ब्रेकिंग: हाईकोर्ट से IPS मुकेश गुप्ता को लगा झटका.. CAT का आदेश किया निरस्त.. ADG पद से 30 सितंबर को होगे सेवानिवृत्त…

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बिलासपुर 28 सितंबर 2022 :! हाईकोर्ट से IPS मुकेश गुप्ता को बड़ा झटका लगा है। मुकेश गुप्ता को अब एडीजी पद से ही रिटायर होना होगा। CAT जबलपुर के आदेश को निरस्त करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन की याचिका स्वीकार कर ली है। 2018 में मुकेश गुप्ता का ADG से DG पद पर प्रमोशन हुआ था। 2019 में राज्य शासन ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को निरस्त कर दिया था। इसके बाद शासन के आर्डर को कैट ने निरस्त कर दिया था।
HC चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में मामला लगा था. मामले को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य शासन की याचिका स्वीकार कर ली थी.

आईपीएस मुकेश गुप्ता प्रमोशन मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया है. कोर्ट ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को लेकर राज्य शासन की अपील पर सुनवाई की. इससे पहले भी निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता के प्रमोशन मामले में कैट के आदेश के खिलाफ राज्य शासन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.


पेश याचिका में कैट के क्रियान्वयन आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी, जिसमें हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. इसमें आईपीएस मुकेश गुप्ता के पदस्थापना का आदेश दिया था साल 2018 में मुकेश गुप्ता का एडीजी से डीजी पद पर प्रमोशन हुआ था. साल 2019 में राज्य शासन ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को निरस्त कर दिया था. इसके बाद शासन के आर्डर को कैट ने निरस्त कर दिया था.

हाईकोर्ट चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में यह मामला लगा था.
ये है पूरा मामलाब एडीजी पद से ही रिटायर होना होगा। CAT जबलपुर के आदेश को निरस्त करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन की याचिका स्वीकार कर ली है। 2018 में मुकेश गुप्ता का ADG से DG पद पर प्रमोशन हुआ था। 2019 में राज्य शासन ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को निरस्त कर दिया था। इसके बाद शासन के आर्डर को कैट ने निरस्त कर दिया था।


HC चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में मामला लगा था. मामले को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य शासन की याचिका स्वीकार कर ली है. आईपीएस मुकेश गुप्ता प्रमोशन मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया है. कोर्ट ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को लेकर राज्य शासन की अपील पर सुनवाई की. इससे पहले भी निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता के प्रमोशन मामले में कैट के आदेश के खिलाफ राज्य शासन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.


पेश याचिका में कैट के क्रियान्वयन आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी, जिसमें हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. इसमें आईपीएस मुकेश गुप्ता के पदस्थापना का आदेश दिया था साल 2018 में मुकेश गुप्ता का एडीजी से डीजी पद पर प्रमोशन हुआ था. साल 2019 में राज्य शासन ने मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को निरस्त कर दिया था. इसके बाद शासन के आर्डर को कैट ने निरस्त कर दिया था. हाईकोर्ट चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में यह मामला लगा था.
ये है पूरा मामला

बता दें कि राज्य शासन ने पूर्व में 2018 में प्रमोशन देकर ADG से DG बना दिया था. उस समय प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी. जिसके बाद कांग्रेस जीत कर सरकार बनाई तब 2019 में राज्य शासन मुकेश गुप्ता के प्रमोशन को निरस्त कर दिया. शासन के इस निर्णय और ऑब्जरवेशन को चुनौती देते हुए IPS गुप्ता ने कैट में याचिका लगाई थी. कैट ने सुनवाई के बाद मुकेश गुप्ता के पक्ष में निर्णय देते हुए पदस्थापना का आदेश सुनाया. इसके खिलाफ राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की.

मामले की सुनवाई के बाद 4 जुलाई को हाईकोर्ट कैट के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी. हाइकोर्ट में 22 अगस्त से इस पर अंतिम बहस शुरू की गई. चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में शासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने बहस की. सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिस पर आज फैसला सूनाया…


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