भिलाई नगर 1 फरवरी 2024 :- केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा प्रस्तुत अंतिरम केंद्रीय बजट 2024 पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नगर निगम भिलाई के एमआईसी सदस्य कोसा नगर के पार्षद संदीप निरंकारी ने कहा है कि 9 सालों की तरह इस बार भी बजट पूरी तरह से झूठे वादों जुमलों और सब्जबाग दिखाने वाला बजट है वास्तव में आम जनता को इस बजट से कोई रहता या वास्तविक रियायत नहीं मिल सकती है फिर भी राजकोषीय घाटा पूरी तरह से अनियंत्रित है यह बजट देश की अर्थव्यवस्था को गलत में ले जाने वाला बजट है आयकर की दरों में भी किसी तरह का कोई राहत नहीं मिला है मध्यम वर्ग इससे पूरी तरह से निराश हुआ है।
सरकार की प्राथमिकताओं में क्या है यह इस बजट से स्पष्ट नहीं है क्योंकि जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए इस बजट में कोई जगह नहीं है खाद सब्सिडी मनरेगा न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के मध्य के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है।
अंतिम बजट आगामी 3 माह के लिए है लेकिन यह बजट 5 सालों के लिए रेखांकित किया गया है आगामी 5 वर्षों में 2 करोड़ घर बना देने की बात कही है महंगाई बेरोजगारी और बढ़ती आर्थिक समानता से निपटने का कोई रोड मैप इस बजट में नहीं है, 2 करोड़ युवाओं को बेरोजगारी से
अलग करने के लिए रोजगार देने की गारंटी के लिए इस बजट में कहीं कुछ व्यवस्था नहीं है देश के करोड़ों युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं महिलाओं की भागीदारी देश में लगातार घटती जा रही है किसानों की आमदनी कम होती जा रही है किसान आत्महत्या
कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के लिए अवसर पैदा करने वाली महत्वपूर्ण योजना महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के लिए बजट में प्रावधान निरंतर हर वर्ष
घटाया जा रहे हैं 2020-21 में 1 लाख 10 हजार करोड़ का बजट था वहीं उसे 2022-23 में 90806 करोड़ रखा गया था और इस बार बजट को घटकर 86 हजार करोड़ कर दिया गया है जिससे स्पष्ट है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के माध्यम से मिलने वाली रोजगार और उससे होने वाली आय से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को वंचित किया जा रहा है केंद्र की सरकार ने दुर्भावनापूर्वक प्रधानमंत्री अन्नदाता संरक्षण योजना में भी राशि घटा दी है।
कुल मिलाकर यह बजट महंगाई से जूझ रही जनता के लिए राहत देने के बजाय जनअधिकारों पर कुठाराघात करने वाला बजट है।