बिलासपुर 19 अक्टूबर 2024:- विकास विहार कॉलोनी, महादेवघाट रोड, रायपुर निवासी सरोज वर्मा, महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, दुर्ग में प्रशिक्षण अधीक्षक के पद पर पदस्थ थे। उनकी पदस्थापना के दौरान सचिव, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग, रायपुर द्वारा एक आदेश जारी कर सरोज वर्मा का स्थानांतरण घोर अनुसूचित एवं नक्सली जिला बीजापुर कर दिया गया।
उक्त स्थानांतरण आदेश से क्षुब्ध होकर प्रशिक्षण अधीक्षक सरोज वर्मा द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर कर स्थानांतरण आदेश को चुनौती दी गई। अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि छ.ग. शासन सामान्य प्रशासन विभाग, रायपुर द्वारा दिनांक 03.06.2015 को जारी सर्कुलर के पैरा 1.5 के तहत् जो शासकीय सेवक 55 वर्ष से अधिक की उम्र पार चुके है उन्हें घोर अनुसूचित जिले में पदस्थ नहीं किया जायेगा,
चूंकि वर्तमान में याचिकाकर्ता की उम्र 60 वर्ष एवं 4 माह है इसके बावजूद भी उनका स्थानांतरण घोर अनुसूचित / नक्सली जिला बीजापुर कर दिया गया, जो कि पॉलिसी 03.06.2015 के पैरा 1.5 का घोर उल्लंघन है। इसके साथ ही अधिवक्तागण द्वारा यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता की जुलाई- अगस्त 2024 की मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ता (EPILEPTIC ACTIVITY मिर्गी) की गंभीर बीमारी से ग्रस्त है एवं याचिकाकर्ता के रिटायरमेन्ट को सिर्फ 01 वर्ष एवं 08 माह शेष है ऐसी स्थिति में गंभीर अनुसूचित / नक्सली जिला बीजापुर में ज्वाईन करने से याचिकाकर्ता को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात् याचिका को स्वीकार कर याचिकाकर्ता का जिला दुर्ग से जिला बीजापुर किये गये स्थानांतरण पर स्थगन (स्टे) कर दिया गया।