शराब घोटाला केस में चैतन्य बघेल को ED ने कोर्ट में पेश किया,कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा,

IMG_20250823_231526.jpg

शराब घोटाला केस में चैतन्य बघेल को ED ने कोर्ट में पेश किया,कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा,

रायपुर 23 अगस्त 2025 :-  पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। चैतन्य को कस्टोडियल रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट में पेश किया गया था। चैतन्य बघेल 6 सितंबर तक रायपुर जेल भेज में रहेंगे।

इसके पहले ED ने कस्टोडियल रिमांड के दौरान पिछले 5 दिनों तक शराब घोटाला और मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में चैतन्य बघेल से नए तथ्यों पर पूछताछ की है। इसी आधार पर ED कुछ होटल और रियल एस्टेट कारोबारियों को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुला सकती है।

चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपए मिले – ED

दरअसल, शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चैतन्य बघेल को भी आरोपी बनाया है। चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को उनके निवास पदुमनगर भिलाई तीन से गिरफ्तार किया  था। आरोप है कि शराब घोटाले की रकम से चैतन्य को 16.70 करोड़ रुपए मिले हैं।

ED के मुताबिक शराब घोटाले से मिले ब्लैक मनी को रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट किया गया। ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए फर्जी निवेश दिखाया गया है। साथ ही सिंडिकेट के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपए की हैंडलिंग (हेराफेरी) की गई है।

ED की जांच में सामने आई ये बातें

चैतन्य बघेल की दो फर्मों को भिलाई के सराफा कारोबारी से 5 करोड़ मिले, शराब घोटाले से कैश मिला।

4.5 करोड़ का बकाया भुगतान बिना ब्याज के पड़ा है-जिससे कैश डीलिंग की पुष्टि होती है।

भिलाई के ज्वेलर्स ने बघेल के प्रोजेक्ट में 80 लाख के 6 प्लॉट खरीदे ।

लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू ने कहा- उसने चैतन्य बघेल के साथ मिलकर 1000 करोड़ से ज्यादा कैश हैंडल किया, जो शराब घोटाले से आया था।

बंसल के मुताबिक वह यह पैसा अनवर ढेबर से लेकर दीपेंद्र चावड़ा के जरिए चैतन्य बघेल की मदद से रामगोपाल अग्रवाल और केके. श्रीवास्तव तक पहुंचाता था।

बघेल डेवलपर्स की ‘विठ्ठल ग्रीन’ प्रोजेक्ट में शराब घोटाले की रकम से कैश भुगतान हुआ।

कंपनी के खातों में केवल 2.62 करोड़ दिखाया गया, लेकिन असल खर्च 13-15 करोड़ था।

प्रोजेक्ट कंसल्टेंट ने बताया कि अकाउंट में लागत जानबूझकर कम दिखाई गई और नकद भुगतान शिवम कंस्ट्रक्शन को किया गया।

प्रोजेक्ट में 4.2 करोड़ कैश पेमेंट की पुष्टि डिजिटल डिवाइस की जांच में हुई।

कंपनी के खातों में केवल 2.62 करोड़ दिखाया गया, लेकिन असल खर्च 13-15 करोड़ था।

प्रोजेक्ट कंसल्टेंट ने बताया कि अकाउंट में लागत जानबूझकर कम दिखाई गई और नकद भुगतान शिवम कंस्ट्रक्शन को किया गया।

प्रोजेक्ट में 4.2 करोड़ कैश पेमेंट की पुष्टि डिजिटल डिवाइस की जांच में हुई।

त्रिलोक सिंह ढिल्लो ने अपने कर्मचारियों के नाम पर 5 करोड़ देकर ‘बघेल डेवलपर्स’ से 19 फ्लैट खरीदे – जो ED के मुताबिक फर्जी खरीदी है।

सभी ट्रांजेक्शन 19 अक्टूबर 2020 को किए गए।

ढिल्लो ने खुद की कंपनियों (ढिल्लो सिटी मॉल और ढिल्लों ड्रिंक्स) से पैसा लगाकर बघेल तक पहुंचाया ताकि ट्रांजेक्शन पर सवाल न उठे।

बंसल ने यह भी कहा कि त्रिलोक ढिल्लों को चैतन्य बघेल ने पैसे लाने-ले जाने में इस्तेमाल किया।

ED ने दावा किया है कि चैतन्य बघेल के अन्य करीबी सहयोगी भी इसी प्रोजेक्ट में कैश निवेश करते रहे।

ED ने बघेल के पास शराब घोटाले से सीधे 16.70 करोड़ की ब्लैक मनी होने की पुष्टि की है।

ED का आरोप है कि चैतन्य बघेल ने घोटाले की रकम को ‘प्रोजेक्ट’ में डालकर उसे लीगल दिखाने की कोशिश की।


scroll to top