दया सिंह को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा में बड़ी जिम्मेदारी, 125 साल पुरानी संस्था अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के बनाए गए युवा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष….
– अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने जारी किया आदेश……
– मनोनयन पत्र में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री कुंवर राघवेंद्र सिंह “राजू” और राष्ट्रीय समन्वयक बचन सिंह राणा का हस्ताक्षर…..
– समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य के लिए दया सिंह को मिली है यह जिम्मेदारी….
– समाज के उन्नति-उत्थान के लिए सदैव तत्पर रहूंगा, वरिष्ठों की उम्मीदों पर उतरूंगा खरा: दया सिंह

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भिलाई नगर 04 सितम्बर 2022 :! दया सिंह को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा में बड़ी जिम्मेदारी, 125 साल पुरानी संस्था अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के बनाए गए युवा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने जारी किया आदेश मनोनयन पत्र में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री कुंवर राघवेंद्र सिंह “राजू” और राष्ट्रीय समन्वयक बचन सिंह राणा का हस्ताक्षर समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य के लिए दया सिंह को मिली है यह जिम्मेदारी समाज के उन्नति-उत्थान के लिए सदैव तत्पर रहूंगा, वरिष्ठों की उम्मीदों पर उतरूंगा खरा: दया सिंह

भारतीय जनता पार्टी के पार्षद और बोल बम सेवा एवं कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष दया सिंह को समाज में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। दया सिंह को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा में राष्ट्रीय युवा कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। उनकी नियुक्ति के लिए मनोनयन पत्र जारी हो गया है। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद प्रतापगढ़ कुंवर हरिवंश सिंह, वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री कुंवर राघवेंद्र सिंह राजू और राष्ट्रीय समन्वयक बचन सिंह राणा का हस्ताक्षर है। आपको बता दें कि यह संस्था 125 पुरानी संस्था है। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा का पंजीयन 1897 में हुआ था।

दया सिंह का प्रभार क्षेत्र पूरा देश होगा। समाज में उनके कार्यों को देखते हुए अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा में उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। नियुक्ति करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि, जिम्मेदारी देते हुए आपसे अपेक्षा है कि आप तन, मन, धन से क्षत्रिय समाज एवं राष्ट्र संगठन की सेवा करते रहेंगे और दायित्व का निर्वहन करते हुए संगठन की गरिमा और अनुशासन का पूर्णरूपेण पालन करेंगे।


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