दुर्ग सेन्ट्रल जेल में कुख्यात अपराधियों को मिल रहा था वीआईपी सुविधा…..कलेक्टर और SP की टीम सहित छापामारी में दिखा चौंकाने वाला नजारा…….काजू, किसमिस से लेकर मोबाइल फोन, उस्तरा, ब्लेड और मिला चिलम, बीड़ी सिगरेट….

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दुर्ग 27 मार्च 2024 :-  दुर्ग सेन्ट्रल जेल में कुख्यात अपराधियों को वीआईपी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस खुलासा आज उस वक्त हुआ जब कलेक्टर और एसपी ने टीम सहित यहां अचानक छापामारी की। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर की गई इस छापेमारी में जेल के अंदर काजू किसमिस से लेकर मोबाइल फोन, उस्तरा, ब्लेड और चिलम बीड़ी सिगरेट जैसी प्रतिबंधित सामान मिलना चौंकाने वाला रहा।


दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी और एसपी जितेंद्र शुक्ला ने अपनी पूरी टीम के साथ आज सुबह 5 बजे सेन्ट्रल जेल दुर्ग में छापा मारा। इस दौरान उनके साथ एएसपी अभिषेक झा और 96 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। जब वे जेल की बैरक में पहुंचे तो चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई। इस पर एसपी शुक्ला ने जेल अधीक्षक को जमकर फटकार लगाई।


एएसपी अभिषेक झा ने बताया कि जब उन्होंने जेल के अंदर रेड मारी तो कई आपत्तिजनक चीजें पाई गईं। जेल में बंद कुख्यात बदमाशों को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। सभी चर्चित आरोपियों को नवीन जेल परिसर में रखा गया था। जब दुर्ग एसपी अपनी टीम के साथ पहुंचे तो देखा कि सभी आरोपी मोटे गद्दे पर सोए हुए हैं।

इनके गद्दे के नीचे से काजू, बादाम और किशमिश जैसे महंगे ड्राई फ्रूट्स मिले। जब एसपी ने इसके बारे में पूछा तो जेल अधीक्षक कोई जवाब नहीं दे पाए। इसके अलावा मोबाइल फोन, सिम, उस्तरा, ब्लेड, चाकू जैसा धारदार हथियार, चिलम, बीड़ी सिगरेट और गुटका तंबाकू जैसी प्रतिबंधित चीजें भी छापे के दौरान कैदियों से बरामद की गई।


गौरतलब रहे कि दुर्ग जिले में कई कुख्यात अपराधी इस समय बंद है। इसमें सबसे चर्चित नाम गैंगेस्टर तपन सरकार और उपेंद्र सिंह उर्फ कबरा का नाम सबसे बड़ा है।

गैंगेस्टर तपन पर हत्या सहित अन्य अपराध दर्ज हैं। उसे नवीन जेल के सेक्टर बी में एक बैरक में रखा गया था। उपेंद्र सिंह उर्फ कबरा वहीं अपराधी है, जिसने जेल में पेशी जाते समय पूरी की पूरी ट्रेन हाईजैक कर ली थी। दीपक नेपाली महादेव सट्टा एप का बड़ा मास्टर माइंड है। वह भी यहां कई महीनों से सजा काट रहा है।

छापे से पहले चक्कर अधिकारी को लिया गया साथ
दुर्ग पुलिस ने बुधवार तड़के जब जेल में छापेमारी की तो उससे पहले वहां के चक्कर अधिकारी अशोक साव को लेने पहुंची। पुलिस ने उसे इसलिए सबसे पहले बुलाया ताकि वो किसी को इसकी सूचना ना दे सके। साव को लेने जाने पर उसकी पत्नी पुलिस अधिकारियों से झगड़ा करने लगी।

बाद में काफी समझाने के बाद उसे साथ में जाने दिया। अशोक साव जेल का चक्कर अधिकारी है। कोई भी कैदी किसी से मुलाकात करने या कोई भी सामान कैदी तक पहुंचने से पहले चक्कर अधिकारी के पास से गुजरेगा। इसलिए ऐसा आरोप है कि जेल में जो भी प्रतिबंधात्मक चीजे होती मिली हैं उसमें अशोक साव की भूमिका संदिग्ध है।


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