श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में भाषाओं की जननी संस्कृत और उसका वैज्ञानिक महत्व पर व्याख्यान का आयोजन…..

IMG_20240505_194309.jpg

  भिलाई नगर 05 मई 2024:- बीएड के विद्यार्थियों में देव भाषा संस्कृत के प्रति रुझान एवं जागरूकता उत्पन्न करने हेतु व्याख्यान का आयोजन किया गया । जिसका विषय “भाषाओं की जननी संस्कृत और उसका वैज्ञानिक महत्व” था । जिसमें संस्कृत के इतिहास से लेकर वर्तमान समय में इसके महत्व विषय में सभी आवश्यक जानकारियां डॉ लक्ष्मी वर्मा के द्वारा प्रदान की गई ।

इस एक दिवासीय व्याख्यान को आयोजित करने का उद्देश्य शिक्षा विभाग की विद्यार्थी जो अब विभिन्न संस्थाओं में जाकर अध्यापन कार्य करेंगे उनके द्वारा संस्कृत का व्यापक प्रचार प्रसार करना था ।पीपीटी के माध्यम से संस्कृत के व्याकरण इसका प्रयोग किस प्रकार वेद, उपनिषद, संख्या सहित विभिन्न दर्शनों एवं आयुर्वेद गणित रसायन में प्रयोग करके एक परिपक्व भाषा के रूप में प्रस्तुत हुआ है ।

प्राचीन समय से लेकर वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नेशनल प्रोसेसिंग लैंग्वेज में संस्कृत की क्या भूमिका है इस पर भी व्यापक चर्चा की गई श्री शंकराचार्य महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर अर्चना झा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमको अपनी जड़ों से जुड़े हुए रहना आवश्यक है ।

तभी हम अपने वर्तमान को मजबूत कर सकते हैं जिससे वक्त की आंधी हमें उखाड़ नहीं सकती । हम अपने आप को संस्कृत जैसी समृद्ध व विकसित भाषा से जोड़कर वर्तमान को बेहतर और भविष्य को बेहतरीन बना सकते हैं।

संस्कृत में उन सभी आवश्यक तत्वों का समावेश है जो हमारे जीवन जीने की कला को सौंदर्यता प्रदान करती है महाविद्यालय के डीन एकेडमी डॉक्टर जे दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि शुरुआत में हमें संस्कृत भाषा बोलने और लिखने में कठिन जरूर महसूस होगी लेकिन लगातार प्रयोग से हम इसमें महारत हासिल कर सकते है । इस व्याख्यान में शिक्षा विभाग के सभी प्राध्यापक व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।


scroll to top