भिलाई नगर 11 सितंबर 2022:! संपूर्ण भारत वर्ष में 12 मार्च 2021 से 15 अगस्त 2023 तक चलने वाले आजादी का अमृत महोत्सव के तहत भिलाई निवास में प्रबुद्ध परिषद छत्तीसगढ़ द्वारा बौद्धिक व्याख्यान आयोजित किया गया, जिसका विषय था “स्वाधीनता आंदोलन में स्व गौरव”।
राष्ट्रवादी विचारक व लेखक डॉ सदानंद सप्रे ने मुख्य वक्ता के बतौर कहा कि स्वाधीनता आंदोलन पर पढ़ाए गए इतिहास में स्व का गौरव कहीं छूट गया है। इसे हमें पकड़ना है व पहचानना है । समाज के प्रबुद्ध जनों से आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि स्वरुचि से संबंधित विषयों का अध्ययन भारतीय दृष्टिकोण से करें जिसमें भारत का अपना स्व -तंत्र हो, इस तरह हर तंत्र का आज के समय के अनुरूप भारतीय करण करके स्वाधीन भारत को स्व-तंत्र किया जा सकता है और करना भी चाहिए। स्व-तंत्र का अर्थ है- अपना तंत्र अर्थात अपने विचारों पर आधारित तंत्र । गुलामी मानसिकता को बढ़ाने वाले शब्दों के बजाय स्व का गौरव बढ़ाने वाले शब्दों का प्रयोग हमें बोलचाल व लेखन में करना चाहिए ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक मिलिंद एम गद्रे ने कहा कि इतिहास में हमारे पूर्वजों के बारे में विभिन्न मत बताए गए । इस संबंध में स्व का गौरव करने वाले इतिहास को जानना ,पहचानना और आत्मसात करना है ।
कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रबुद्ध परिषद के प्रांतीय संयोजक अतुल नागले ने बताया कि प्रज्ञा प्रवाह, एक बौद्धिक आंदोलन है जिसका कार्य छत्तीसगढ़ में प्रबुद्ध परिषद के नाम से हो रहा है। उन्होंने अपने स्वागत भाषण में प्रबुद्ध परिषद के कार्यों को भी विस्तृत रूप से रेखांकित किया ।
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर ज्योति धारकर ने किया व आभार प्रदर्शन संजय कुमार मिश्र ने किया। कार्यक्रम का समापन शीला लाकुड़कर व हेमंत सगदेव द्वारा वंदे मातरम गीत से किया गया ।
इस कार्यक्रम में पूर्व कुलपति डॉ नरेंद्र दीक्षित, अजय डांगे ,हेमंत नायडू, शिवराम शुक्ला, दिलीप देशपांडे, कौशल कुमार साहू, एस एम चौथाईवाले, अंजनी द्विवेदी, रमेश माने , सिद्धेश नागले, उपासना साहू, सुधीर जोशी , विनोद मिश्र, अरुण श्रीवास्तव डॉक्टर कुबेर सिंह गुरुपंच, राजमणि दुबे, मुकुल पेंढारकर व अन्य प्रबुद्ध जन उपस्थित थे।