करक चतुर्थी ( करवा चौथ) विशेष :- सौभाग्यवती स्त्री के दाम्पत्य जीवन में पति सौख्य का प्रतीक ,परम पवित्र एवं प्रचलित करवा चौथ का व्रत…. आचार्य पं. अखिलेशधर द्विवेदी ज्योतिषाचार्य…

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सौभाग्यवती स्त्री के दाम्पत्य जीवन में पति सौख्य का प्रतीक ,परम पवित्र एवं प्रचलित करवा चौथ का व्रत 01 नवंबर बुधवार को संपूर्ण भारत वर्ष में किया जाएगा ।

तिथि – चतुर्थी तिथि का आरंभ मंगलवार की रात्रि 11:00 बजे से हो जाएगा एवं अगले दिन बुधवार की रात्रि लगभग 11:00 तक यह तिथि भोग करेगी । बुधवार 01 तारीख को सूर्योदय से लेकर रात्रि 11 बजे तक चतुर्थी तिथि प्राप्त होने के कारण यह व्रत बुधवार को ही करना उचित एवं शास्त्र सम्मत होगा। वैसे इस व्रत में चतुर्थी तिथि चंद्रोदय व्यापिनी ग्रहण करने योग्य है।

आचार्य पंडित अखिलेशधर द्विवेदी ज्योतिषाचार्य

यदि इस मत को भी देखें तो 01 तारीख बुधवार को दिन भर चतुर्थी तिथि भोग कर रही है , इस तिथि में ही चंद्रमा का उदय होगा । अतः यह व्रत बुधवार को की मान्य होगा। चंद्रोदय – 01 नवंबर. बुधवार को चंद्रमा का उदय रात्रि 08:00 बजे या इसके कुछ देर बाद होगा । अतः रात्रि 08:00 बजे के बाद चंद्रमा का दर्शन कर उनकी पूजा कर माताएं अपने व्रत को पूर्ण करेंगी एवं व्रत का पारण करेंगी।

आचार्य पं. अखिलेशधर द्विवेदी ज्योतिषाचार्य


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