकसानदायक साबित हुआ।


इस बार भाजपा ने मीना वर्मा के रूप में बस्ती से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। वहीं कांग्रेस ने भी फिर एक बार बस्ती से ही रामप्यारी थनेश पटेल के रूप अपनी परंपरा को कायम रखा है। अब जब भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही बस्ती को अहमियत दी है तो शहरी क्षेत्र सहित जंजगिरी, रामपुर चोरहा, कुगदा व परसदा के मतदाताओं की भूमिका इस बार के चुनाव में अध्यक्ष पद पर निर्णायक रहने का अनुमान है।


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