महादेव बैटिंग ऐप ब्रेकिंग:- चार्जशीट में नाम आने के बाद बढ़ सकती है भूपेश बघेल की मुश्किल इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस आया सामने… ईडी के सप्लीमेंट्री चार्ज शीट में नाम शामिल किए जाने को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया राजनीतिक पडयंत्र कहां राजनीतिक आकाओं के इशारे पर कर रही है कार्यवाही….

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रायपुर 7 जनवरी 2024:-: महादेव बेटिंग एप मामले में प्रवर्तन निदेशालय को एक 29 सेकंड का रिकार्डेड ऑडियो मेसेज मिला है, जिसके बाद कहा जा रहा है कि भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

महादेव बेटिंग एप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED)की चार्जशीट में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम सामने आने के बाद उनकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं. ईडी के एक इलेक्ट्रॉनिक हाथ एविडेंस लगा है. इसके बाद माना जा रहा है कि महादेव बेटिंग एप मामले में भूपेश बघेल को ईडी जल्द समन भेज सकती है. दरअसल, असीम दास के मोबाइल आईफोन 12 से ईडी को एक 29 सेकंड का रिकार्डेड ऑडियो मेसेज मिला है.।

ये मेसेज दुबई में बैठे शुभम सोनी ने असीम को भेजा था. यही इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ा सकता है. वॉइस नोट के जरिये भेजे गए इस ऑडियो मेसेज में शुभम सोनी असीम से कह रहा है “भाई तू एक काम कर अभी तू इंडिया निकल मुझे वहां से पैसे के लिए कॉल और मेसेज आ रहे हैं. मैं तुझे वहां पर रायपुर के ब्रांच से आठ- दस करोड़ दिलवा रहा हूं, तू उसे भूपेश बघेल के पास छुड़वा देना.”

ED कर रही भूपेश बघेल को समन भेजने की तैयारी

बता दें ईडी द्वारा गिरफ्तार आरोपी असीम और दुबई में बैठे महादेव एप के तथाकथित आरोपी शुभम सोनी के बीच का ये ऑडियो नोट ईडी ने असीम के मोबाइल फोन में व्हाट्सएप चैट से बरामद किया है. इसी व्हाट्सएप चैट के ऑडियो नोट और शुभम सोनी के मीडिया में जारी की गई उसकी वीडियो क्लिप में दिए गए उसके बयानों के आधार पर ईडी जल्द तत्कालीन SSP प्रशांत अगवाल और सीएम भूपेश बघेल को समन भेजने तैयारी कर रही है.

ईडी की जांच के मुताबिक, इस केस में अब तक छह लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इसमें दो सगे भाई सुनील दम्मानी, अनिल दम्मानी, छत्तीसगढ़ पुलिस का एसआई चंद्रभूषण वर्मा, एक कॉन्सटेबल भीम सिंह,कूरियर का काम करने वाला असीम दास और सतीश चंद्राकर शामिल हैं. गौरतलब है कि महादेव बेटिंग ऐप को दुबई में बैठकर छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ऑपरेट करते थे. ये दोनों महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर भी हैं.

ईडी की सप्लीमेंट्री चार्ज शीट में नाम आने के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि उन्होंने ही महादेव ऐप घोटाले की जांच शुरू कराई थी और जुआखोरी पर लगाम लगाना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘महादेव ऐप के घोटाले की जांच मैंने ही मुख्यमंत्री रहते हुए खुद शुरू की थी। मैं चाहता था कि इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो और युवाओं को जुआखोरी की ओर धकेल रहे इस अपराध पर रोक लगे। छत्तीसगढ़ सरकार की इस जांच के आधार पर ही ईडी धन-शोधन का मामला बनाकर जांच कर रही है लेकिन दुर्भाग्य है कि ईडी ने जांच को अपराध की बजाय राजनीतिक दबाव व बदनामी का हथियार बना लिया है। महादेव ऐप के पूरे मामले को जिस तरह से राजनीतिक रंग दिया गया है उससे साफ है कि इसका उद्देश्य अब असली अपराधियों को बचाने और राजनीतिक दुष्प्रचार कर भाजपा को फायदा पहुंचाने का ही रह गया है।’

बघेल ने कहा कि जिस असीम दास के पास से रुपए बरामद हुए थे उसने जेल से अपने हस्तलिखित बयान में कह दिया है कि उन्हें भी धोखे में रखकर फंसाया गया है और उन्होंने कभी किसी राजनेता व उनसे जुड़े लोगों को पैसा नहीं पहुंचाया। अब ईडी दावा कर रही है उसने यह बयान भी वापस ले लिया है। यह किस दबाव में हो रहा उसे सब जानते हैं। बघले ने कहा, ‘अब सवाल यह है कि ईडी ने जिस दिन कथित रूप से असीम दास से रुपए बरामद किए थे उस घटना की पूरी रिकॉर्डिंग ईडी के पास है। इसका मतलब है कि पूरी घटना पूर्व नियोजित थी और इसका मतलब यही है कि इसकी कूटरचना ईडी ने ही की थी।’

बघेल ने कहा, ‘ईडी ने दावा किया है कि चंद्रभूषण वर्मा ने भी अपना पहले का बयान वापस ले लिया है। हम तो शुरुआत से कह रहे हैं कि ईडी मारपीट से लेकर धमकी देने तक हर हथकंडे अपनाकर मेरा और मेरे सहयोगियों का नाम लेने का दबाव बना रही है। ईडी के नए दस्तावेज से यह और स्पष्ट हो गया है।’


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