मनेंद्रगढ़- चिरमिरी- भरतपुर 18 सितम्बर 2022 : रमदहा वाटरफॉल में पर्यटकों की डूबकर मृत्यु होने की घटना की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर शीघ्र ही पुख्ता प्रबंध करने जा रहा है। इस वाटरफॉल के एकदम नजदीक जाकर नहाने, तैरने और सेल्फी लेने की रोकथाम के लिए 500 मीटर के दायरे में रेलिंग लगाई जाएगी। कलेक्टर पी.एस. धु्रव ने 17 सितम्बर को अधिकारियों की टीम के साथ दो किलोमीटर पैदल चलकर रमदहा वाटरफॉल पहुंचे और वहां की स्थिति का जायजा लिया।….
पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर उन्होंने वाटरफॉल के एकदम नजदीक जाने के रास्ते को फिलहाल पत्थरों से तत्काल बंद करवाने के निर्देश दिए। दरअसल रमदहा जलप्रपात जाने के मार्ग में पर्यटकों का एक वाहन फंस जाने की वजह से रास्ता बाधित हो गया था, जिसकी वजह से कलेक्टर धु्रव अधिकारियों की टीम के साथ यहां पैदल चलकर पहुंचना पड़ा।
गौरतलब है कि रमदहा फॉल मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला मुख्यालय से लगभग 140 किलोमीटर दूर भरतपुर जनपद में स्थित है। यह झरना एक छोटी सी पहाड़ी से निकलता है, इसकी ऊंचाई लगभग 120 फीट है। जंगलों के बीच स्थित रमदहा वाटरफॉल प्राकृतिक और बेहद मनोरम है। यह वाटरफॉल बनास नदी के किनारे स्थित है। इस वाटरफॉल से प्रवाहित जल बनास नदी में जाता है। इस वाटरफॉल को देखने के लिए हमेशा पर्यटक बड़ी संख्या आते रहते हैं। रमदहा जलप्रपात बहुत ही गहरा है, यहां जाने पर सावधानी का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। बीते दिनों मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के 6 पर्यटकों की मृत्यु रमदहा वाटरफॉल में डूबने की वजह से हो गई थी। इस वाटरफॉल के नजदीक जाकर नहाना, तैरना अथवा सेल्फी लेना बेहद खतरनाक है, क्योंकि यहां की बारीक रेत कब पैरों के नीचे से फिसल जाए और आप गहरे पानी में चले जाए पता ही नहीं चल पाता। ग्रामीणों के बताए मुताबिक रमदहा वाटरफॉल में डूबने की वजह से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है।
कलेक्टर पी.एस. धु्रव ने पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर वाटरफॉल से 500 मीटर को रेलिंग से घिरवाने के साथ ही रमदहा जलप्रपात को देखने के लिए पाथवे बनवाने के साथ ही सुरक्षित जगह सेल्फी प्वाइंट की व्यवस्था कराने के साथ ही इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना तैयार करने की निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने रमदहा जलप्रपात स्थल पर पर्यटकों के लिए सुरक्षा संबंधी चेतावनी का बोर्ड लगाए जाने के भी निर्देश दिए। इस दौरान तहसीलदार अशोक सिंह, जनपद सीईओ अनिल अग्निहोत्री, मनरेगा पीओ के.पी. सिंह एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।