भिलाई नगर ,18 सितंबर 2022:! । छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक सुप्रसिद्ध संस्था लोकमन्जरी के तीसवें स्थापना दिवस पर प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि किसी सांस्कृतिक संस्था का तीस साल का सफर अनुकरणीय है। इससंस्था में किसी भी तरह का व्यवसायिक दृष्टिकोण नहीं है। यही कारण है, कि यहां के सभी सदस्य एक सूत्र में बंधे हैं। यहां इतने विभाग हंै, जितना किसी व्यवसायिक संगठन में भी नहीं होते। सभी अपने-अपने विभागों का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन करते नजर आते हैं।…
रिसाली सेक्टर स्थित दिवंगत अलख यादव परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री साहू ने आगे कहा कि इनके द्वारा विभिन्न गीत-संगीत जनजातियों पर शोध का काम करना उपलब्धि भरा कार्य है। लोकमन्जरी संस्कृति का एक आधार स्तंभ है। श्री साहू ने लोकमंजरी प्रबंधन द्वारा दिये गए मांग पत्र पर यथाशीघ्र कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अब छतीसगढ़ की बोली का भी प्रशिक्षण दिया जाना चाहिये। इन दिनों दिल्ली के छत्तीसगढ़ सदन में फरा ठेठरी खुरमी रखकर खाद्य विरासत की जानकारियां दी जाती हैं। अध्यक्षता रिसाली महापौर शशि सिन्हा ने की।
विशेष अतिथि सभापति केशव बंछोर थे। प्रारंभ में स्वागत भाषण तरुण निषाद ने दिया। लोकमन्जरी के संस्थापक-संयोजक पुन्नू यादव ने संस्था के तीस साल के उपलब्धियों व कार्यो की विस्तृत जानकारी दी। आयोजन के दौरान मुख्य अतिथि ताम्रध्वज साहू ने संस्था के ब्रोशर, डॉ. सरिता यशवंत साहू की कृति ‘ओड़ जाति की लोककथाएंÓ व ‘लाली आँछी लुगराÓ के पोस्टर का विमोचन किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से विशेष आमंत्रित सदस्य अरुण वर्मा, दुर्वासा टंडन, चित्रकार हरीसेन,पार्षद विलास बोरकर, सनीर साहू, परमेश्वर, ममता यादव,
जहीर अब्बास, विनय नेताम डॉ.सीमा साहू, जमुना ठाकुर, एल्डरमेन अजीत यादव, मोहम्मद निजाम, महामंत्री चन्द्रकांत कोरे, पुष्पलता नेताम, तथागत यादव, लोकेश्वर साहू, शत्रुघ्न धनकर, देवकुमारी बघेल, राकेश देशमुख,यशवंत साहू,गोकुल वर्मा, नूतन देशमुख,दीप शर्मा,संस्कृति वर्मा,जगतपाल,सन्तोष यादव,कौशल्या,पुरुषोत्तम देशमुख, आर्यन, निर्मल देवदास,लोकूमल होतवानी,लक्ष्मी कँवर आदि उपस्थित थे। संचालन डॉ. सरिता साहू एवं आभार व्यक्त जनपद सदस्य एवं लोकमंजरी के संस्थापक सदस्य टिकेश्वरी देशमुख ने किया।