कुबेरेश्वर धाम में जाम रुद्राक्ष लेने लाइन में लगी 2 महिला की मौत, भिलाई की महिला, सहित 3 लापता ,3000 बीमार, इंदौर भोपाल हाईवे पर 20 किलोमीटर जाम, भगदड़ जैसे हालत से बचने के लिए प्रशासन ने रुद्राक्ष वितरण को रोका, धाम मैं रुद्राक्ष महोत्सव करीब 10 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे,…

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सिहोर 17 फरवरी 2023 :! कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर बवाल मच गया है। पिछले 10 घंटों से इंदौर भोपाल हाईवे पूरी तरह से जाम पड़ा हुआ है। भारी भीड़ के कारण अब तक 3000 लोगों के बीमार हो जाने, 02 महिला की मृत्यु और भिलाई छत्तीसगढ़ की एक महिला सहित तीन महिलाओं के लापता हो जाने के समाचार हैं।

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में चल रहे रुद्राक्ष महोत्व और कुबेश्वर महादेव के दर्शन में आने वाले लोगों का सिलसिला जारी है. लोग इस महोत्सव में लाखों की संख्या में पहुंच रहे हैं. आलम यह है कि प्रशासन से इतनी भीड़ संभाली नहीं जा रही है. लोगों को यहां दर्शन करने और रुद्राक्ष महोत्सव से रुद्राक्ष लेने के लिए धूप में 10-10 घंटे तक खड़ा होना पड़ रहा है. धूप में खड़े होने की वजह से लोगों को चक्कर आ रहे हैं जिस कारण अब तक 3 हजार से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है।

रुद्राक्ष के लिए लगी लाखों लोगों की लाइन

सीहोर के कुबेश्वर धाम में आज से सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव और शिव महापुराण कथा की शुरुआत हो रही है. इस कार्यक्रम के पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पंडित प्रदीप मिश्रा का आशीर्वाद लेने पहुंचने वाले थे शासन प्रशासन ने भीड़ की वजह से मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को निरस्त कर दिया. वहीं लाखों की संख्या में लोग रुद्राक्ष महोत्सव में रुद्राक्ष लेने के लिए पहुंचे हैं. लोगों की भीड़ इतनी अधिक थी कि 3-5 किमी से भी अधिक लंबी लाइन लगी थी. बताया जा रहा है कि इस लंबी लाइन में दो लाख से ज्यादा लोग खड़े थे. वहीं भीड़ को काबू में रखने के लिए बांस के बैरिकेड बनाए गए हैं. हालांकि यह बैरिकेड इस जनसैलाब के लिए नाकाफी साबित हो रहे हैं.

कुबेरेश्वर धाम में महाराष्ट्र के नासिक के मालेगांव से आई मंगला बाई (50) की तबीयत अचानक खराब हो गई। उसे चक्कर आया और वह गिर पड़ी और उसकी मौत हो गई। मंडी थाना एएसआई धर्म सिंह वर्मा ने बताया कि मंगला बाई रुद्राक्ष लेने के लिए कतार में लगी हुई थी, तभी चक्कर खाकर गिर गई। छत्तीसगढ़ के भिलाई, राजस्थान के गंगापुर और महाराष्ट्र के बुलढाणा की रहने वाली तीन महिलाएं लापता हैं। वहीं, पंडित प्रदीप – मिश्रा ने कहा कि जो लोग कुबेरेश्वर धाम रुद्राक्ष के लालच में आ रहें हैं, तो वे न आएं। टिकट कैंसिल करा लें। यहां आना है तो महादेव के लिए आएं। उनसे क्या मिलेगा, उसकी लालसा में आओ। रुद्राक्ष के लिए आने की शेष आवश्यकता नहीं है।

10 से 15 किमी तक पैदल चलना पड़ रहा : इंदौर-भोपाल

हाईवे पर सुबह से देर शाम तक लंबा जाम लगा रहा। श्रद्धालु करीब 10 से 15 किमी पैदल चलकर धाम पहुंचे। बढ़ती भीड़ के कारण जहां 1 दिन पहले ही रुद्राक्ष वितरण शुरू कर दिया
गया था, उसे अब रोक दिया गया है। सीहोर से जाने वाले श्रद्धालुओं को सोया चौपाल पर ही वाहनों से उतार दिया गया। यहां से आगे गाड़ियों को रोक दिया गया।

पुलिस के साथ 15 हजार लोग संभाल रहे व्यवस्था : पुलिस और प्रशासन की टीम के अलावा आरएसएस, बजरंग दल, स्थानीय लोग, समिति सदस्य सहित कुल 15 हजार लोग व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं। इनकी तैनाती कथा पंडाल, भोजन पंडाल, रुद्राक्ष वितरण केंद्र पर की गई है।

जिनको रूद्राक्ष मिला, वे खुश : रुद्राक्ष वितरण अचानक रोके जाने से श्रद्धालु निराश नजर जाए। नासिक से आए मोहनेंद्र ने बताया कि वह बड़ी उम्मीद से आया था। लेकिन, रुद्राक्ष, नहीं मिलने से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। वहीं, यूपी के महोबा से आए अजब सिंह ने बताया कि रुद्राक्ष मिल गया है. अब घर पर पहुंच कर टीवी पर ही पंडित जी की कथा का आनंद लेंगे मध्यप्रदेश में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव के पहले दिन गुरुवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। करीब सात लाख लोग कुबेरेश्वर धाम पहुंचे। भीड़ को कंट्रोल करने और भगदड़ जैसे हालात से बचने के लिए प्रशासन ने रुद्राक्ष वितरण को रोक दिया। भीड़ को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दौरा भी निरस्त कर दिया गया।

पैदल चलने वाले श्रद्धालु खेतों की पगडंडियों से होते कथा स्थल पर पहुंचे। धाम पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने श्मशान घाट पर ही अपना डेरा जमा लिया। जिस ओटले पर शव रखा जाता है, उसी पर बैठकर पेड़ की छांव में भोजन भी किया। कुबेरेश्वरधाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए जब डोम और टेंट में जगह नहीं मिली, तो हजारों श्रद्धालुओं ने पेड़ की डालियों, बांस और बैरिकेट्स से चादर और साड़ी बांधकर डेरा जमाया।
■ ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए वाहनों को सात किमी पहले ही पार्क कराया, श्रद्धालुओं को पैदल भेजा कुबेरेश्वर धाम

■ पानी और खाने के लिए श्रद्धालु होते रहे परेशान।

मोबाइल का नेटवर्क भी हुआ फेल

डोम में जगह नहीं मिली तो श्रद्धालुओं ने धूप से बचने के लिए चादर और साड़ी से तंबू बना लिया


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