High Court BREAKING: IG बिलासपुर के आदेश को हाईकोर्ट ने किया निरस्त… 10 साल के संघर्ष के बाद सूबेदार को मिला न्याय.. जाने क्या है मामला…

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बिलासपुर 6 फरवरी 2024 :- हाई कोर्ट ने आईजी के आदेश को निरस्त करते हुए सूबेदार को बड़ी राहत दी है। मामला मुंगेली जिला का है। मुंगेली जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में सूबेदार के पद पर पदस्थ संजय कुमार सूर्यवंशी की पदोन्नति रक्षित निरीक्षक के पद से वंचित किए जाने के विरुद्ध दायर याचिका हाई कोर्ट अधिवक्ता मतिन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायालय ने पुलिस महानिरीक्षक के आदेश को निरस्त करते हुए संजय कुमार सूर्यवंशी को रक्षित निरीक्षक के पद पर पदोन्नति के दिए निर्देश दिया है।

अधिक्तवा सिद्दकी ने बताया कि संजय कुमार सूर्यवंशी सूबेदार के पद पर पुलिस अधीक्षक मुंगेली के कार्यालय में पदस्थ थे। 25 दिसंबर 2013 को आरक्षक परमेश्वर श्रीवास ने रक्षित केंद्र परिसर में नशे की हालत में स्वयं के बाएं हाथ की कलाई को काट लिया था। घटना के संबंध में आरक्षक द्वारा हाथ काटने का कारण सूबेदार संजय सूर्यवंशी द्वारा बार-बार मालिश के लिए बुलाना गाली गलोज करना बताया गया। इसके फल स्वरुप पुलिस अधीक्षक मुंगेली द्वारा 25 अक्टूबर 2017 को संजय कुमार सूर्यवंशी को उसके आगामी एक वेतन वृद्धि 1 वर्ष के लिए असंचायी प्रभाव से रोके जाने का दंड से दंडित किया गया।

छत्तीसगढ़ पुलिस विनियम की धारा 221 के तहत पुलिस अधीक्षक को शक्ति नहीं है कि वह सूबेदार को दंडित कर सके और उनका एक वेतन वृद्धि असंचायी प्रभाव से रोक सके, जिसके विरुद्ध संजय कुमार सूर्यवंशी ने पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज के समक्ष अपील प्रस्तुत किया किंतु पुलिस महानिदेशक बिलासपुर रेंज द्वारा भी अपने आदेश 29 सितंबर 2017 को एक वेतन वृद्धि 1 वर्ष के लिए संचय प्रभाव से रोके जाने का दंड से दंडित किया गया जिसके विरुद्ध संजय कुमार सूर्यवंशी द्वारा एक अभ्यावेदन पुलिस महानिदेशक रायपुर में इसी बीच पुलिस मुख्यालय छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सूबेदार से रक्षित निरीक्षक के पद पर पदोन्नति हेतु योग्यता सूची का प्रकाशन किया गया जिसमें संजय कुमार सूर्यवंशी का नाम सरल क्रमांक एक पर था, किंतु पुलिस महानिदेशक रायपुर द्वारा अपने आदेश दिनांक 29 अक्टूबर 2018 को संजय कुमार सूर्यवंशी रक्षित निरीक्षक के पद पर दी गई पदोन्नति को निरस्त कर दिया गया यह कहते हुए की पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज द्वारा दिया गया आगामी एक वेतन वृद्धि 1 वर्ष के लिए असंचायी प्रभाव से रोके जाने का दंड वर्तमान में प्रभावशील है इसलिए संजय कुमार सूर्यवंशी का नाम उक्त योग्यता सूची से पृथक किया गया है।यह की संजय कुमार सूर्यवंशी द्वारा एक वेतन वृद्धि रोके जाने

तथा रक्षित निरीक्षक पदोन्नति पद निरस्त हो जाने के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय मैं याचिका दायर की जिसकी सुनवाई न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडे के यहां हुई याचिका में यह आधार लिया गया कि पुलिस विभाग द्वारा याचिकाकर्ता के ऊपर दंडाधिरोपित करने की प्रक्रिया जो छत्तीसगढ़ सिविल सर्विसेज

वर्गीकरण और अपील नियम 1966 की धारा 14 की उप धारा 3 से 23 तक का पालन नहीं किया गया है जो की दंड अधिरोपित करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया है, उपरोक्त आधारों पर न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक के असंचायी प्रभाव से वेतन वृद्धि रोकने का आदेश 5 दिसंबर 2018 तथा 29 अक्टूबर 2018 जिसमें याचिकाकर्ता संजय कुमार सूर्यवंश द्वारा एक वेतन वृद्धि रोके जाने तथा रक्षित निरीक्षक पदोन्नति पद निरस्त हो जाने के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय मैं याचिका दायर की जिसकी सुनवाई न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडे के यहां हुई याचिका में यह आधार लिया गया कि पुलिस विभाग द्वारा याचिकाकर्ता के ऊपर दंडाधिरोपित करने की प्रक्रिया जो छत्तीसगढ़ सिविल सर्विसेज वर्गीकरण और अपील नियम 1966 की धारा 14 की उप धारा 3 से 23 तक का पालन नहीं किया गया है जो की दंड अधिरोपित करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया है, उपरोक्त आधारों पर न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक के असंचायी प्रभाव से वेतन वृद्धि रोकने का आदेश 5 दिसंबर 2018 तथा 29 अक्टूबर 2018 जिसमें याचिकाकर्ता है संजय कुमार सूर्यवंशी का नाम रक्षित निरीक्षक पदोन्नति पद की योग्यता सूची से पृथक करने वाला आदेश को उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया और याचिकाकर्ता संजय कुमार सूर्यवंशी को रक्षित निरीक्षक पदोन्नति पद के लिए उपयुक्त पाया


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