बलौदा बाजार 07 मार्च 2025:- गिरोधपुरी मेला सफलता पूर्वक संपन्न पुलिस सहायता केंद्र की सहायता से मेला के दौरान गुम हुए 92 गुम इंसानों को खोज निकाल कर किया गया उनके परिजनों के सुपूर्दसंपूर्ण गिरोधपुरी मेला में 27 राजपत्रित अधिकारियों सहित 30 निरीक्षक, 64 उनि/सउनि, 116 प्रधान आरक्षक, 763 आरक्षक महिला आरक्षक सहित कुल 1000 की संख्या में लगाया गया था पुलिस बल मेला परिसर में 24 घंटे सतत् निगरानी हेतु 72 की संख्या में सीसीटीवी कैमरा था लगाया गया।


मेला में आने वाले संदिग्धों, बाहरी प्रांत से आकर ठेला, खोमचा लगाने वाले का सर्च स्लिप भरा गया मेला के दौरान समुचित यातायात व्यवस्था के लिए 08 मुख्य पार्किंग स्थल बनाए गए किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए 22 गोताखोर 24 घंटे रहे तैनात मेला समुचित व्यवस्था के लिए 07 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां थी लगाई गई










सूचनाओं के समुचित आदान-प्रदान एवं आपसी समन्वय बनाने के लिए 100 मैनपेक सेट एवं 30 स्टैटिक सेट व्यवस्था में लगाया गया दुर्घटना आदि से बचाव के लिए महत्वपूर्ण स्थानों में कुल 15 फिक्स पॉइंट लगाए गए फॉरेस्ट विभाग एवं पुलिस विभाग की सहायता से 60 से अधिक मधुमक्खी के छत्तों को सुरक्षित हटाया गया

इस वर्ष 04.03.2025 से 06.03.2025 तक आयोजित ऐतिहासिक गिरोधपुरी मेला कार्यक्रम सफलता पूर्वक एवं शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। इस दौरान मेला परिसर के विभिन्न स्थानों में पुलिस सहायता केंद्र स्थापित किए गए थे, जिनकी मदद से मेला में गुम हुए कुल 92 गुम इंसानों की सकुशल खोजबीन कर उनके परिजनों के सुपूर्द किया गया। मेला व्यवस्था में उप पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी को मेला प्रभारी नियुक्त करते हुए संपूर्ण गिरोधपुरी मेला में 27 राजपत्रित अधिकारियों सहित 30 निरीक्षक 64 उनि/सउनि, 116 प्रधान आरक्षक, 763 आरक्षक महिला आरक्षक सहित कुल 1000 की संख्या में पुलिस बल लगाया गया था। मेला परिसर में 24 घंटे सतत् निगरानी हेतु 72 की संख्या में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था।

मेला व्यवस्था के तहत बाहर से आने वाले संदिग्ध व्यक्तियों, बाहर प्रांत से आकर मेला परिसर में ठेला, गुमटी आदि लगाने वाले व्यक्तियों का सर्च स्लिप भरा गया। इस दौरान कुल 132 लोगों का सर्च स्लिप भरा गया। संपूर्ण मेला में समुचित एवं सुगम यातायात व्यवस्था के लिए 08 मुख्य पार्किंग स्थल बनाए गए थे, जिसके तहत इस बार छाता पहाड़ में भी पार्किंग की समुचित व्यवस्था की गई थी। साथ ही गिरोधपुरी चौकी के पीछे के शेरे पंजा स्थल को मुख्य पार्किंग स्थल के रूप में चिन्हित किया गया था। मेला के दौरान किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे 22 कुशल गोताखोर तैनात किए गए थे, जो की जोंक नदी परिसर एवं गिरोधपुरी ग्राम स्थित मुख्य तालाब में व्यवस्था सुनिश्चित कर रहे थे।
गिरोधपुरी मेला के दौरान 07 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आपातकाल स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे तैनात थी। इसके अतिरिक्त संपूर्ण मेला परिसर में सूचनाओं के सुगम आदान प्रदान एवं आपसी समन्वय के लिए 100 मैनपेक सेट एवं 30 स्टैटिक सेट व्यवस्था में लगाया गया था। इस वर्ष किसी भी प्रकार की दुर्घटना आदि से बचने के लिए मेला परिसर में 15 से अधिक फिक्स पॉइंट लगाए गए थे। इस वर्ष मेला क्षेत्र में आने वाले पैदल श्रद्धालुओं के लिए अलग से मार्ग बनाया गया था तथा उनमें मजबूत बैरिकेडिंग किया गया था जिससे पैदल मंदिर की ओर गमन करने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की भी परेशानी ना हो। इस दौरान वन विभाग एवं पुलिस विभाग की टीम द्वारा नवनिर्मित जैतखाम एवं मेला परिसर से 60 से अधिक मधुमक्खी के छत्तों को सुरक्षित हटाया गया है।






