भिलाईनगर 20 दिसंबर 2023:- श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी भिलाई में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग द्वारा आयोजित अंतर महाविद्यालय युवा महोत्सव 2023 -24 का आयोजन 20 दिसंबर 2023 को किया गया। इस अवसर पर डॉ. भूपेन्द्र कुलदीप हेमचंद यादव विश्वविद्यालय कुलसचिव, डॉ राजमणि पटेल हेमचंद यादव विश्वविद्यालय उप कुलसचिव, डॉ प्रशांत श्रीवास्तव छात्र अधिष्ठाता हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग, निर्णायक श्रीमती जोली सेन पर्यावरण विभाग, भिलाई इस्पात संयंत्र, डॉ. सोम भारती भार्गव, डॉ अर्चना झा प्राचार्य श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी भिलाई, अकादमिक डीन डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर सरस्वती वंदना एवं राज्य गीत से किया गया। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय परंपरा अनुसार पौधा भेंट कर किया गया।
अंतर-महाविद्यालयीन प्रहसन प्रतियोगिता में सेंट थॉमस कॉलेज रुआबांधा, कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेक्टर 7 भिलाई, साईं कालेज सेक्टर 6 भिलाई, श्री स्वरूपानंद महाविद्यालय हुडको, भिलाई मैत्री कॉलेज, भिलाई, सेठ बद्रीनाथ खंडेलवाल कॉलेज, दुर्ग ने अपनी प्रस्तुति दी।
सर्वप्रथम प्रहसन प्रस्तुति के नियम बताए गए, जिसके अनुसार सभी महाविद्यालयों ने समाज की ज्वलंत समस्या को लेकर प्रहसन प्रस्तुत किए। सेंट थॉमस महाविद्यालय ने मानव तस्करी, कल्याण पीजी कॉलेज ने भ्रष्टाचार, साइंस कॉलेज ने भ्रूण हत्या, स्वरूपानंद महाविद्यालय ने ट्रांसजेंडर तथा भिलाई मैत्री कॉलेज आज की समस्या आज का समाधान, सेठ बद्रीनाथ खंडेलवाल महाविद्यालय ने स्वच्छता अभियान पर सूखा कचरा और गीला कचरा विषय पर शानदार प्रस्तुति दी।
निर्णायक श्रीमती जॉली सेन ने प्रहसन प्रस्तुति के नियम के साथ-साथ मंचन की बारिकियों, स्वरों के उतार-चढ़ाव, शब्दों के उच्चारण का महत्व बताया। सोम भारती भार्गव ने नाटक के टेक्निकल चीजों की जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि प्रहसन का अर्थ हसन यानि हास्य के महत्व को बताया
साथ ही उन्होंने कहा कि ड्रामे में कई बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है। इसमें सरप्राइस इम्लिमेंट होना चाहिए। मंच का पूरा उपयोग करना चाहिए। जहां तक संभव हो बैठकर प्रस्तुति देने से बचना चाहिए। चेहरे के हाव-भाव के साथ-साथ स्वरों के उतार-चढ़ाव, प्राप का उपयोग एवं कोई संदेश अवश्य
होना चाहिए तभी कोई नाटक या ड्रामा सफल माना जाता है। उन्होंने अत्यंत प्रारंभिक जीवन से ड्रामा में जुड़ने और उसके मंचन से जुड़ने का अनुभव साझा किया। तत्पश्चात निर्णायकों को स्मृति चिन्ह एवं सीड बॉल प्रदान किया गया।
प्रहसन के पश्चात सुगम संगीत का आयोजन किया गया जिसमें शैलदेवी कॉलेज अंडा, सेंट थॉमस कॉलेज रुआबांधा, साईं कालेज सेक्टर 6 भिलाई, शासकीय वीवायटी पीजी कॉलेज, दुर्ग, भिलाई महिला महाविद्यालय, सेक्टर-9, शासकीय कॉलेज रिसाली सम्मिलित हुए। सुगम संगीत प्रतियोगिता के निर्णायक सुश्री सोनाली सेन व्याख्याता, शास्त्रीय गायिका, सुश्री अनुष्का पाण्डेय, संगीत शिक्षिका डीपीएस, दुर्ग उपस्थित रहीं।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अर्चना झा ने विश्वविद्यालय द्वारा इस कार्यक्रम के लिए श्री शंकराचार्य महाविद्यालय का चयन पर आभार व्यक्त किया तथा महाविद्यालय के डीन (अकादमिक) ने विभिन्न महाविद्यालयों से आए प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।