भिलाई नगर 12 जनवरी 2023 : नेहरू नगर काली बाडी में चल रहे , संगीतमय भागवत कथा में परम आदरणीय शुद्धेय श्री हरि नारायण भारद्वाज , श्री वृन्दावन धाम वाले, श्री ब्यासपीठ पर आसीन होकर अपने चौथे दिवस के कथा वाचन में वामन अवतार, कृष्ण जन्मोत्सव पर सुन्दर व्याख्यान दिये।
धर्म क्या है सत्य को धारण करना, तप करना, दया करना जीव दया, दान प्रधान , चार धर्म के चरण होतें हैं, अहिंसा परमो धर्म: महत्व पूर्ण है साथ ही ….धर्म का पालन न करने वाले को दण्ड देना परम धर्म कहा गया है …परम धर्म जीव दया सभी जीवों में भगवान के दर्शन करना परोपकार मानव सेवा मानवता अदि
माता पिता गुरूजनों का सादर नमस्कार करके पूजा करना तब फिर, भगवान का निरन्तर ध्यान नाम स्मरण करना जीवन का परम लक्ष्य बताया गया है
माता सर्वोत्तम होती है अनुपम होती हैं माता , माता का त्याग समर्पण महान होता है , माता सुनिताके मार्ग दर्शन को पाकर
ध्रुव जी ने नारद जी से भगवान के नाम को जपने का मंत्र पाया तप किया , अनन्त भगवान के दर्शन और शरण को पाया “ध्रुव जी की कथा” भक्ति में भजन की निरन्तरता उत्तरता से ही भगवान को पाना सम्भव है , ध्रुव जी ने इसी दृढ़ता विश्वास, भरोसे से…भगवान को पाया।
जडभगतजी की कथा ….,भक्त प्रहलाद् जी की कथा…., हिरण्य कथ्यपशु की यातनाओं व अहंकार का वर्णन …., भगवान नरसिंह भगवान का अवतार कथा…… आदि पर सविस्तार से चर्चा की गयी ।
ठकुर जी को मन से जिसने जैसा देखा ठाकुर जी वैसे ही हो जातें हैं, हिरण्यकश्यपु ने पहृलादजी से पूछा “भगवान कहाँ रहता हें , भगवान कैसे है ,कहाँ रहते है, भगवान से पहले कौन था” प्रसंग पर ब्यान पीठ से श्री मन ने कहा कि “एक से दस होते है एक से पहले कुछ नही था , सब कुछ भगवान से प्रारम्भ होता हें , इससे पहले कुछ नही था, भगवान सब जगह होता है पर दिखता नही ह्रै अनुभव किया जा सकता हें
प्रश्न-भगवान करता क्या है
धोबी को राजा और राजा को धाेबी बना सकता है, खम्बे में से भगवान नरसिंह प्रकट हो गये , संध्या में चौखट पर गोदी में लिटा कर , बडे बडे नाखूनों से हिरण्यकश्यपशु का वध कर दिये, क्रोधमय प्रभु के क्रोध को भक्त प्रहलाद जी ने शान्त किये।
वाहन अवतार के प्रसंग पर राजाबली की धर्म-परायणता , वैभव शाली राज्य तीनो लोको में उनका प्रभाव दैत्य, दानव , मानव व देवताओ पर उनका शासन रहा था, भगवान श्री हरि द्वारा वामन अवतार में दान में तीन पग धरती का संकल्प कराने के पश्चात तीन पग मे तीनो लोक को मापने के प्रसंग का संगीतमय ब्रम्हानंद दिये।
भागवत कथा वाचन पंण्डाल में नेहरू नगर एवं उसके आस पास के क्षेत्र के हजारो लोगो ने भागवत भक्ति की सुन्दर कथा वाचन का लाभ उठाया, तथा आयोजक मंडल भी भाव विहार होने से अपने को रोक नही पाये, यैसा सुन्दर भक्तिमय वातावरण नेहरू नगर की पावन धरती पर आज बनी रही।