रिसाली दिसंबर 2022:! नगर पालिक निगम रिसाली महापौर शशि सिन्हा की अध्यक्षता वाली परिषद ने गरीबों को टैक्स में 16 साल की छुट देने का बड़ा फैसला लिया है। महापौर परिषद ने निर्णय लिया है कि झुग्गी बस्ती में टैक्स का निर्धारण अब 2015 से किया जाए। दुर्ग ग्रामीण विधायक व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के सुझाव को अमल करते हुए एमआईसी ने टैक्स जमा नहीं करने पर लगने वाले अधिभार व दाण्डिक शुल्क को 2019 से लिए जाने के लिए एक स्वर में सहमत होते हुए प्रस्ताव पारित किया।
रिसाली निगम आय बढ़ाने के लिए बकायादारों से सख्ती से पेस आएगी। वहीं दूसरी ओर लक्ष्य को बढ़ाने नए टैक्स निर्धारण करने पर जोर दिया है। परिषद के सद्स्यों ने निर्णय लिया है कि निगम झुग्गी बस्ती में टैक्स वसूली करने अभियान चलाए। बस्ती में टैक्स का निर्धारण वर्ष 2015 से किया जाए। वहीं टैक्स जमा नहीं करने पर लगने वाले 8 प्रतिशत अधिभार व दाण्डिक शुल्क 1000 रूपए निगम गठन वर्ष 2019 से ली जाएगी। महापौर परिषद की बैठक में परिषद के सद्स्य चन्द्रभान सिंह ठाकुर, गोविन्द चतुर्वेदी, अनुप डे, सनीर साहू, परमेश्वर कुमार, सोनिया देवांगन, ईश्वरी साहू, आयुक्त आशीष देवांगन, कार्यपालन अभियंता एस.के. बाबर व विभाग प्रमुख उपस्थित थे।
चार हजार को मिलेगा लाभ
यह लाभ नेवई भाठा, स्टेशन मरोदा, पुरैना और रूआबांधा के झुग्गी बस्ती में रहने वालों को मिलेगा। वर्तमान में लगभग 4000 घर है जो टैक्स जमा नहीं कर रहें। ऐसे लोगों से टैक्स वसूली करने का निर्णय परिषद ने ली है।
50 प्रतिशत की छुट भी
झुग्गी बस्ती में रहने वालों को छुट भी दी जा रही है। अगर कोई व्यक्ति अपने आवास का टैक्स निर्धारण 2015 से कराकर एकमुश्त टैक्स जमा कराता है तो वह दाण्डिक शुल्क और अधिभार में 50 प्रतिशत छुट की पात्रता रखेगा।
नियम इन पर लागू नहीं
परिषद ने स्पष्ट किया है कि यह नियम केवल झुग्गी बस्ती के लिए है। रजिस्ट्री जमीन या निजी जमीन पर मकान बनाने अथवा कालोनी में रहने वालों पर लागू नहीं होगा। एमआईसी ने राजस्व विभाग को निर्देश दिए है कि टैक्स वसूली की समीक्षा प्रत्येक कार्य दिवस में किया जाए।
इसलिए बड़ी राहत
रिसाली निगम का गठन 3 वर्ष पहले हुआ है। वर्तमान में टैक्स दर निर्धारण भिलाई नगर निगम के दर को लागू किया गया है। टैक्स निर्धारण 1999 से कर बकाया राशि पर अधिभार व दाण्डिक शुल्क ली जा रही थी। यही वजह है कि टैक्स की राशि अधिक होने के कारण श्रमिक वर्ग टैक्स जमा करने में रूचि नहीं दिखा रहा था। इसे देखते हुए रिसाली निगम ने झुग्गी बस्ती में 1999 के बजाय अब 2015 से टैक्स निर्धारण करने प्रस्ताव पारित कर अमल में लाने निर्णय लिया।
रिसाली निगम क्षेत्र का बहुत बड़ा हिस्सा श्रमिक बाहुल्य है। टैक्स निर्धारण राशि अधिक होने के कारण वसूली संभव नहीं था। एमआईसी ने झुग्गी बस्ती में रहने वालों को टैक्स में छुट दी है। अब उन्हें टैक्स जमा करने में आसानी होगी। एमआईसी द्वारा प्रस्ताव पारित करने के बाद निगम श्रमिक बाहुल्य क्षेत्र मंे 2015 से टैक्स निर्धारण कर टैक्स की राशि जमा कराने प्रेरित कर रहा है।