भिलाई नगर 04 फरवरी 2024:- उम्र 15 की थी और वो चाहती थी कि जीवन में उड़ान आसमान की तरफ़ हो भविष्य के सपनों में ख़ुद को तलाशते हुए ज़िंदगी एक सामान्य परिवार के बीच बसर कर रही थी इस दौर में माता पिता और भाई चाहते थे घर की लाड़ली जो भी करे उनका सीना गर्व से चौड़ा हो ।
मिलिए जानिए और समझिए कंचन गुप्ता को जिनका बचपन दुर्ग कवर नगर सिंधी कालोनी में फल फूल रहा था , उम्र की दहलीज़ बढ़ती गई पिता लोकचंद खत्री माता तुलसी देवी एवं भाई गोपाल खत्री ने बिटिया के लिए पति के तौर पर नेहरू नगर निवासी उद्योगपति प्रदीप गुप्ता को स्वीकार किया साल 2017 विवाहित जीवन की शुरुआत के बाद उनका मायका और पति एक बात पर सहमत हुए कि कंचन के हौसलों की उड़ान लिए वो हमेशा उनके फ़ैसले को शिरोधार्य करेंगे ।
सामाजिक परिदृश्य को देखने का नज़रिया और ख़ूबसूरत दुनिया की इन्द्रधनुषी ख़ूबसूरती को प्रस्तुत करने की ख़्वाहिश ने एक पड़ाव साल 2023 मई में कंचन के सामने ला खड़ा किया जो मिसेज़ इंडिया के बड़े स्वर्णिम चैलेंज के तौर पर सामने प्रतियोगिता आयी देश भर से आयी चुनिंदा ख़ूबसूरत हस्तियों के बीच कंचन को इस प्रतियोगिता में जीतना ही था उनके ससुर श्री बी पी गुप्ता एवं परिजन एवं पति श्री प्रदीप गुप्ता व दोस्तों ने प्रोत्साहन की सीढ़ियाँ तैयार की और उन्हें ये प्रतियोगिता जीतकर आने की अग्रिम शुभकामनाएं दीं ।
दिन था मई ,साल 2023 ,जगह थी दिल्लीवो समय आ गया जब कंचन गुप्ता ने पहली बार सारे प्रतियोगियों तो प्रतियोगियों से आगे निकलते हुए Mrs. India का ख़िताब और ताज अपने नाम कर लिया शारीरिक और मानसिक निपुणता की खासियत के हर पड़ाव में उम्मीदों से अधिक उनको प्राप्त होना कंचन गुप्ता के लिए किसी बड़े सपने का पूरा होना था ।
जीत का यह सफ़र और आगे ले जाने की ख़्वाहिश थी समय ने जल्द दस्तक फिर से दी और मिसेज़ यूनिवर्स की वैश्विक प्रतियोगिता में भाग लेने का आमंत्रण मिलना बड़ी चुनौती थी जो एक आत्मविश्वास को जगाती शीतल हवा सी थी तारीख़ जल्द क़रीब आ गई
1 अक्टूबर 8 अक्टूबर तक फ़िलिपींस (मनीला) में प्रतियोगिता होनी थी जिसके लिए कंचन और पूरे परिजनों ने एक बार फिर अपेक्षा की सीडियां चुन ली विश्व भर की प्रतिभावान 100 महिलाओं के बीच कंचन को फिर से एक बार अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करनी थी
प्रतियोगिता के कई पड़ावों एवं चरणों में कंचन लगातार वैश्विक जीत की और बढ़ती गई ख़ूबसूरती व्यवहार समाज को देखने का नज़रिया देवियों और आकर्षक भारतीय पक्षी नीलकंठ की वेशभूषा वैश्विक उत्थान के नज़रियों के हर परिक्षण में कंचन ने हँसते हुए भारत के प्रतिनिधित्व को सर्वोच्च स्थान पर ला खड़ा किया प्रतियोगिता की उद्घोषिका का अचानक किया गया ऐलान उम्मीदों से कहीं परे था जब मिसेज़ एलाइट यूनिवर्स के तौर पर कंचन को चुना गया ।
वहाँ उपस्थित लोग प्रतिभागी और दर्शक दीर्घा के बीच भारतीय तिरंगे में लिपटी कंचन ने उस किताब ताज को हासिल कर लिया । सूर्योदय से पहले उठना ,रोज़ाना व्यायाम ,धार्मिक आचरणों का संचालन, बेहतर लेखन का पठन पाठन ,अच्छा संगीत सुनना एवं स्वस्थ आहार का उपयोग कंचन की दिनचर्या में शुमार है आज वो 2 बच्चों शुभ- लाभ की माता का कर्तव्य निभाते हुए अपने वैवाहिक ज़िम्मेदारियों को भी बहुत ही अच्छे तरीक़े से निभा रही है कंचन का मानना है कि जीवन में उपलब्धियों और पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के बीच संतुलन का होना बेहद अनिवार्य हैं
उड़ान का अगला पड़ाव लगातार दस्तक दे रहा है भविष्य में वैश्विक स्तर पर प्रतियोगिता के निर्णायक की भूमिका में कंचन को कई देशों से आमंत्रण प्राप्त हो रहे हैं वो चाहती है परिवार जनों के सहयोग से उनकी महत्वकांक्षा जिस तरह पूरी हुई उसी तरह अन्य लोगो के उज्ज्वल सपने साकार हो भारत और छत्तीसगढ़ का नाम इसी तरह रोशन हो।