ब्रेकिंग: राजस्थान सरकार के पलटवार से फर्जी अभियानकारी आलोक शुक्ला अब चुप…….

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सरगुजा 12 सितंबर 2022 :! राजस्थान राज्य के विद्युत् निगम ने उसकी छत्तीसगढ़ स्थित तीन कोयला खदानों के बारे में रोजाना भारी खर्चे से चलाये जा रहे झूठे प्रचार पर आख़िरकार पलटवार कर ही दिया। उसके बाद लगातार आरोप लगाने वाले पेशेवर अभियानकारीओ के सरगना ने अब इस विषय में चुप्पी साध ली है। राजस्थान राज्य विद्युत् उत्पादन निगम द्वारा आलोक शुक्ल को ट्विटर पर दिया गया जवाब अभी व्हाट्सप्प ग्रूपो में फ़ैल रहा है और सरगुजा जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।…….

कथित आन्दोलनकारीओं के विरोध में आगे भी सुरगुजा के लोगो में असंतोष फैला हुआ है परन्तु उनके द्वारा जुटाए गए दैनिक वेतन भोगी, जमीन के घोटालेबाजो और कुछ किराए के असामाजिक तत्वों से डरे हुए लोग खुलकर आने से झिज़कते है। हालाँकि राजस्थान निगम के सचोट जवाब से अब स्थानीय भी खुश है और आशा करते है की जल्द ही पिईकेबी, परसा और केते एक्सटेंशन खदाने शुरू होने से जिले में कुछ 20,000 लोगो के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार शुरू हो पाएंगे और राज्य को भी भारी राजस्व मिलेगा।

रायपुर स्थित शुक्ला ट्विटर पर अपने दोगले और खोखले बयानों के लिए जाने जाते है और ऊपरसे अपने पोस्ट को काफी प्रमोट भी करते रहते है। इसी श्रृंखला में अलोक शुक्ला दो दिन पहले फिर एक बार अपना संयम खो बैठे और ट्विटर लिख दिया की, “मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत हसदेव के जंगलों का विनाश करके कोयला क्यों लेना चाहते है, जबकि राजस्थान पावर प्लांटों में परसा ईस्ट केते बासेन सस्ता कोयला secl कोरबा से जा रहा है।” लगे हाथो इस शख्सने MDO कांट्रेक्टर की भी बिना वजह आलोचना कर दी और राजस्थान सरकार पर दबे शब्दों में गलत शलत आरोप लगा दिए।

इस बार राजस्थान के अधिकारी चुप नहीं रहे और @RVUNCoalBlock हैंडल द्वारा साफ़ कर दिया की,” राजस्थान उत्पादन निगम के 3240 मेगावाट क्षमता एवं 4340 मेगावाट क्षमता के विदूयतगृहों को कोल की आपूर्ति क्रमशः कॉल इंडिया एवं उत्पादन निगम को आवंटित खदानों से की जाती है। अगर जल्द ही पीइकेबी खदान प्रारंभ कर कोयले की आपूर्ति प्रारम्भ नहीं हुई तो उत्पादन निगम के संयंत्रों को गंभीर परिस्थिति का सामना करना होगा। कुछ स्वार्थी तत्व अपने निजी स्वार्थवह गलत एवम भ्रामक खबरे प्रचारित कर हैं।”

जैसे की होता आया है, विदेशी चंदे से लगाई गयी सोशल मीडिया एजेंसी जब शुक्ला के बेतुके बयान को इन्फ्लुएंसेरो से लिखे करवा रही थी तभी कुछ जागृत लोगो ने शुक्ला को तथ्य के साथ ट्विटर पर जवाब देना भी शुरू कर दिया। फिर होना क्या था। लग गए शुक्ला सच बोलने वालों को ब्लॉक करने में ताकि वह सत्य से सामना नहीं कर सकते और यह बार बार साबित हुआ है। आज करीब दो महीने ज्यादा का समय हुआ जब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश ने शुक्ला को सीधे सीधे कह दिया था की उसे अगर कोयले से तकलीफ है तो अपने घर की बिजसरकार ली कटवा ले। आज तक शुक्ला ने ना ही अपने एक भी घर की बिजली कटवाई और ना ही अपनी गाडी को छोड़ ट्रैन में सफर किया। हालाँकि शुक्ला आदिवासीओ को बिजली और रोजगार से वंचित रखने का कडा प्रयास कर रहा है। अगस्त 15 से लेकर आज तक में सुरगुजा में राजस्थान की खदान बंद होने से करीब 4000 से 5000 लोगो का रोजगार छीने जाने की खबर है। उसके बाद शुक्ला सुरगुजा में खुलकर आने में कतरा रहा है।


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