बिलासपुर 24 जुलाई 2024:- आबकारी प्रधान आरक्षक 30 (तीस) वर्ष की सेवा के पश्चात् तृतीय समयमान वेतनमान का पात्रग्राम-खैरताल, पोस्ट-अर्जुनी, जिला-बलौदा बाजार निवासी कुन्जराम ध्रुव की वर्ष 1989 में आबकारी आरक्षक के पद पर प्रथम नियुक्ति हुई थी। वर्ष 2020 में उनका मुख्य आरक्षक के पद पर प्रमोशन हुआ एवं 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर 30 अप्रेल 2024 को सेवानिवृत्त हुए।
30 (तीस) वर्ष की सेवाअवधि पूर्ण करने के पश्चात् भी उन्हें तृतीय समयमान वेतनमान प्रदान ना किये जाने से क्षुब्ध होकर कुन्जराम ध्रुव द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं देवांशी चक्रवर्ती के माध्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई। अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं देवांशी चक्रवर्ती द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया . .
छ.ग. शासन, वित्त विभाग, रायपुर द्वारा 28 अप्रैल 2008 को जारी सर्कुलर के तहत छ.ग. शासन के अधीन शासकीय कर्मचारी 10 वर्ष की सेवा अवधी पूर्ण होने पर प्रथम समयमान वेतनमान, 20 वर्ष की सेवा अवधी पूर्ण होने पर द्वितीय समयमान वेतनमान इसके साथ ही छ.ग. शासन, वित्त विभाग, रायपुर द्वारा 8 अगस्त 2018 एवं 25 जनवरी 2021 को जारी सर्कुलर के तहत् जो शासकीय कर्मचारी 01 जनवरी 2016 या उसके पश्चात् 30 (तीस) वर्ष की सेवा अवधी पूर्ण कर चुके हैं.
वे तृतीय समयमान वेतनमान के पात्र हैं। चूंकि याचिकाकर्ता 1 जनवरी 2016 के पश्चात् सितम्बर 2019 में 30 (तीस) वर्ष की सेवा अवधी पूर्ण कर चुका है अतः याचिकाकर्ता तृतीय समयमान वेतनमान का पात्र है। उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका को स्वीकार कर आयुक्त, आबकारी विभाग एवं अपर आयुक्त, आबकारी विभाग, रायपुर को यह निर्देशित किया गया कि वे याचिकाकर्ता को सितम्बर 2019 से तृतीय समयमान वेतनमान एवं उसका एरियर्स राशि प्रदाय किये जाने हेतु याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन का तत्काल निराकरण करें।